नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को लेकर अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके 'आप'ने इतना तो साफ कर दिया कि हरियाणा और चंडीगढ़ में गठबंधन करने से कांग्रेस ने इनकार कर दिया है. वहीं, दिल्ली में गठबंधन पर अब भी संशय की स्थिति बनी हुई है.
सिसोदिया ने कहा, 'आम आदमी पार्टी का जन्म कांग्रेस के भ्रष्टाचार से लड़ते हुए हुआ था, लेकिन अमित शाह और मोदी की जोड़ी जिस तरह लोकतंत्र के लिए खतरा बनी हुई है, उसे देखते आम आदमी पार्टी ने गठबंधन पर विचार किया.'
'कांग्रेस ने साफ मना कर दिया'
सिसोदिया ने कहा हरियाणा में कांग्रेस सभी सीटें हारने जा रही है, लेकिन अगर गठबंधन हो जाए, तो वहां की 10 सीटों पर बीजेपी को हरा सकते हैं. इसलिए जेजेपी, 'आप' और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर हमने कांग्रेस को प्रस्ताव दिया था.
सिसोदिया ने यह भी कहा कि हरियाणा में हम 6:3:1 के फार्मूले पर गठबंधन करना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस नहीं मानी. फिर हमने जेजेपी से बात की और कांग्रेस के सामने 7:2:1 का फार्मूला रखा, इसपर जेजेपी भी तैयार थी, लेकिन शुक्रवार की रात कांग्रेस ने साफ मना कर दिया कि वे हरियाणा और चंडीगढ़ में गठबंधन नहीं करेंगे.
मोदी-शाह जीते तो कांग्रेस जिम्मेदार
संजय सिंह ने कहा कि इन 18 सीटों पर अगर गठबंधन होता, तो भाजपा सत्ता में नहीं आती. उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में हमारे 20 विधायक और चार सांसद हैं, लेकिन वहां भी कांग्रेस गठबंधन के लिए नहीं मानी. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी सत्ता में आई, तो सीधे तौर पर कांग्रेस जिम्मेदार होगी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेताओं ने इस बात पर तो जोर दिया कि हरियाणा और चंडीगढ़ के लिए कांग्रेस ने मना कर दिया है, लेकिन स्पष्ट तौर पर यह नहीं कहा कि वे केवल दिल्ली में गठबंधन नहीं करेंगे.
गठबंधन को लेकर पत्रकारों के सवाल के जवाब मनीष सिसोदिया ने सिर्फ कहा, 'नहीं' लहजे से स्पष्ट है कि अभी भी गठबंधन की संभावनाएं बनी हुई है. इसलिए शनिवार को प्रस्तावित 3 उम्मीदवारों के नामांकन को आम आदमी पार्टी ने टाल दिया था.