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CBI की चार्जशीट में खुलासा, सफदरजंग अस्पताल के न्यूरो सर्जन ने मरीजों से अवैध रूप से लिए तीन करोड़ रुपए - सफदरजंग अस्पताल के डॉ मनीष रावत गिरफ्तार

दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ मनीष रावत और अन्य छह के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दायर की है. इसमें खुलासा हुआ है कि पिछले दो सालों में डॉ. रावत ने मरीजों से इलाज में तेजी लाने के नाम पर अवैध रूप से करीब 3 करोड़ रुपये लिए.

Neurosurgeon illegally took Rs 3 crore
Neurosurgeon illegally took Rs 3 crore
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Published : Jun 2, 2023, 3:20 PM IST

नई दिल्ली: सीबीआई ने सफदरजंग अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ मनीष रावत एवं छह अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की है, जिन्हें मरीजों के इलाज में तेजी लाने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जांच में खुलासा हुआ है कि रावत ने कथित तौर पर पिछले दो साल में मरीजों से 2.5 करोड़ रुपये से 3 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की और इसे अपनी पत्नी की शेल कंपनियों में निवेश किया. सीबीआई ने 30 मार्च को डॉ. रावत और उसके चार सहयोगियों, कनिष्क सर्जिकल के प्रोपराइटर दीपक खट्टर और बिचौलियों अवनीश पटेल, मनीष शर्मा और कुलदीप कुमार को रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था.

बाद में सीबीआई ने खट्टर के दो और साझेदारों को तलब किया और उन्हें अपने आरोप पत्र में आरोपी बनाया. पटेल, रावत के लिए काम कर रहा था, जबकि शर्मा और कुमार खट्टर के लिए काम करते थे. जांच के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट में जांच अधिकारी अनिल कुमार द्वारा पांच हजार से अधिक पृष्ठों की चार्जशीट दायर की गई थी. जांच में पता चला कि रावत ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर प्रत्यारोपण की लागत के नाम पर मरीजों से अवैध धन प्राप्त करने की साजिश रची. एक सूत्र ने चार्जशीट का हवाला देते हुए कहा कि जांच में यह भी पाया गया है कि आरोपी ने पिछले दो साल में मरीजों से 2.5 करोड़ से 3 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की थी. सूत्र ने दावा किया कि उसने अवैध धन को बाद में अपनी पत्नी की शेल कंपनियों में निवेश किया था.

यह भी पढ़ें-Delhi Liquor Scam: सीबीआई मामले में सिसोदिया सहित चारों आरोपितों के खिलाफ ट्रायल शुरू, 6 जुलाई को अगली सुनवाई

जांच में यह भी सामने आया कि पटेल और शर्मा, रावत की न्यूरोलॉजी ओपीडी के बाहर बैठते थे और कथित तौर पर मरीजों के परिचारकों को निशाना बनाते थे. इसी के तहत अपने पिता और बच्चे का इलाज कराने आए परिचारकों से पटेल ने संपर्क किया और उन्हें एक पैकेज डील की पेशकश की. इसके तहत उन्होंने सर्जरी के लिए शीघ्र नियुक्ति के लिए भुगतान करने, कनिष्क सर्जिकल से सर्जरी के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए सहमत होने और इलाज के बाद डॉक्टर से मुफ्त परामर्श का आश्वासन देने के लिए कहा.

सौदा करने के बाद पटेल और शर्मा उनसे मनीष और कुलदीप के बैंक खातों से जुड़े नंबरों के जरिए ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहते थे. सीबीआई को यह भी जानकारी मिली कि खट्टर के पास एक डायरी है, जिसमें उसने कथित रूप से मौद्रिक लेनदेन, बढ़े हुए चालान और कमीशन के खिलाफ किए गए भुगतान का रिकॉर्ड बनाया है, लेकिन सीबीआई को अभी तक यह डायरी नहीं मिली है.

यह भी पढ़ें-AIIMS: ध्वनि और धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एम्स प्रशासन ने की अनोखी पहल

नई दिल्ली: सीबीआई ने सफदरजंग अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ मनीष रावत एवं छह अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की है, जिन्हें मरीजों के इलाज में तेजी लाने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जांच में खुलासा हुआ है कि रावत ने कथित तौर पर पिछले दो साल में मरीजों से 2.5 करोड़ रुपये से 3 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की और इसे अपनी पत्नी की शेल कंपनियों में निवेश किया. सीबीआई ने 30 मार्च को डॉ. रावत और उसके चार सहयोगियों, कनिष्क सर्जिकल के प्रोपराइटर दीपक खट्टर और बिचौलियों अवनीश पटेल, मनीष शर्मा और कुलदीप कुमार को रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था.

बाद में सीबीआई ने खट्टर के दो और साझेदारों को तलब किया और उन्हें अपने आरोप पत्र में आरोपी बनाया. पटेल, रावत के लिए काम कर रहा था, जबकि शर्मा और कुमार खट्टर के लिए काम करते थे. जांच के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट में जांच अधिकारी अनिल कुमार द्वारा पांच हजार से अधिक पृष्ठों की चार्जशीट दायर की गई थी. जांच में पता चला कि रावत ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर प्रत्यारोपण की लागत के नाम पर मरीजों से अवैध धन प्राप्त करने की साजिश रची. एक सूत्र ने चार्जशीट का हवाला देते हुए कहा कि जांच में यह भी पाया गया है कि आरोपी ने पिछले दो साल में मरीजों से 2.5 करोड़ से 3 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की थी. सूत्र ने दावा किया कि उसने अवैध धन को बाद में अपनी पत्नी की शेल कंपनियों में निवेश किया था.

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जांच में यह भी सामने आया कि पटेल और शर्मा, रावत की न्यूरोलॉजी ओपीडी के बाहर बैठते थे और कथित तौर पर मरीजों के परिचारकों को निशाना बनाते थे. इसी के तहत अपने पिता और बच्चे का इलाज कराने आए परिचारकों से पटेल ने संपर्क किया और उन्हें एक पैकेज डील की पेशकश की. इसके तहत उन्होंने सर्जरी के लिए शीघ्र नियुक्ति के लिए भुगतान करने, कनिष्क सर्जिकल से सर्जरी के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए सहमत होने और इलाज के बाद डॉक्टर से मुफ्त परामर्श का आश्वासन देने के लिए कहा.

सौदा करने के बाद पटेल और शर्मा उनसे मनीष और कुलदीप के बैंक खातों से जुड़े नंबरों के जरिए ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहते थे. सीबीआई को यह भी जानकारी मिली कि खट्टर के पास एक डायरी है, जिसमें उसने कथित रूप से मौद्रिक लेनदेन, बढ़े हुए चालान और कमीशन के खिलाफ किए गए भुगतान का रिकॉर्ड बनाया है, लेकिन सीबीआई को अभी तक यह डायरी नहीं मिली है.

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