नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर हो रहे प्रदर्शन के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पुलिस और छात्रों के साथ हुई मारपीट का मामला तूल पकड़ चुका है. मंगलवार को दिल्ली के बहुत से इलाके बंद रहे. इस दौरान लोगों ने मार्च निकालकर सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की.
मामले को लेकर आजाद मार्किट के बाड़ा हिन्दू राव इलाके में हिन्दू मुसलमानों ने मिलकर एक बड़ा प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की ओर से जामिया छात्रों पर की गई लाठीचार्ज की सख्त निंदा की और सीबीआई जांच की मांग की.
'धार्मिक ध्रुवीकरण करके अस्थिरता'
इस अवसर पर समाज सेवी पीरजी नईम अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा देश में खुशहाली और शांति स्थापित करने के बजाय अस्थिरता फैलाने की है. उन्होंने ये भी कहा कि मोदी सरकार का नागरिकता विधेयक में संशोधन करने का मकसद केवल देश में धार्मिक ध्रुवीकरण करके अस्थिरता फैलाना है.
सय्यद शाहिद और आमिर कुरैशी का कहना था कि जामिया में जिस तरह से पुलिस का रवैया रहा, वह बेहद दर्दनाक है. उन्होंने कहा कि लड़कियों पर भी पुलिस ने बल का प्रयोग किया और पूरे विश्वविद्यालय में आंसू गैस के गोले भारी संख्या में दागे, जिसकी जितनी भी निंदा की जाए उतनी कम है. प्रदर्शन में मोहम्मद रियाज़ , इक़बाल शाह जी, अज़रान, समीर खान, आसिफ, फखरुद्दीन, गुलज़ार अंसारी के अलावा सैकड़ों लोगों ने भाग लिया.