नई दिल्ली: अब न्यूक्लियर या बायोलॉजिकल अटैक जैसी आपदा से निपटने में भी दिल्ली सक्षम होगा. इसके लिए राजधानी दिल्ली के सबसे बड़े अस्पताल लोकनायक में भी अब प्रदेश का पहला डिकोंटामिनेशन सेंटर या CBRN सेंटर बनाया गया है. यह राज्य का पहला डीकंटामिनेशन सेंटर है. डिजास्टर मैनेजमेंट के तहत यह केंद्र बनाया गया है. यह सेंटर केमिकल, बायोलॉजिकल रेडिएशन और न्यू क्लियर (CBRN) से जुड़े डिजास्टर की स्थिति में मरीजों के इलाज में काम आएगा.
CBRN की आपात स्थिति से निपटने के लिए सेंटर
बता दें कि हाल ही में संपन्न G20 समिट के दौरान सीबीआरएन की आपात स्थिति से निपटने के लिए एम्स और सफदरजंग अस्पताल में अस्थाई तैयारी करके केंद्र बनाया गया था. इसी क्रम में लोकनायक अस्पताल ने भी अपनी तैयारी के साथ CBRN केंद्र बनाया था. अस्पताल में एक्सीडेंट एवं इमरजेंसी विभाग की उप चिकित्सा अधीक्षक एवं डिजास्टर मैनेजमेंट की विशेषज्ञ डॉक्टर ऋतु सक्सेना ने बताया कि हमने स्थाई सेंटर बनाया है, जिसका मकसद किसी भी प्रकार के CBRN डिजास्टर की स्थिति में आए मरीज को पहले डीकंटामिनेट (शुद्धिकरण) करना होता है. ताकि काेई भी वायरस या बैक्टीरिया उसी स्तर पर राेका जाए. उसके बाद राेगी काे वार्ड या आईसीयू में शिफ्ट कर दिया जाता है.
अस्पताल के 50 स्टाफ को दिया गया प्रशिक्षण
डॉक्टर ऋतु ने ये भी कहा कि मरीज अगर किसी केमिकल या बायोलॉजिकल तरीके से संक्रमित हुआ है तो उसके बाहरी शरीर में लगे केमिकल को हटाना जरूरी होता है ताकि मरीज पर और ज्यादा प्रभाव ना पड़े. साथ ही संपर्क में आने वाले लोगों पर भी असर कम हो. डॉक्टर ने बताया कि इसके लिए सेफ्टी गार्ड आदि की जरूरत होती है जो हमारे पास उपलब्ध हैं. केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडिएशन और न्यूक्लियर से जुड़े डिजास्टर की स्थिति में यह सेंटर इलाज और प्रबंधन के काम में आएगा. अस्पताल के 50 स्टाफ को इसके लिए प्रशिक्षण दिया गया है. अब यह सेंटर हमेशा के लिए तैयार रहेगा. हालांकि, डॉक्टर ने कहा कि इसकी जरूरत कम होती है.
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