नई दिल्ली/गाजियाबाद: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है. मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी कहते हैं. भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी सभी पापों और कष्टों का निवारण करके मोक्ष को प्रदान करती है. मोक्षदा एकादशी तिथि पर ही श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से शरीर मन और आत्मा शुद्ध होती है.
इस व्रत का फल अश्वमेध यज्ञ करने जितना बताया गया है. मोक्षदा एकादशी साल की आखिरी एकादशी है. विष्णु पुराण में मोक्षदा एकादशी का व्रत का फल साल भर में पड़ने वाली 23 एकादशियों के व्रत करने के बराबर बताया गया है. मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से पिता प्रसन्न होते हैं. मोक्षदा एकादशी व्रत के प्रभाव से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. मोक्षदा एकादशी के व्रत के दिन विधि विधान से पूजा अर्चना करने और व्रत रखने से घर में आर्थिक संपन्नता का स्थायी वास होता है.
० पूजा विधि
मोक्षदा एकादशी के दिन सुबह प्रातः काल उठें. स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ सुथरा कपड़े पहने और व्रत का संकल्प करें. घर के मंदिर में दीप जलाएं. चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित कर जलाभिषेक करें. मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को धूप, दीप, नैवेद्य से पूजा करें. निराहार व्रत रहे. इस दिन एकादशी व्रत की कथा और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ जरूर करें. आवश्यकता हो तो थोड़ा अल्पाहार या फलाहार अथवा दूध आदि ले सकते हैं. एकादशी का परायण अगले दिन प्रातः काल होगा.
ये भी पढ़ें :Mokshada Ekadashi : मोक्ष प्राप्ति के लिए करें भगवान विष्णु की पूजा, जानें व्रत की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
० मोक्षदा एकादशी का शुभ मुहूर्त
. मोक्षदा एकादशी प्रारंभ: 22 दिसंबर (शुक्रवार) 08:16 प्रात: से शुरू.
. मोक्षदा एकादशी समाप्त: 23 दिसंबर (शनिवार) 07:11 प्रात: मिनट पर समाप्त होगी.
. व्रत पारण का समय: 23 दिसंबर (शनिवार) 01:22 दोपहर से 03:26 शाम तक.
. मोक्षदा एकादशी का व्रत पूजा का समय: 06:50 प्रात: से 08:09 प्रात: तक.
. उदय तिथि के अनुसार मोक्षदा एकादशी का व्रत 22 दिसंबर को रखा जाएगा.
० इन बातों का रखें विशेष ध्यान
. एकादशी तिथि के दिन भोजन में चावल खाना निषेध बताया गया है.
. मोक्षदा एकादशी के दिन तामसिक भोजन की मनाही है.
. इस दिन शराब, गुटखा, सिगरेट आदि से पूर्णयता दूर रहना चाहिए.
. मोक्षदा एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का सख्ती से पालन करना चाहिए.
. एकादशी के दिन किसी भी व्यक्ति से गलत वाणी का प्रयोग ना करें और गुस्सा ना करें
. अपशब्द का प्रयोग करने से भी पूर्णता बचना चाहिए.
ये भी पढ़ें : इंदिरा एकादशी के व्रत से पितरों को मिलता है मोक्ष