नई दिल्ली: राजधानी के सरकारी स्कूलों में 1 अप्रैल से एंटरप्रेन्योरशिप करिकुलम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है. अभी इसके 4 दिन हुए हैं, लेकिन चार दिनों के परिणाम के आधार पर ही शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया उत्साहित हैं. अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए सिसोदिया ने कहा कि एंटरप्रेन्योरशिप करिकुलम बेरोजगारी की समस्या का सबसे बड़ा और सटीक समाधान है.
सिसोदिया ने कहा कि मैं दिल्ली के स्कूलों में जब जाता हूं और बच्चों से पूछता हूं कि आप क्या करना चाहते हैं, तो उसमें से 99 फीसदी बच्चों का जवाब होता है कि नौकरी करना चाहते हैं. यह एक चिंता की बात है कि जब सारे बच्चे नौकरी करेंगे तो फिर नौकरी देगा कौन?
'बच्चे सिर्फ सैलरी ले कर रह जाते'
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे यहां के बच्चे आईआईटी, आईआईएम से अच्छी शिक्षा और ट्रेनिंग लेकर विदेशी कंपनियों में काम करते हैं. विदेशी कंपनियां मुनाफा कमाती हैं, जो उनके देश की प्रगति में लगता है, जबकि हमारे बच्चे सिर्फ सैलरी ले कर रह जाते हैं.
उदाहरण के माध्यम से मनीष सिसोदिया ने समझाया कि कैसे नौकरी देने वाला बच्चा देश के विकास में भी भागीदार हो सकता है और यह इकोनामिक ग्रोथ को आगे बढ़ा सकता है.
मनीष सिसोदिया ने बताया कि1 अप्रैल से दिल्ली के 24 सरकारी स्कूलों में 9वीं 10वीं और 12वीं के 6000 बच्चों की 200 क्लास रूम्स में 350 टीचर्स पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एंटरप्रेन्योरशिप करिकुलम की क्लासेस ले रहे हैं. सिसोदिया ने बताया कि इसे जुलाई से सभी स्कूलों में शुरू किया जाएगा.