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कोई भी पार्टी हो, कोई भी हो नेता, हमें मतलब नहीं- बस हमारा भला करे: व्यापारी वर्ग

ईटीवी भारत से बातचीत में व्यापारियों ने अपनी अलग अलग समस्याएं गिनाई, करोल बाग इलेक्ट्रॉनिक मार्किट के प्रेजिडेंट हरीश चिटकारा ने बताया कि व्यापारी वर्ग लम्बे समय से ग्राहकों के लिए तरस रहा है.

कोई भी पार्टी हो, कोई भी हो नेता, हमें मतलब नहीं- बस हमारा भला करे: व्यापारी वर्ग
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Published : Apr 27, 2019, 11:52 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली वाले 12 मई को अपना कीमती वोट देकर अगले 5 साल के लिए सरकार बनाएंगे, किस लोकसभा क्षेत्र से किस उम्मीदवार को जनता ने चुना है इसका फैसला होगा 23 मई को हो जाएगा. लेकिन दिल्ली की जनता खासकर दिल्ली के व्यापारी किन मुद्दों पर वोट देंगे, इस पर ईटीवी भारत ने व्यापारियों से जाना कि अगले 5 साल में वो क्या बदलाव चाहते हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत में व्यापारियों ने अपनी अलग अलग समस्याएं गिनाई, करोल बाग इलेक्ट्रॉनिक मार्किट के प्रेजिडेंट हरीश चिटकारा से बातचीत में मालूम चला कि व्यापारी वर्ग लम्बे समय से ग्राहकों के लिए तरस रहा है.

हरीश चिटकारा ने बताया कि सरकार की सिविक बॉडीज में कोई कॉर्डिनेशन नहीं है, सब एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप का खेल खेलते रहते है. आम व्यापारी की सुनने वाला कोई नही है. सरकार को GST और नोट बंदी करनी ही थी तो एक साथ न करके थोड़ा समय तो देते.

एक ही साल में दोनों चीजे करने की क्या जरूरत थी, पूरा व्यापारी वर्ग इन दोनों का बोझ झेल रहा है. हरीश चिटकारा के मुताबिक बाजार से ग्राहकों के साथ-साथ पैसा भी खत्म हो गया है. सरकार जो ऑनलाइन पेमेंट की बात करती है वो बेकार है सरकार के पास मैनेज करने का सिस्टम ही नहीं है.

करोल बाग इलेक्ट्रॉनिक मार्किट के प्रेजिडेंट हरीश चिटकारा से बातचीत

'कई बार कार्ड से पैसे दो बार कट जाते है उसके बाद परेशान दुकानदार भी होते हैं और ग्राहक भी'.PAYTM से पेमेंट लेने में भी 100 पचड़े सामने आते हैं. वहीं मार्केट में साफ सफाई की समस्या भी उन्होंने गिनाई
व्यापारी वर्ग का कहना है कि हमें किसी नेता या पार्टी से मतलब नहीं है जो भी आये जीतकर बस मार्केट की भलाई के लिए काम करे, कस्टमर आधे से भी कम हो गए हैं. यहां धंधा खत्म होता जा रहा है हमारा, बस हम तो यही चाहते हैं जो भी जीते मार्केट के लिए अब कुछ काम करे.

नई दिल्ली: दिल्ली वाले 12 मई को अपना कीमती वोट देकर अगले 5 साल के लिए सरकार बनाएंगे, किस लोकसभा क्षेत्र से किस उम्मीदवार को जनता ने चुना है इसका फैसला होगा 23 मई को हो जाएगा. लेकिन दिल्ली की जनता खासकर दिल्ली के व्यापारी किन मुद्दों पर वोट देंगे, इस पर ईटीवी भारत ने व्यापारियों से जाना कि अगले 5 साल में वो क्या बदलाव चाहते हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत में व्यापारियों ने अपनी अलग अलग समस्याएं गिनाई, करोल बाग इलेक्ट्रॉनिक मार्किट के प्रेजिडेंट हरीश चिटकारा से बातचीत में मालूम चला कि व्यापारी वर्ग लम्बे समय से ग्राहकों के लिए तरस रहा है.

हरीश चिटकारा ने बताया कि सरकार की सिविक बॉडीज में कोई कॉर्डिनेशन नहीं है, सब एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप का खेल खेलते रहते है. आम व्यापारी की सुनने वाला कोई नही है. सरकार को GST और नोट बंदी करनी ही थी तो एक साथ न करके थोड़ा समय तो देते.

एक ही साल में दोनों चीजे करने की क्या जरूरत थी, पूरा व्यापारी वर्ग इन दोनों का बोझ झेल रहा है. हरीश चिटकारा के मुताबिक बाजार से ग्राहकों के साथ-साथ पैसा भी खत्म हो गया है. सरकार जो ऑनलाइन पेमेंट की बात करती है वो बेकार है सरकार के पास मैनेज करने का सिस्टम ही नहीं है.

करोल बाग इलेक्ट्रॉनिक मार्किट के प्रेजिडेंट हरीश चिटकारा से बातचीत

'कई बार कार्ड से पैसे दो बार कट जाते है उसके बाद परेशान दुकानदार भी होते हैं और ग्राहक भी'.PAYTM से पेमेंट लेने में भी 100 पचड़े सामने आते हैं. वहीं मार्केट में साफ सफाई की समस्या भी उन्होंने गिनाई
व्यापारी वर्ग का कहना है कि हमें किसी नेता या पार्टी से मतलब नहीं है जो भी आये जीतकर बस मार्केट की भलाई के लिए काम करे, कस्टमर आधे से भी कम हो गए हैं. यहां धंधा खत्म होता जा रहा है हमारा, बस हम तो यही चाहते हैं जो भी जीते मार्केट के लिए अब कुछ काम करे.


पिछले 5 साल में दुगनी हुई व्यपारियों की मुश्किलें, धंधा हुआ आधा, ऑनलाइन ट्रांससेक्शन ओर मार्किट ने किया बुरा हाल, सिविक बॉडीज में नही है कोई कॉर्डिनेशन.
चुनाव के इस गरम माहौल में ईटीवी भारत की टीम ने करोल बाग की इलेक्ट्रॉनिक मार्किट के प्रेजिडेंट हरीश चिटकारा से बात की ओर जाना कितनी बड़ी है उनकी परेशानियां तब उन्होंने बताया कि सरकार की सिविक बॉडीज में कोई कॉर्डिनेशन नही है सब एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप का खेल खेलते रहते है . आम व्यापारी की सुनने वाला कोई नही है , सरकार को जीएस टी ओर नोट बंदी करनी ही थी तोह एक साथ न करके थोड़ा समय तोह देते एक ही साल में दोनों चीजे करने की क्या जरूरत थी, पूरा व्यापारी वर्ग मार गया उसकी वजह से ,मार्किट से पैसा खत्म हो गया . जो ये सरकार ऑनलाइन पेमेंट की बात करती है वोह बेकार है सरकार के पास मैनेज करने का सिस्टम ही नही है सही से , कई बार कार्ड से पैसे दो बार कट जाते है उसके बाद परेशान होते रहो आप, पे टी एम है तोह पेमेंट बहुत लाते आती है उसमें उसमे भी दस पचड़े है ।






मार्किट की बात करू तोह बिल्कुल भी सफाई नही है मार्किट में थोड़ा सा सीवर का
इशू होता है तोह खुद करवाना भी पड़ता है कई बार, हमें किसी नेता या पार्टी से मतलब नही है जो भी  आये जीतकर बस मार्किट की भलाई के लिए काम करे कस्टमर आधे से भी कम हो गए है यहाँ धंधा खत्म होता जा रहा है हमारा , बस हम तोह यही चाहते है जो भी जीते मार्किट के लिए  अब तोह कुछ काम करे ।
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