नई दिल्ली: राजधानी की कड़कड़डूमा कोर्ट ने सीमापुरी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुए हिंसा मामले के एक और आरोपी को जमानत दे दिया है. वहीं कोर्ट ने इसी मामले में एक आरोपी को अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया. एडिशनल सेशंस जज संजीव कुमार मल्होत्रा ने दोनों को जमानत देने का आदेश दिया. वहीं सीलमपुर हिंसा मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने एक आरोपी इरशाद को जमानत दे दिया है.
20 हजार के मुचलके पर मिली जमानत
कोर्ट ने युसूफ नामक आरोपी को 20 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी है. कोर्ट ने युसूफ को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि आरोपी वैसा कोई काम नहीं करेगा, जिससे शांति भंग होने की आशंका हो, कोर्ट ने युसूफ को निर्देश दिया कि वो जांच अधिकारी को अपना फोन नंबर उपलब्ध कराए.
6 जनवरी से था हिरासत में
युसूफ पिछले 6 जनवरी से हिरासत में है. सुनवाई के दौरान युसूफ की ओर से वकील अरुण श्योरान, अब्दुल गफ्फार और जाकिर रजा ने कहा कि उसे गलत तरीके से फंसाया गया है. इसी मामले के एक और आरोपी मोहम्मद शोएब को कोर्ट पहले जमानत दे चुका है.
सीसीटीवी फुटेज में पत्थर फेंकने के सबूत नहीं मिले
जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस की ओर से वकील राकेश कुमार ने कहा कि आरोपी गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा था. उसे सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद गिरफ्तार किया गया था. सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने कहा कि आरोपी को सीसीटीवी फुटेज में पुलिस पर पत्थर फेंकते हुए या हमला करते हुए नहीं देखा गया. उसके बाद कोर्ट ने युसूफ को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.
हाजी ने एसएचओ को फूल थमाने वाला फोटो दिखाया
सीमापुरी हिंसा मामले में ही कोर्ट ने हाजी मोहम्मद ताहिर को अग्रिम जमानत दे दिया है. सुनवाई के दौरान हाजी की ओर से वकील अब्दुल गफ्फार ने कहा कि हाजी को झूठे मामले में फंसाया गया है. हाजी की तरफ से कहा गया कि उसने सीमापुरी के एसएचओ को फूल दे रहा था. पुलिस अधिकारियों को फूल देते हुए फोटो भी कोर्ट को दिखाए गए.
हाजी के वकील ने कोर्ट में एक वीडियो क्लिप चलाकर दिखाया, जिसमें उसे प्रदर्शन के दौरान एसएचओ के साथ देखा गया. हाजी के वकील ने बताया कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता है और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के डीसीपी ने उसे एक प्रशस्ति पत्र भी दिया है.
हाजी पर भीड़ को उकसाने का आरोप
सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि जब भीड़ अप्सरा बॉर्डर की तरफ बढ़ रही थी तो हाजी ने उसे उकसाया था. जांच अधिकारी ने कहा कि वो हाजी के घर दो बार गया लेकिन उसके घर पर ताला लगा हुआ था, जिसके बाद उसने कोर्ट से हाजी के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करवाया था. कोर्ट ने जब जांच अधिकारी से सीसीटीवी फुटेज या वीडियो दिखाने को कहा जिसमें हाजी भीड़ को उकसा रहा हो लेकिन जांच अधिकारी ने वह नहीं दिखा सका.
20 हजार रुपये के मुचलके पर रिहा करने का आदेश
कोर्ट ने हाजी को अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया, कोर्ट ने कहा कि अगर उसे गिरफ्तार किया जाता है तो उसे 20 हजार रुपये के मुचलके पर रिहा कर दिया जाए. कोर्ट ने हाजी को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया.
आरोपियों के नाम
पिछले 10 जनवरी को कोर्ट ने सीमापुरी हिंसा मामले के 12 आरोपियों को जमानत दिया था. कोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को 20 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी. कोर्ट ने 10 जनवरी को जिन आरोपियों को जमानत दिया था उनमें अमजद खान, अब्दुल कलाम, राजुल्लाह खान, निसार, अमीरुद्दीन, सुहैब, अहत्माद अहमद, वकार, अनीस, हाजी मेहराज, मोहम्मद शाकिब और मोहम्मद आमिर शामिल हैं.
31 दिसंबर को दो को जमानत मिली थी
31 दिसंबर 2019 को ही कोर्ट ने सीलमपुर हिंसा के मामले में दो आरोपियों को अंतरिम जमानत दिया था. कोर्ट ने आरोपियों युसूफ अली और मोईनुद्दीन को इलाज कराने के लिए तीन सप्ताह के लिए जमानत दे दिया. वहीं कोर्ट ने दोनों को बीस हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दिया था.