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डॉक्टर व अन्य स्टाफ की कमी से जूझ रहा दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल, RTI से हुआ खुलासा

Shortage of doctors and paramedical staff in GB Pant Hospital: दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में रोज हजारों की संख्या में लोग इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन इस अस्पताल के बारे में चौंकानी वाली बात सामने आई है. यह अस्पताल डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है, जिससे इसे पूरी क्षमता के साथ नहीं चलाया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

GB Pant Hospital facing shortage of doctors
GB Pant Hospital facing shortage of doctors
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 2, 2023, 4:34 PM IST

Updated : Sep 2, 2023, 6:05 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी के बड़े अस्पतालों में शुमार राजीव गांधी सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल और दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान के साथ जीबी पंत अस्पताल भी डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं बल्कि पैरामेडिकल स्टाफ सहित अन्य कर्मियों के भी पद बड़ी संख्या में खाली हैं. इसके अलावा अस्पताल में पिछले कुछ सालों में जरूरी दवाइयों की भी कमी हो रही है. कुछ दवाओं का स्टॉक तो करीब नौ महीने से नहीं है.

आरटीआई में सामने आई बात: यह जानकारी अस्पताल द्वारा एक आरटीआई के जवाब में दी गई है. 714 बेड की क्षमता के साथ जीबी पंत अस्पताल, दिल्ली सरकार का हार्ट, न्यूरो और गैस्ट्रो के इलाज का सबसे बड़ा और प्रमुख अस्पताल है. यहां इलाज के लिए देशभर से लोग आते हैं. ओपीडी में ही रोज करीब 400 से 500 मरीज इलाज कराने आते हैं, जिसके लिए लोग सुबह से लाइन में आकर लग जाते हैं.

अस्पताल में स्टाफ की स्थिति
अस्पताल में स्टाफ की स्थिति

चार साल से कैथ लैब खराब: लंबे समय से अस्पताल में हार्ट के मरीजों के इलाज में काम आने वाली दो कैथ लैब खराब पड़ी हैं, जिनसे मरीजों को स्टेंट डालने का काम किया जाता था. कुल तीन मशीन में से दो मशीन खराब होने के चलते अब प्रतिदिन सिर्फ 40-50 मरीजों को ही स्टेंट डाले जाते हैं. जानकारी के अनुसार, दोनों कैथ लैब करीब चार साल से खराब हैं. मशीनों के खराब होने की वजह से कम ही मरीजों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी हो पाती है.

पूरी क्षमता के साथ नहीं हो रहा काम: अस्पताल में डॉक्टरों और पैरामेडिकल के कुल स्वीकृत और खाली पदों की बात करें, तो डॉक्टर और पैरामेडिकल के स्वीकृत कुल 2,489 पदों में से 720 पद खाली हैं. ये पद खाली होने के चलते अस्पताल की क्षमता से कम मरीजों का इलाज हो पता है. सर्जरी से लेकर ओपीडी तक में नए मरीज कम देखे जाते हैं. यहां अधिकतर पुराने मरीजों का ही फॉलोअप होता है.

अस्पताल में पदों को लेकर जानकारी
अस्पताल में पदों को लेकर जानकारी

आपातकालीन स्थिति में भर्ती संभव नहीं: अस्पताल में आपातकालीन स्थिति में भी किसी मरीज को भर्ती करना संभव नहीं है और दवाइओं की भी कई-कई महीनों तक कमी रहती है. जबकि दिल्ली सरकार की ड्रग पॉलिसी के अनुसार, अस्पताल में दवाइयों की 24 घंटे उपलब्धता रहनी चाहिए. इसके लिए सभी दवाइयों का तीन-चार महीने का स्टॉक रहते हुए ही ऑर्डर देने का नियम है, जिससे दवाई की आपूर्ती होने में समय लगने पर भी मरीजों को दवाई दी जा सके.

हरीश खुराना ने साधा निशाना: अस्पताल में खाली पदों और दवाइयों की कमी को लेकर प्रदेश भाजपा नेता हरीश खुराना ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज पर ट्वीट कर निशाना साधा है. हाल ही में सौरभ भारद्वाज ने जीबी पंत अस्पताल का दौरा किया था, जिसकी तस्वीरें उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर भी की थी. फोटो के साथ उन्होंने अस्पताल को जी-20 समिट के लिए तैयार बताया था. इस पर हरीश खुराना ने अस्पताल में पदों के खाली होने और दवाइयां न होने को लेकर कहा कि ये है अरविंद केजरीवाल की स्वास्थ्य क्रांति.

अस्पताल में डॉक्टर और पैरामेडिकल के खाली पदों को लेकर विभाग को जानकारी भेजी गई थी. इसके बाद सरकार की ओर से डीएसएसबी के माध्यम से विज्ञप्ति निकालकर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी चल रही है. इसके अलावा में दवाइयों की कोई कमी नहीं है. कभी दवाइयों की कमी होती है तो उन्हें मंगाकर पूरा कर दिया जाता है.- डॉ. अनिल अग्रवाल, चिकित्सा निदेशक जीबी पंत अस्पताल

यह भी पढ़ें-G-20 Summit: लोकनायक अस्पताल में डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द, रविवार को भी पूरी क्षमता के साथ काम करेगा हॉस्पिटल

यह भी पढ़ें-जीबी पंत अस्पताल में विदेशी मेहमानों के लिए बनेगा इमरजेंसी वार्ड, स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने किया निरीक्षण

नई दिल्ली: राजधानी के बड़े अस्पतालों में शुमार राजीव गांधी सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल और दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान के साथ जीबी पंत अस्पताल भी डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं बल्कि पैरामेडिकल स्टाफ सहित अन्य कर्मियों के भी पद बड़ी संख्या में खाली हैं. इसके अलावा अस्पताल में पिछले कुछ सालों में जरूरी दवाइयों की भी कमी हो रही है. कुछ दवाओं का स्टॉक तो करीब नौ महीने से नहीं है.

आरटीआई में सामने आई बात: यह जानकारी अस्पताल द्वारा एक आरटीआई के जवाब में दी गई है. 714 बेड की क्षमता के साथ जीबी पंत अस्पताल, दिल्ली सरकार का हार्ट, न्यूरो और गैस्ट्रो के इलाज का सबसे बड़ा और प्रमुख अस्पताल है. यहां इलाज के लिए देशभर से लोग आते हैं. ओपीडी में ही रोज करीब 400 से 500 मरीज इलाज कराने आते हैं, जिसके लिए लोग सुबह से लाइन में आकर लग जाते हैं.

अस्पताल में स्टाफ की स्थिति
अस्पताल में स्टाफ की स्थिति

चार साल से कैथ लैब खराब: लंबे समय से अस्पताल में हार्ट के मरीजों के इलाज में काम आने वाली दो कैथ लैब खराब पड़ी हैं, जिनसे मरीजों को स्टेंट डालने का काम किया जाता था. कुल तीन मशीन में से दो मशीन खराब होने के चलते अब प्रतिदिन सिर्फ 40-50 मरीजों को ही स्टेंट डाले जाते हैं. जानकारी के अनुसार, दोनों कैथ लैब करीब चार साल से खराब हैं. मशीनों के खराब होने की वजह से कम ही मरीजों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी हो पाती है.

पूरी क्षमता के साथ नहीं हो रहा काम: अस्पताल में डॉक्टरों और पैरामेडिकल के कुल स्वीकृत और खाली पदों की बात करें, तो डॉक्टर और पैरामेडिकल के स्वीकृत कुल 2,489 पदों में से 720 पद खाली हैं. ये पद खाली होने के चलते अस्पताल की क्षमता से कम मरीजों का इलाज हो पता है. सर्जरी से लेकर ओपीडी तक में नए मरीज कम देखे जाते हैं. यहां अधिकतर पुराने मरीजों का ही फॉलोअप होता है.

अस्पताल में पदों को लेकर जानकारी
अस्पताल में पदों को लेकर जानकारी

आपातकालीन स्थिति में भर्ती संभव नहीं: अस्पताल में आपातकालीन स्थिति में भी किसी मरीज को भर्ती करना संभव नहीं है और दवाइओं की भी कई-कई महीनों तक कमी रहती है. जबकि दिल्ली सरकार की ड्रग पॉलिसी के अनुसार, अस्पताल में दवाइयों की 24 घंटे उपलब्धता रहनी चाहिए. इसके लिए सभी दवाइयों का तीन-चार महीने का स्टॉक रहते हुए ही ऑर्डर देने का नियम है, जिससे दवाई की आपूर्ती होने में समय लगने पर भी मरीजों को दवाई दी जा सके.

हरीश खुराना ने साधा निशाना: अस्पताल में खाली पदों और दवाइयों की कमी को लेकर प्रदेश भाजपा नेता हरीश खुराना ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज पर ट्वीट कर निशाना साधा है. हाल ही में सौरभ भारद्वाज ने जीबी पंत अस्पताल का दौरा किया था, जिसकी तस्वीरें उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर भी की थी. फोटो के साथ उन्होंने अस्पताल को जी-20 समिट के लिए तैयार बताया था. इस पर हरीश खुराना ने अस्पताल में पदों के खाली होने और दवाइयां न होने को लेकर कहा कि ये है अरविंद केजरीवाल की स्वास्थ्य क्रांति.

अस्पताल में डॉक्टर और पैरामेडिकल के खाली पदों को लेकर विभाग को जानकारी भेजी गई थी. इसके बाद सरकार की ओर से डीएसएसबी के माध्यम से विज्ञप्ति निकालकर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी चल रही है. इसके अलावा में दवाइयों की कोई कमी नहीं है. कभी दवाइयों की कमी होती है तो उन्हें मंगाकर पूरा कर दिया जाता है.- डॉ. अनिल अग्रवाल, चिकित्सा निदेशक जीबी पंत अस्पताल

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Last Updated : Sep 2, 2023, 6:05 PM IST
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