नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते इस बार भी दिल्ली में सार्वजनिक तौर पर सामूहिक रूप से छठ मनाने पर पाबंदी लगा दी गई है. चूंकि यह पूजा नदी, तालाब के किनारे की जाती है, ऐसे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में तर्क दिया कि पानी के चलते कोरोना का संक्रमण बढ़ सकता है. जबकि बीजेपी इस तर्क से इत्तेफाक नहीं रखती.
बीजेपी के तमाम नेताओं के साथ-साथ सांसद मनोज तिवारी एक कदम आगे बढ़कर रथ यात्रा निकालकर लोगों की राय जानेंगे. तिवारी का मानना है कि केजरीवाल सरकार ने स्वीमिंग पूल खोलने की इजाजत दे दी है, लेकिन छठ पूजा पर रोक लगा दी है. इसे पूर्वांचल समाज किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा.
दिल्ली बीजेपी के पूर्व मीडिया सलाहकार नीलकांत बक्शी ने बताया कि छठ पूजा पूर्वांचली समुदाय का एक बहुत ही खास और सबसे बड़ा त्योहार है और मनोज तिवारी इस साल सार्वजनिक स्थानों पर पूर्वांचली समुदाय की मदद करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं क्योंकि पिछले साल भी केजरीवाल सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था.
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उन्होंने कहा कि मनोज तिवारी दिल्ली के पूर्वांचली लोगों से बातचीत करने और सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा आयोजित करने पर उनकी राय जानने के लिए 'रथ यात्रा' शुरू करने जा रहे हैं. पिछले सप्ताह मनोज तिवारी ने दिल्ली की सभी छठ पूजा समितियों के पदाधिकारियों से अपने आवास पर मुलाकात की और उन सभी ने कोविड मानदंडों का पालन करते हुए नदी के किनारे, तालाबों और अन्य जल निकायों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर उत्सव आयोजित करने का समर्थन किया था.
मनोज तिवारी का मानना है कि जब लोग सार्वजनिक स्थानों पर छठ मनाते हैं तो कोविड फैलने की कोई संभावना नहीं होती है क्योंकि श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते समय केवल घुटने तक पानी में उतरते हैं. केजरीवाल सरकार ने स्वीमिंग पूल खोलने की इजाजत दे दी है, जहां लोग रोजाना घंटों एक साथ आनंद ले रहे हैं. जब घंटों स्विमिंग पूल का इस्तेमाल करने वाले इतने लोग कोविड नहीं फैला सकते हैं तो छठ पूजा कैसे हो सकती है, जिसके लिए भक्त केवल दो दिनों में कुछ समय के लिए पानी में उतर जाते हैं, जिससे कोविड फैल सकता है.
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केजरीवाल सरकार छठ पूजा स्थलों में प्रवेश के लिए शरीर के तापमान की जांच अनिवार्य कर सकती है और समारोहों का वीडियो रिकॉर्ड करना भी आवश्यक बना सकती है. दिल्ली में लगभग दो करोड़ वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है. दिल्ली में कोविड के मामले अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं. ऐसे में बाहर छठ पूजा मनाने पर प्रतिबंध क्यों?
छठ पूजा समितियां सामाजिक दूरी बनाए रखने और सभी कोविड मानदंडों का सख्ती से पालन करने के लिए तैयार हैं. छठ घाटों पर कोविड मानदंडों के उल्लंघन की जांच के लिए पुलिसकर्मियों और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को तैनात किया जा सकता है. पूर्वांचली समुदाय बहुत अनुशासित समुदाय है और यह सरकार से वादा करेगा कि वह सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करेगा.
'रथ यात्रा' समाप्त होने के बाद मनोज तिवारी डीडीएमए अध्यक्ष अनिल बैजल, सीएम केजरीवाल और डीडीएमए अधिकारियों से मिलने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल के साथ जाएंगे और उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा की अनुमति देने के लिए मनाएंगे.
दिल्ली सरकार ने दिल्ली में यमुना नदी समेत कुल 1108 छोटे बड़े घाट बनवाए हैं. मगर डीडीएमए की मंजूरी के बाद सरकार भी अब इसके लिए कोई आयोजन नहीं करेगी. इस वर्ष 10 और 11 नवंबर को छठ पूजा गुरुवार को दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने आदेश जारी कर दिल्ली में छठ पूजा के सार्वजनिक आयोजन पर रोक लगाई है.