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13 दिसंबर को हो रहे बुध धनु राशि में वक्री, 15 दिन का रहेगा वक्री काल

Budh Vakri 2023: 13 दिसंबर 2023 को बुध ग्रह धनु राशि में वक्री हो रहे हैं. आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक, दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर बृहस्पति वक्री होकर उल्टी गति से चलना आरंभ करेंगे. 28 दिसंबर को यह पुनः मार्गी हो जाएंगे. यानी 15 दिनों तक रखें विशेष सावधानी.

13 से 28 दिसंबर तक बुध धनु राशि में वक्री
13 से 28 दिसंबर तक बुध धनु राशि में वक्री
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 13, 2023, 4:08 PM IST

13 से 28 दिसंबर तक बुध धनु राशि में वक्री

नई दिल्ली/गाजियाबाद: आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक 13 दिसंबर 2023 को बुध ग्रह धनु राशि में वक्री हो रहे हैं. दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर बृहस्पति वक्री होकर उल्टी गति से चलना आरंभ करेंगे. 28 दिसंबर को यह पुनः मार्गी हो जाएंगे. अर्थात बुध का यह वक्री काल 15 दिन का रहेगा.

ज्योतिष में बुध को राजकुमार माना गया है और यह गणित, संचार साधनों, कंप्यूटर और वैमानिक व्यवस्थाओं, आकाशीय मार्ग में गति करने वाले वाहनों का कारक है. जिन मनुष्यों के जन्म कुंडली में बुध निर्बल है, बुध की इस वक्री गति की अवस्था में उन मनुष्यों के अंदर धैर्य और क्षमता की कमी होती है. वाणी कठोर हो सकती है. बौद्धिक क्षेत्रों में नकारात्मकता उत्पन्न करता है.

ये भी पढ़ें :13 December 2023 : मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा, शुभ काम के लिए करें चंद्रोदय का इंतजार

ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा बताते हैं कि बुध से प्रभावित व्यक्तियों के अंदर पारस्परिक संबंधों में वैचारिक मतभेद बढ़ सकता है. शेयर बाजार बुध शनि और शुक्र के प्रभाव में रहता है. इसलिए वक्री अवस्था में इनमें भी कमी देखने को मिलेगी. आकाश में अनपेक्षित घटनाएं घट सकती हैं. वाहन आदि दुर्घटनाएं संभावित हैं.

जिन व्यक्तियों का कुंडली में बुध वक्री है ऐसे व्यक्तियों को वक्री बुध बहुत लाभ भी करता है. आर्थिक लाभ, व्यापार में लाभ और संबंधों में भी लाभ कराता है. इन 15 दिनों की अवधि इनके लिए बहुत अच्छी है. संचार साधनों में विशेष आविष्कार अथवा ऐसी घटना घट सकती है जिसका पहले से कोई आधार ना हो.

शास्त्रों के नियम अनुसार, जब भी धनु और मीन की संक्रांति में सूर्य आते हैं तो समय अवधि में वैवाहिक मुहूर्त, गृह प्रवेश, गृह निर्माण भूमि पूजन आदि शुभ कार्य करना वर्जित हो जाता है. यद्यपि विवाह संबंधी अन्य कार्य जैसे सगाई, वैवाहिक तैयारी रिश्ता तर करना, घर के खरीदने के लिए टोकन मनी देना आदि के लिए मुहूर्त होते हैं. विवाह करना, नए घर में प्रवेश करना नींव रखने अथवा भूमि पूजन करना इन कार्यों में एक महीना प्रतिबंध रहता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. इस लेख में निहित किसी भी जानकारी /सामग्री /गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है. यहां यह बताना जरूरत है कि ETV Bharat किसा भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वंय उपयोगकर्ता की होगी.

ये भी पढ़ें : राशि और ग्रह के हिसाब से पौधे लगाने पर होंगे बहुत लाभ, जानिए आपको कौन सा पौधा लगाना है

13 से 28 दिसंबर तक बुध धनु राशि में वक्री

नई दिल्ली/गाजियाबाद: आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक 13 दिसंबर 2023 को बुध ग्रह धनु राशि में वक्री हो रहे हैं. दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर बृहस्पति वक्री होकर उल्टी गति से चलना आरंभ करेंगे. 28 दिसंबर को यह पुनः मार्गी हो जाएंगे. अर्थात बुध का यह वक्री काल 15 दिन का रहेगा.

ज्योतिष में बुध को राजकुमार माना गया है और यह गणित, संचार साधनों, कंप्यूटर और वैमानिक व्यवस्थाओं, आकाशीय मार्ग में गति करने वाले वाहनों का कारक है. जिन मनुष्यों के जन्म कुंडली में बुध निर्बल है, बुध की इस वक्री गति की अवस्था में उन मनुष्यों के अंदर धैर्य और क्षमता की कमी होती है. वाणी कठोर हो सकती है. बौद्धिक क्षेत्रों में नकारात्मकता उत्पन्न करता है.

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ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा बताते हैं कि बुध से प्रभावित व्यक्तियों के अंदर पारस्परिक संबंधों में वैचारिक मतभेद बढ़ सकता है. शेयर बाजार बुध शनि और शुक्र के प्रभाव में रहता है. इसलिए वक्री अवस्था में इनमें भी कमी देखने को मिलेगी. आकाश में अनपेक्षित घटनाएं घट सकती हैं. वाहन आदि दुर्घटनाएं संभावित हैं.

जिन व्यक्तियों का कुंडली में बुध वक्री है ऐसे व्यक्तियों को वक्री बुध बहुत लाभ भी करता है. आर्थिक लाभ, व्यापार में लाभ और संबंधों में भी लाभ कराता है. इन 15 दिनों की अवधि इनके लिए बहुत अच्छी है. संचार साधनों में विशेष आविष्कार अथवा ऐसी घटना घट सकती है जिसका पहले से कोई आधार ना हो.

शास्त्रों के नियम अनुसार, जब भी धनु और मीन की संक्रांति में सूर्य आते हैं तो समय अवधि में वैवाहिक मुहूर्त, गृह प्रवेश, गृह निर्माण भूमि पूजन आदि शुभ कार्य करना वर्जित हो जाता है. यद्यपि विवाह संबंधी अन्य कार्य जैसे सगाई, वैवाहिक तैयारी रिश्ता तर करना, घर के खरीदने के लिए टोकन मनी देना आदि के लिए मुहूर्त होते हैं. विवाह करना, नए घर में प्रवेश करना नींव रखने अथवा भूमि पूजन करना इन कार्यों में एक महीना प्रतिबंध रहता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. इस लेख में निहित किसी भी जानकारी /सामग्री /गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है. यहां यह बताना जरूरत है कि ETV Bharat किसा भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वंय उपयोगकर्ता की होगी.

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