नई दिल्लीः विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर बुधवार को दिलशाद गार्डन स्थित मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (IHBAS) में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ओम प्रकाश ने अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहे पीजी के छात्रों, ओपीडी में इलाज कराने आए मरीजों और हिंदू राव नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं सहित बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाले रोगों की जानकारी दी.
तंबाकू सेवन में विश्व की राजधानी बनने की राह पर भारत : डॉ. ओम प्रकाश ने बताया कि तंबाकू सेवन करने वाले लोगों की संख्या भारत में सर्वाधिक है और यह बढ़ती ही जा रही है. युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक यहां तंबाकू सेवन में पीछे नहीं हैं. भारत तंबाकू सेवन में विश्व की राजधानी बनने की राह पर चल पड़ा है. इसलिए हमें समाज में बढ़ रही इस लत को कम करने के लिए लोगों को तंबाकू सेवन से होने वाले रोगों के बारे में जागरूक करना होगा. आज भी बहुत से ऐसे लोग हैं, जो परेशानी के बावजूद बीड़ी या सिगरेट छोड़ने के लिए तैयार नहीं होते हैं. ऐसे लोगों का आपरेशन करने की जब जरूरत पड़ती है तो इन्हें एनेस्थीसिया देकर बेहोश करने में भी खतरा रहता है. धूम्रपान करने वाले अधिकांश मरीजों का आपरेशन करने में बहुत जोखिम रहता है.
85% लंग कैंसर धूम्रपान करने वाले लोगों में: मैक्स अस्पताल में पीडियाट्रिक हेमेटोलाजिस्ट एवं ओंकोलाजिस्ट डॉ. रोहित कपूर ने बताया कि 85 प्रतिशत लंग कैंसर धूम्रपान करने वाले लोगों में होता है. डॉ. रोहित ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस वर्ष की थीम हमें भोजन की जरूरत है तंबाकू की नहीं रखी है. IHBAS में कार्यक्रम के दौरान हिंदू राव नर्सिंग कालेज की छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी लोगों को तंबाकू के सेवन से बचने के प्रति जागरूक किया. इस दौरान जय प्रकाश, डॉ. महादेव सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
तंबाकू सेवन से स्वास्थ्य पर होते हैं ये दुष्प्रभाव:
- तंबाकू सेवन से कैंसर, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, क्रोनिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) और पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज (पीवीडी) जैसी जानलेवा बीमारियां हो रही हैं.
- धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या भी बढ़ रही है. महिलाओं में धूम्रपान से अलग रोग जैसे गर्भाशय कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर और हार्ट संबंधी समस्याओं में वृद्धि.
- भारत में कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज मुंह के कैंसर के हैं. तंबाकू उत्पादों की भूमिका सभी तरह के कैंसर में 50 प्रतिशत तक है.
- गर्भवती महिला के धूम्रपान करने से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी बुरा असर पड़ता है. इससे समय से पहले डिलीवरी, गर्भपात और बच्चे का विकास रुकने जैसे दुष्प्रभाव शामिल हैं.
- डाक्टरों के अनुसार जिन लोगों ने समय रहते धूम्रपान छोड़ दिया उनमें जान का जोखिम का 2.8 प्रतिशत से कम होकर 1.15 प्रतिशत रह गया.
- तंबाकू से सालाना दुनिया में 80 लाख लोगों की मौत होती है. इनमें से 80 मामले भारत जैसे निम्म व मध्यम आय वर्गीय देशों में हैं.
- भारत की बात करें तो 28 प्रतिशत लोगों को तंबाकू सेवन की लत है.
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