नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में चल रही तेज हवाओं के चलते प्रदूषण स्तर में गिरावट बरकरार है. गुरुवार को प्रदूषण स्तर में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे यहां के लोगों को जहरीली हवा से राहत मिली है. दिल्ली की प्रदूषण स्तर की बात करें तो 203 रहा, गाजियाबाद का 170, नोएडा का 195 और ग्रेटर नोएडा का 201 AQI दर्ज किया गया है.बता दें कि हवा की रफ्तार में बढ़ोतरी के कारण लगातार प्रदूषण छट रहा है.
दिल्ली-NCR के प्रमुख इलाकों का प्रदूषण स्तर:
दिल्ली के प्रमुख इलाके | प्रदूषण स्तर |
अलीपुर | 172 |
आईटीओ दिल्ली | 174 |
सिरिफ्फोर्ट | 209 |
आरके पुरम | 223 |
पंजाबी बाग | 215 |
आया नगर | 174 |
लोधी रोड | 144 |
CRRI मथुरा रोड | 250 |
पूसा | 151 |
जेएलएन स्टेडियम | 171 |
नेहरू नगर | 208 |
अशोक विहार | 214 |
गाज़ियाबाद के प्रमुख इलाकों का प्रदूषण स्तर-
गाज़ियाबाद के प्रमुख इलाके | 'प्रदूषण स्तर' |
इंदिरापुरम | 158 |
लोनी | 151 |
नोएडा के प्रमुख इलाकों का प्रदूषण स्तर-
नोएडा के प्रमुख इलाके | 'प्रदूषण स्तर' |
सेक्टर 62 | 189 |
सेक्टर 116 | 197 |
सेक्टर 125 | 231 |
एयर क्वालिटी इंडेक्स: Air Quality Index जब यह 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 के तक होता है तो 'संतोषजनक', 101-200 तक होता है तो 'मध्यम', 201-300 होता है तो 'खराब', 301-400 तक होता है तो 'अत्यंत खराब', 400-500 तक होता है तो 'गंभीर' और 500 से ऊपर जब एयर क्वालिटी इंडेक्स होती है तो उसे 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक वायु में मौजूद बारीक कण (10 से कम PM के मैटर), सल्फर डायऑक्साइड, ओजोन, कार्बन मोनो डाय ऑक्साइड और नाइट्रिक डायऑक्साइड सभी सांस की नली में एलर्जी, सूजन और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.
वायु की गुणवत्ता मापने का तरीका: वायु की शुद्धता को मापने के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स का उपयोग करते हैं. यह एक इकाई है, इससे पता चलता है कि उस स्थान पर वायु की शुद्धता कितनी है. बता दें कि एक्यूआई (AQI) में 8 प्रदूषण तत्वों का परीक्षण किया जाता है, अगर इनकी मात्रा निर्धिरित सीमा से ज्यादा होता है तो फिर वायु का स्तर खराब माना जाता है. एक्यूआई (AQI) में जिन 8 तत्वों का परीक्षण किया जाता है वो इस प्रकार हैं- PM10, PM2.5, नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO2), (सल्फर ऑक्साइड) SO2, (कार्बन ऑक्साइड) CO3, (ओजोन का उत्सर्जन) O3, (अमोनिया) NH3, PB (लेड), ये सभी तत्व यह बताते हैं कि वायु में किन गैसों की कितनी मात्रा मिली हुई है.
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