नई दिल्ली: भारत के मौजूदा और पूर्व टेनिस खिलाड़ियों को कोरोनावायरस महामारी के कारण सिर्फ आर्थिक नुकसान नहीं हो रहा बल्कि वे समय खराब होने को लेकर भी चिंतित हैं.
प्रो टूर रद होने का मतलब है कि युगल विशेषज्ञ पूरव राजा को लॉकडाउन के दौरान 50,000 डॉलर का नुकसान होगा. प्रजनेश गुणेश्वरन, जीवन नेदुंचेझियान और दिविज शरण यह अनुमान नहीं लगा सकते कि उन्हें कितना नुकसान होगा, क्योंकि वे लगातार ग्रैंड स्लैम मुख्य ड्रा की दौड़ में बने रहते हैं.
पूर्व डेविस कप कप्तान और भारत के सबसे बड़े टेनिस सितारों में से एक महेश भूपति ने कहा कि इस समय आजीविका को बनाए रखने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, "इसे जारी रखना होगा. खिलाड़ियों, कोचों, मार्कर्स और बॉल बॉय तक लॉन टेनिस असोसिएशन और फ्रेंच टेनिस फेडरेशन ने पैकेजों की घोषणा की है, पर उनके पास काफी पैसा है."
भारत के डेविस कप कोच जीशान अली, फेड कप कप्तान विशाल उप्पल और एक अन्य भारतीय कोच आशुतोष सिंह भी यही कर रहे हैं. इन सभी की अकादमियां हैं और इन्होंने अपने कोचों का वेतन नहीं रोका है. भारत में 382 प्रशिक्षित कोच और करीब 10000 सहायक कोच हैं. ऐसे भी कई हैं जिनका एआईटीए के साथ पंजीयन नहीं है लेकिन वे देश की कम से कम 2000 अकादमियों से जुड़े हैं.
डीएलटीए में निजी अकादमी चलाने वाले आशुतोष ने कहा, "संकट के समय ही आपके मूल्यों की परीक्षा होती है. हम टेनिस की सेवा कर रहे हैं. नुकसान तो हो रहा है लेकिन जो लोग आपके वफादार रहे हैं, उन्हें यूं छोड़ नहीं सकते."
बेंगलुरु में अपनी अकादमी के स्टाफ के सभी 12 सदस्यों को जीशान वेतन दे रहे हैं. उन्होंने कहा, "हमारा काम ऐसा नहीं है कि घर से करके वेतन ले सकें. हमारे पास बाहर के कोच हैं जिन्हें वापिस जाने का विकल्प भी हम दे सकते हैं.हम उन्हें वेतन दे रहे हैं लेकिन उन्हें अनिश्चित काल तक वेतन नहीं दे सकते ना."
दिविज शरण ने कहा, "लंबे बंद का असर हम पर जरूर पड़ेगा. खिलाड़ियों का कैरियर सीमित होता है और ब्रेक से हमारा कीमती समय चला जाएगा. एआईटीए ने कहा है कि वह खिलाड़ियों की मदद के लिये योजना बनायेगा। हम भी उम्मीद कर रहे हैं ताकि आर्थिक दबाव कुछ कम हो."