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EXCLUSIVE : टैक्सी ड्राइवर के बेटे ने कॉमनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप में जीता गोल्ड

कॉमनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप 2019 के पैरा कॉमनवेल्थ गेम में जूडो खिलाड़ी कपिल परमार ने गोल्ड मेडल जीता है. कपिल ने फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी को हारया है.

PARMAR
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Published : Oct 3, 2019, 10:00 PM IST

सीहोर : मध्य प्रदेश के शहर सीहोर के छोटे से गांव मुरदी में रहने वाले आंखों से कमजोर जूडो खिलाड़ी कपिल परमार ने कमाल कर दिखाया है. उन्होंने इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप 2019 के पैरा कॉमनवेल्थ गेम में जूडो के 60 किलो वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया.

शहर के निवासी टैक्सी ड्राइवर राम सिंह परमार के बेटे कपिल ने देश के साथ ही विदेश में भी सीहोर को नई पहचान दी है. कपिल परमार ने अपने पहले मुकाबले में इंग्लैंड के खिलाड़ी को मात दी. उसके बाद सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तान के जूडो खिलाड़ी को हराया.

देखिए वीडियो
फाइनल मुकाबले में उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी को परास्त कर गोल्ड मेडल जीता और अपने देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया.कपिल ने बताया,"मेरी मां के आशीर्वाद और नियमित अभ्यास से ये संभव हुआ. मैं भोपाल जाकर अभ्यास करता था जिसमें मेरे कोच का सराहनीय योगदान रहा है." कपिल की इस उपलब्धि पर उनका परिवार बहुत खुश हैं.

ये भी पढ़े- शतरंज : महिला रैंकिंग में वर्ल्ड नंबर-3 बनीं कोनेरू हम्पी

कपिल के पिता राम सिंह ने ईटीवी भारत को बताया,"मुझे अपने बेटे पर गर्व है. कपिल ने न सिर्फ सीहोर का बलकि पूरे देश का नाम रोशन किया है."

साथ ही पूर्व पार्षद और समाज अध्यक्ष माखन परमार ने कहा कि कपिल के घर की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है इसलिए सरकार से ये अपील है कि वे कपिल की आर्थिक रूप से सहायता करे ताकि वो आगे भी देश का नाम रोशन कर सके.

सीहोर : मध्य प्रदेश के शहर सीहोर के छोटे से गांव मुरदी में रहने वाले आंखों से कमजोर जूडो खिलाड़ी कपिल परमार ने कमाल कर दिखाया है. उन्होंने इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप 2019 के पैरा कॉमनवेल्थ गेम में जूडो के 60 किलो वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया.

शहर के निवासी टैक्सी ड्राइवर राम सिंह परमार के बेटे कपिल ने देश के साथ ही विदेश में भी सीहोर को नई पहचान दी है. कपिल परमार ने अपने पहले मुकाबले में इंग्लैंड के खिलाड़ी को मात दी. उसके बाद सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तान के जूडो खिलाड़ी को हराया.

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फाइनल मुकाबले में उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी को परास्त कर गोल्ड मेडल जीता और अपने देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया.कपिल ने बताया,"मेरी मां के आशीर्वाद और नियमित अभ्यास से ये संभव हुआ. मैं भोपाल जाकर अभ्यास करता था जिसमें मेरे कोच का सराहनीय योगदान रहा है." कपिल की इस उपलब्धि पर उनका परिवार बहुत खुश हैं.

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कपिल के पिता राम सिंह ने ईटीवी भारत को बताया,"मुझे अपने बेटे पर गर्व है. कपिल ने न सिर्फ सीहोर का बलकि पूरे देश का नाम रोशन किया है."

साथ ही पूर्व पार्षद और समाज अध्यक्ष माखन परमार ने कहा कि कपिल के घर की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है इसलिए सरकार से ये अपील है कि वे कपिल की आर्थिक रूप से सहायता करे ताकि वो आगे भी देश का नाम रोशन कर सके.

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EXCLUSIVE : टैक्सी ड्राइवर के बेटे ने कॉमनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप में जीता गोल्ड





 







सीहोर : मध्य प्रदेश के शहर सीहोर के छोटे से गांव मुरदी में रहने वाले आंखों से कमजोर जूडो खिलाड़ी कपिल परमार ने कमाल कर दिखाया है. उन्होंने इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप 2019  के पैरा कॉमनवेल्थ गेम में जूडो के 60 किलो वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया.

शहर के निवासी टैक्सी ड्राइवर राम सिंह परमार के बेटे कपिल ने देश के साथ ही विदेश में भी सीहोर को नई पहचान दी है. कपिल परमार ने अपने पहले मुकाबले में इंग्लैंड के खिलाड़ी को मात दी. उसके बाद सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तान के जूडो खिलाड़ी को हराया.

फाइनल मुकाबले में उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी को परास्त कर गोल्ड मेडल जीता और अपने देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया.

कपिल ने बताया,"मेरी मां के आशीर्वाद और नियमित अभ्यास से ये संभव हुआ. मैं भोपाल जाकर अभ्यास करता था जिसमें मेरे कोच का सराहनीय योगदान रहा है." कपिल की इस उपलब्धि पर उनका परिवार बहुत खुश हैं.

कपिल के पिता राम सिंह ने ईटीवी भारत को बताया,"मुझे अपने बेटे पर गर्व है. कपिल ने न सिर्फ सीहोर का बलकि पूरे देश का नाम रोशन किया है."

साथ ही पूर्व पार्षद और समाज अध्यक्ष माखन परमार ने कहा कि कपिल के घर की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है इसलिए सरकार से ये अपील है कि वे कपिल की आर्थिक रूप से सहायता करे ताकि वो आगे भी देश का नाम रोशन कर सके.


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