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तनिष्का कोटिया ने अंडर-16 में हासिल की 5वीं एशियाई रैंक

भारतीय जूनियर शतरंज खिलाड़ी तनिष्का कोटिया सर्बिया में त्रिकोणीय श्रंखला में शानदार प्रदर्शन करते हुए आईएम और डब्ल्यूआईएम स्तर में शीर्ष स्थान पर पहुंच गईं.

Tanishka
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Published : Aug 3, 2019, 9:28 PM IST

नई दिल्ली : सनसिटी स्कूल की 11वीं कक्षा की छात्रा तनिष्का कोटिया हाल ही में सर्बिया में एक त्रिकोणीय श्रंखला में शानदार प्रदर्शन करते हुए आईएम और डब्ल्यूआईएम स्तर के खिलाड़ियों को पराजित कर स्कोर बोर्ड पर शीर्ष स्थान पर पहुंच गईं. तनिष्का अपने स्कोर में 300-अंक जोड़ते हुए एक महीने में ही 1900 से 2200 तक पहुंच गईं. अपनी उपलब्धियों के चलते तनिष्का ने अंडर-16 में दूसरी अखिल भारतीय रैंक और एशियाड इंटरनेशनल डेस इचेस रैंकिंग में 5वीं रैंक हासिल की. उन्होंने शीर्ष 20 अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ियों में भी 19वां स्थान हासिल किया.

तनिष्का ने 2014 में स्कॉटलैंड में कॉमनवेल्थ शतरंज चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था. उन्होंने अपना पहला पेशेवर टूर्नामेंट सबसे कम उम्र में जीतकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड 2008 में अपना नाम दर्ज कराया था.

Chess, Tanishka kotia
तनिष्का कोटिया

वर्तमान में तनिष्का के नाम 50 पदक हैं और अगस्त 2019 की रैंकिंग के अनुसार उनकी एफआईडीई रेटिंग 2164 है.

भारतीय तैराकों की कोशिश ओलंपिक के लिए 'ए' क्वालीफिकेशन हासिल करने पर

तनिष्का ने कहा, "शतरंज के लिए मेरे अंदर एक जुनून है. मैंने इसके लिए कड़ी मेहनत की है और इसी का परिणाम है कि मैं राष्ट्रीय स्तर पर दूसरी और एशिया में 5वीं रैंकिंग हासिल कर पाई हूं. मैं बहुत उत्साहित हूं और अब विश्व में नंबर एक बनने के लिए मेहनत करूंगी. मेरे पिता ही मेरे प्रेरणास्रोत हैं. उन्होंने चेस के प्रति मेरे जुनून को सराहा और हर कदम पर मेरा साथ दिया है."

नई दिल्ली : सनसिटी स्कूल की 11वीं कक्षा की छात्रा तनिष्का कोटिया हाल ही में सर्बिया में एक त्रिकोणीय श्रंखला में शानदार प्रदर्शन करते हुए आईएम और डब्ल्यूआईएम स्तर के खिलाड़ियों को पराजित कर स्कोर बोर्ड पर शीर्ष स्थान पर पहुंच गईं. तनिष्का अपने स्कोर में 300-अंक जोड़ते हुए एक महीने में ही 1900 से 2200 तक पहुंच गईं. अपनी उपलब्धियों के चलते तनिष्का ने अंडर-16 में दूसरी अखिल भारतीय रैंक और एशियाड इंटरनेशनल डेस इचेस रैंकिंग में 5वीं रैंक हासिल की. उन्होंने शीर्ष 20 अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ियों में भी 19वां स्थान हासिल किया.

तनिष्का ने 2014 में स्कॉटलैंड में कॉमनवेल्थ शतरंज चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था. उन्होंने अपना पहला पेशेवर टूर्नामेंट सबसे कम उम्र में जीतकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड 2008 में अपना नाम दर्ज कराया था.

Chess, Tanishka kotia
तनिष्का कोटिया

वर्तमान में तनिष्का के नाम 50 पदक हैं और अगस्त 2019 की रैंकिंग के अनुसार उनकी एफआईडीई रेटिंग 2164 है.

भारतीय तैराकों की कोशिश ओलंपिक के लिए 'ए' क्वालीफिकेशन हासिल करने पर

तनिष्का ने कहा, "शतरंज के लिए मेरे अंदर एक जुनून है. मैंने इसके लिए कड़ी मेहनत की है और इसी का परिणाम है कि मैं राष्ट्रीय स्तर पर दूसरी और एशिया में 5वीं रैंकिंग हासिल कर पाई हूं. मैं बहुत उत्साहित हूं और अब विश्व में नंबर एक बनने के लिए मेहनत करूंगी. मेरे पिता ही मेरे प्रेरणास्रोत हैं. उन्होंने चेस के प्रति मेरे जुनून को सराहा और हर कदम पर मेरा साथ दिया है."

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तनिष्का कोटिया को अंडर-16 में हासिल की 5वीं एशियाई रैंक



भारतीय शतरंज खिलाड़ी तनिष्का कोटिया सर्बिया में त्रिकोणीय श्रंखला में शानदार प्रदर्शन करते हुए आईएम और डब्ल्यूआईएम स्तर  में शीर्ष स्थान पर पहुंच गईं.

 





नई दिल्ली : सनसिटी स्कूल की 11वीं कक्षा की छात्रा तनिष्का कोटिया हाल ही में सर्बिया में एक त्रिकोणीय श्रंखला में शानदार प्रदर्शन करते हुए आईएम और डब्ल्यूआईएम स्तर के खिलाड़ियों को पराजित कर स्कोर बोर्ड पर शीर्ष स्थान पर पहुंच गईं. तनिष्का अपने स्कोर में 300-अंक जोड़ते हुए एक महीने में ही 1900 से 2200 तक पहुंच गईं. अपनी उपलब्धियों के चलते तनिष्का ने अंडर-16 में दूसरी अखिल भारतीय रैंक और एशियाड इंटरनेशनल डेस इचेस रैंकिंग में 5वीं रैंक हासिल की. उन्होंने शीर्ष 20 अंतर्राष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ियों में भी 19वां स्थान हासिल किया.



तनिष्का ने 2014 में स्कॉटलैंड में कॉमनवेल्थ शतरंज चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था. उन्होंने अपना पहला पेशेवर टूर्नामेंट सबसे कम उम्र में जीतकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड 2008 में अपना नाम दर्ज कराया था.



वर्तमान में तनिष्का के नाम 50 पदक हैं और अगस्त 2019 की रैंकिंग के अनुसार उनकी एफआईडीई रेटिंग 2164 है.



तनिष्का ने कहा, "शतरंज के लिए मेरे अंदर एक जुनून है. मैंने इसके लिए कड़ी मेहनत की है और इसी का परिणाम है कि मैं राष्ट्रीय स्तर पर दूसरी और एशिया में 5वीं रैंकिंग हासिल कर पाई हूं. मैं बहुत उत्साहित हूं और अब विश्व में नंबर एक बनने के लिए मेहनत करूंगी. मेरे पिता ही मेरे प्रेरणास्रोत हैं. उन्होंने चेस के प्रति मेरे जुनून को सराहा और हर कदम पर मेरा साथ दिया है."

 


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