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खेल मंत्री रिजिजू का दो टूक बयान, कहा- साई सेंटर में यौन उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं - जीरो टॉलरेंस

खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि उन्होंने अगले चार सप्ताह के भीतर लंबित मामलों को निपटाने के लिए साई को निर्देश दिए हैं.

Sports Minister
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Published : Jan 18, 2020, 6:22 PM IST

हैदराबाद: भारतीय खेल प्राधिकरण ने शुक्रवार को उन आलोचनाओं को खारिज कर दिया जिनमें साई संस्थानों में यौन उत्पीड़न की शिकायतों को कड़ाई से नहीं निपटने की बात कही जा रही थी, ये मानते हुए कि इन खतरे से निपटने के लिए एक मजबूत व्यवस्था मौजूद है. साथ ही उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि दोषी पाए जाने वालों को दंडित करने के लिए नियम और कड़े किए जाने चाहिए.

एक रिपोर्ट में ये दावा किया गया था कि पिछले 10 सालों में 24 साई संस्थानों से यौन उत्पीड़न के 45 मामले दर्ज किए गए, देश में ओलंपिक खेलों को संचालित करने वाली नोडल निकाय ने दावा किया कि पिछले दशक में मामलों की संख्या 35 है जिसमें कार्रवाई 14 में पहले ही कार्रवाई हुई है.

साथ ही, ये भी कहा कि इस तरह के मामलों से निपटने के लिए एक "मजबूत" प्रणाली और पर्याप्त "निवारक" अपनी जगह पर हैं. हालांकि, एक शीर्ष अधिकारी ने बात करते हुए ये स्वीकार किया कि जो वर्तमान में तबादलों से लेकर वेतन में कटौती और पेंशन से लेकर निलंबन तक की सजा है, उनको और अधिक कठोर होना चाहिए.

खेल मंत्री किरेन रिजिजू
खेल मंत्री किरेन रिजिजू

उन्होंने कहा,"मैं मानता हूं कि दंड को और कठोर बनाने की आवश्यकता है लेकिन ये एक नीतिगत निर्णय है, जिसे केवल मंत्रालय स्तर पर बदला जा सकता है."

साई ने कहा कि 2011 से 2019 के रिकॉर्ड के अनुसार, यौन उत्पीड़न की 35 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 15 मामलों में पूछताछ जारी है. जिनमें तीन आरोप झूठे पाए गए, जबकि दो आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया. एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली जबकि एक अन्य शिकायत वापस ले ली गई.

इन 35 मामलों में से 27 कोचों के खिलाफ थे जबकि आठ साई अधिकारियों के खिलाफ थे.

भारतीय खेल प्राधिकरण
भारतीय खेल प्राधिकरण

साई के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है,"ये सुनिश्चित करने के लिए कि शिकायतकर्ता पर किसी तरह का दबाव न बनाया जा सके, जिन अधिकारी/कोच के खिलाफ शिकायत की जानी है, उन्हें पोस्टिंग की जगह से स्थानांतरित कर दिया जाता है."

आगे कहा गया,"इसके लिओए एक कॉल सेंटर भी चालू है (अप्रैल 2019 से) जिसके माध्यम से पीड़ित अपनी शिकायतों को सीधे दर्ज कर सकते हैं."

विज्ञप्ति में कहा गया कि पिछले साल दिसंबर में 350 से अधिक संकटकालीन कॉल आए थे. निकाय ने ये सष्ट नहीं किया कि इन शिकायतों से कैसे निपटा गया लेकिन आश्वासन दिया गया कि "अनुवर्ती कार्रवाई" की गई है.

खेल मंत्रालय, जिसके अंतरगत साई काम करता है, ने खुद अपने कुछ आंकड़ों को उजागर करते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न के मामले आदर्श से ज्यादा उन्मूलन के थे.

एक अधिकारी ने कहा,"हर साल लगभग 15,000 एथलीट पूरे देश में विभिन्न साई सुविधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए साइन अप करते हैं. इसमें से 4,000 से 5,000 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा के लिए जाते हैं. इसका मतलब है कि पिछले 10 साल में लगभग 1,50,000 एथलीटों को साई सुविधाओं में प्रशिक्षित किया गया है."

इस पर खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि उन्होंने अगले चार सप्ताह के भीतर लंबित मामलों को निपटाने के लिए साई को निर्देश दिए हैं.

खेलो इंडिया
खेलो इंडिया

शुक्रवार को जारी एक बयान में उन्होंने कहा,"जो पूछताछ चल रही है, उसमें तेजी लाई जाएगी. हम ये सुनिश्चित करेंगे कि यौन उत्पीड़न के मामलों को सुलझाने और हमारे एथलीटों, लड़कों और लड़कियों दोनों की सुरक्षा की पहले से मौजूद व्यवस्था को और मजबूत बनाया जाएगा."

दिल्ली में मौजूद मुख्य कार्यालय जहां यौन उत्पीड़न समिति का नेतृत्व क्षेत्रीय निदेशक मीना बोरा द्वारा किया जाता है, उसके साथ-साथ शिकायतों से निपटने के लिए साई के पास 12 क्षेत्रीय समितियाँ हैं.

उन्होंने कहा,"रिपोर्ट कहती है कि पिछले 10 वर्षों में 45 यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज किए गए. यदि हम आंकड़ों के अनुसार जाते हैं, तो 1,50,000 में से ये 45 मामले आए है. तो उस हिसाब से आंकडे़ 0.03 प्रतिशत पर है."

इसके अलावा, साई की महिला ट्रेनिज को यौन उत्पीड़न के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए हर क्षेत्र में स्थानीय भाषाओं में कार्यशालाओं का आयोजन करती है और जिस भी मामले का वो सामना करती हैं, उसमें मदद ले सकती हैं.

हैदराबाद: भारतीय खेल प्राधिकरण ने शुक्रवार को उन आलोचनाओं को खारिज कर दिया जिनमें साई संस्थानों में यौन उत्पीड़न की शिकायतों को कड़ाई से नहीं निपटने की बात कही जा रही थी, ये मानते हुए कि इन खतरे से निपटने के लिए एक मजबूत व्यवस्था मौजूद है. साथ ही उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि दोषी पाए जाने वालों को दंडित करने के लिए नियम और कड़े किए जाने चाहिए.

एक रिपोर्ट में ये दावा किया गया था कि पिछले 10 सालों में 24 साई संस्थानों से यौन उत्पीड़न के 45 मामले दर्ज किए गए, देश में ओलंपिक खेलों को संचालित करने वाली नोडल निकाय ने दावा किया कि पिछले दशक में मामलों की संख्या 35 है जिसमें कार्रवाई 14 में पहले ही कार्रवाई हुई है.

साथ ही, ये भी कहा कि इस तरह के मामलों से निपटने के लिए एक "मजबूत" प्रणाली और पर्याप्त "निवारक" अपनी जगह पर हैं. हालांकि, एक शीर्ष अधिकारी ने बात करते हुए ये स्वीकार किया कि जो वर्तमान में तबादलों से लेकर वेतन में कटौती और पेंशन से लेकर निलंबन तक की सजा है, उनको और अधिक कठोर होना चाहिए.

खेल मंत्री किरेन रिजिजू
खेल मंत्री किरेन रिजिजू

उन्होंने कहा,"मैं मानता हूं कि दंड को और कठोर बनाने की आवश्यकता है लेकिन ये एक नीतिगत निर्णय है, जिसे केवल मंत्रालय स्तर पर बदला जा सकता है."

साई ने कहा कि 2011 से 2019 के रिकॉर्ड के अनुसार, यौन उत्पीड़न की 35 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 15 मामलों में पूछताछ जारी है. जिनमें तीन आरोप झूठे पाए गए, जबकि दो आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया. एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली जबकि एक अन्य शिकायत वापस ले ली गई.

इन 35 मामलों में से 27 कोचों के खिलाफ थे जबकि आठ साई अधिकारियों के खिलाफ थे.

भारतीय खेल प्राधिकरण
भारतीय खेल प्राधिकरण

साई के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है,"ये सुनिश्चित करने के लिए कि शिकायतकर्ता पर किसी तरह का दबाव न बनाया जा सके, जिन अधिकारी/कोच के खिलाफ शिकायत की जानी है, उन्हें पोस्टिंग की जगह से स्थानांतरित कर दिया जाता है."

आगे कहा गया,"इसके लिओए एक कॉल सेंटर भी चालू है (अप्रैल 2019 से) जिसके माध्यम से पीड़ित अपनी शिकायतों को सीधे दर्ज कर सकते हैं."

विज्ञप्ति में कहा गया कि पिछले साल दिसंबर में 350 से अधिक संकटकालीन कॉल आए थे. निकाय ने ये सष्ट नहीं किया कि इन शिकायतों से कैसे निपटा गया लेकिन आश्वासन दिया गया कि "अनुवर्ती कार्रवाई" की गई है.

खेल मंत्रालय, जिसके अंतरगत साई काम करता है, ने खुद अपने कुछ आंकड़ों को उजागर करते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न के मामले आदर्श से ज्यादा उन्मूलन के थे.

एक अधिकारी ने कहा,"हर साल लगभग 15,000 एथलीट पूरे देश में विभिन्न साई सुविधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए साइन अप करते हैं. इसमें से 4,000 से 5,000 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा के लिए जाते हैं. इसका मतलब है कि पिछले 10 साल में लगभग 1,50,000 एथलीटों को साई सुविधाओं में प्रशिक्षित किया गया है."

इस पर खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि उन्होंने अगले चार सप्ताह के भीतर लंबित मामलों को निपटाने के लिए साई को निर्देश दिए हैं.

खेलो इंडिया
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शुक्रवार को जारी एक बयान में उन्होंने कहा,"जो पूछताछ चल रही है, उसमें तेजी लाई जाएगी. हम ये सुनिश्चित करेंगे कि यौन उत्पीड़न के मामलों को सुलझाने और हमारे एथलीटों, लड़कों और लड़कियों दोनों की सुरक्षा की पहले से मौजूद व्यवस्था को और मजबूत बनाया जाएगा."

दिल्ली में मौजूद मुख्य कार्यालय जहां यौन उत्पीड़न समिति का नेतृत्व क्षेत्रीय निदेशक मीना बोरा द्वारा किया जाता है, उसके साथ-साथ शिकायतों से निपटने के लिए साई के पास 12 क्षेत्रीय समितियाँ हैं.

उन्होंने कहा,"रिपोर्ट कहती है कि पिछले 10 वर्षों में 45 यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज किए गए. यदि हम आंकड़ों के अनुसार जाते हैं, तो 1,50,000 में से ये 45 मामले आए है. तो उस हिसाब से आंकडे़ 0.03 प्रतिशत पर है."

इसके अलावा, साई की महिला ट्रेनिज को यौन उत्पीड़न के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए हर क्षेत्र में स्थानीय भाषाओं में कार्यशालाओं का आयोजन करती है और जिस भी मामले का वो सामना करती हैं, उसमें मदद ले सकती हैं.

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खेल मंत्री रिजिजू का दो टूक बयान, कहा- साई सेंटर में यौन उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं



 



खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि उन्होंने अगले चार सप्ताह के भीतर लंबित मामलों को निपटाने के लिए साई को निर्देश दिए हैं.



हैदराबाद: भारतीय खेल प्राधिकरण ने शुक्रवार को उन आलोचनाओं को खारिज कर दिया जिनमें साई संस्थानों में यौन उत्पीड़न की शिकायतों को कड़ाई से नहीं निपटने की बात कही जा रही थी, ये मानते हुए कि इन खतरे से निपटने के लिए एक मजबूत व्यवस्था मौजूद है. साथ ही उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि दोषी पाए जाने वालों को दंडित करने के लिए नियम और कड़े किए जाने चाहिए.



एक रिपोर्ट में ये दावा किया गया था कि पिछले 10 सालों में 24 साई संस्थानों से यौन उत्पीड़न के 45 मामले दर्ज किए गए, देश में ओलंपिक खेलों को संचालित करने वाली नोडल निकाय ने दावा किया कि पिछले दशक में मामलों की संख्या 35 है जिसमें कार्रवाई 14 में पहले ही कार्रवाई हुई है.



साथ ही, ये भी कहा कि इस तरह के मामलों से निपटने के लिए एक "मजबूत" प्रणाली और पर्याप्त "निवारक" अपनी जगह पर हैं. हालांकि, एक शीर्ष अधिकारी ने बात करते हुए ये स्वीकार किया कि जो वर्तमान में तबादलों से लेकर वेतन में कटौती और पेंशन से लेकर निलंबन तक की सजा है, उनको और अधिक कठोर होना चाहिए.



उन्होंने कहा,"मैं मानता हूं कि दंड को और कठोर बनाने की आवश्यकता है लेकिन ये एक नीतिगत निर्णय है, जिसे केवल मंत्रालय स्तर पर बदला जा सकता है."



साई ने कहा कि 2011 से 2019 के रिकॉर्ड के अनुसार, यौन उत्पीड़न की 35 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 15 मामलों में पूछताछ जारी है. जिनमें तीन आरोप झूठे पाए गए, जबकि दो आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया. एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली जबकि एक अन्य शिकायत वापस ले ली गई.



इन 35 मामलों में से 27 कोचों के खिलाफ थे जबकि आठ साई अधिकारियों के खिलाफ थे.



साई के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है,"ये सुनिश्चित करने के लिए कि शिकायतकर्ता पर किसी तरह का दबाव न बनाया जा सके, जिन अधिकारी/कोच के खिलाफ शिकायत की जानी है, उन्हें पोस्टिंग की जगह से स्थानांतरित कर दिया जाता है."



आगे कहा गया,"इसके लिओए एक कॉल सेंटर भी चालू है (अप्रैल 2019 से) जिसके माध्यम से पीड़ित अपनी शिकायतों को सीधे दर्ज कर सकते हैं."



विज्ञप्ति में कहा गया कि पिछले साल दिसंबर में 350 से अधिक संकटकालीन कॉल आए थे. निकाय ने ये सष्ट नहीं किया कि इन शिकायतों से कैसे निपटा गया लेकिन आश्वासन दिया गया कि "अनुवर्ती कार्रवाई" की गई है.



खेल मंत्रालय, जिसके अंतरगत साई काम करता है, ने खुद अपने कुछ आंकड़ों को उजागर करते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न के मामले आदर्श से ज्यादा उन्मूलन के थे.



एक अधिकारी ने कहा,"हर साल लगभग 15,000 एथलीट पूरे देश में विभिन्न साई सुविधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए साइन अप करते हैं. इसमें से 4,000 से 5,000 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा के लिए जाते हैं. इसका मतलब है कि पिछले 10 साल में लगभग 1,50,000 एथलीटों को साई सुविधाओं में प्रशिक्षित किया गया है."



इस पर खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि उन्होंने अगले चार सप्ताह के भीतर लंबित मामलों को निपटाने के लिए साई को निर्देश दिए हैं.



शुक्रवार को जारी एक बयान में उन्होंने कहा,"जो पूछताछ चल रही है, उसमें तेजी लाई जाएगी. हम ये सुनिश्चित करेंगे कि यौन उत्पीड़न के मामलों को सुलझाने और हमारे एथलीटों, लड़कों और लड़कियों दोनों की सुरक्षा की पहले से मौजूद व्यवस्था को और मजबूत बनाया जाएगा."



दिल्ली में मौजूद मुख्य कार्यालय जहां यौन उत्पीड़न समिति का नेतृत्व क्षेत्रीय निदेशक मीना बोरा द्वारा किया जाता है, उसके साथ-साथ शिकायतों से निपटने के लिए साई के पास 12 क्षेत्रीय समितियाँ हैं.



उन्होंने कहा,"रिपोर्ट कहती है कि पिछले 10 वर्षों में 45 यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज किए गए. यदि हम आंकड़ों के अनुसार जाते हैं, तो 1,50,000 में से ये 45 मामले आए है. तो उस हिसाब से आंकडे़ 0.03 प्रतिशत पर है."



इसके अलावा, साई महिला ट्रेनिज को यौन उत्पीड़न के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए हर क्षेत्र में स्थानीय भाषाओं में कार्यशालाओं का आयोजन करती है और जिस भी मामले का वो सामना करती हैं, उसमें मदद ले सकती हैं.




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