नई दिल्ली: देश में महानतम ओलंपियन में से एक सुशील कुमार की हत्या के मामले में गिरफ्तारी से देश का खेल जगत निराश और सकते में है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाले सुशील को कई दिनों तक गायब रहने के बाद जब पकड़ा गया तो रविवार को उनके चेहरे को तौलिये से ढका गया था और दिल्ली पुलिस के विशेष सेल के अधिकारियों ने उनके दोनों हाथ पकड़े हुए थे.
दुर्भाग्य से यह सब कुछ विश्व कुश्ती दिवस के दिन हुआ.
भारतीय कुश्ती की नर्सरी माने जाने वाले छत्रसाल स्टेडियम में झड़प के दौरान 23 साल के पहलवान सागर धनखड़ की मौत में कथित रूप से संलिप्तता के मामले में सुशील गैर जमानती वारंट से बच रहे थे. ओलंपिक में दो व्यक्तिगत पदक जीतने वाले भारत के एकमात्र खिलाड़ी सुशील ने छत्रसाल स्टेडियम को काफी लोकप्रिय किया.
सागर दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल का बेटा था और स्टेडियम में ट्रेनिंग करता था. झड़प के दौरान लगी चोटों के कारण पांच मई को उसकी मौत हो गई.
इन घटनाओं से भारतीय खेल जगत स्तब्ध है लेकिन सुशील की उपलब्धियों का सम्मान बरकरार है. सुशील कुश्ती में भारत के एकमात्र विश्व चैंपियन और राष्ट्रमंडल खेलों के तीन बार के स्वर्ण पदक विजेता हैं.
सुशील के साथ दो ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने पीटीआई से कहा, "भारतीय खेलों के लिए उसने जो किया है उससे वह कभी नहीं छीना जा सकता. इस समय मैं बस यही कहना चाहता हूं. चीजें साफ होने दीजिए. मैं इससे अधिक टिप्पणी नहीं करना चाहता."
बीजिंग 2008 ओलंपिक खेलों में विजेंदर और सुशील दोनों ने कांस्य पदक जीते थे. विजेंदर मुक्केबाजी में भारत के एकमात्र पुरुष ओलंपिक पदक विजेता हैं.
चौथी बार ओलंपिक में हिस्सा लेने की तैयारी कर रहे अचंता शरत कमल ने स्वीकार किया कि इस घटना से भारतीय खेलों की छवि को नुकसान होगा.
उन्होंने कहा, 'अगर असल में ऐसा हुआ है तो यह दुर्भाग्यशाली है और सिर्फ कुश्ती नहीं बल्कि भारतीय खेलों पर गलत असर डालेगा.'
शरत कमल ने कहा, 'वह हमारे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक है. लोग उससे प्रेरणा लेते हैं. इसलिए अगर उसने ऐसा किया है तो इसका सिर्फ पहलवानों की नहीं बल्कि अन्य खेलों के खिलाड़ियों पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा.'
ओलंपिक 2008 में भारतीय ओलंपिक संघ के पर्यवेक्षक रहे पूर्व हॉकी कप्तान अजितपाल सिंह ने खेलों के दौरान सुशील के साथ बातचीत को याद करते हुए कहा कि उन्हें अब तक समझ नहीं आ रहा कि इस ‘भद्र’ व्यक्ति के साथ क्या गलत हुआ.
उन्होंने कहा, 'यह काफी शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है. आदर्श होने के नाते सुशील ने हमेशा उदाहरण पेश किया है और कभी इस तरह के झगड़े में शामिल नहीं रहा. उसके पास जीवन में सब कुछ है, खेल ने उसे सब कुछ दिया, पैसा, नाम.'
अजितपाल ने कहा, 'मैं बीजिंग ओलंपिक के दौरान उससे मिला जहां मैं आईओए का पर्यवेक्षक था और उसे जमीन से जुड़ा हुआ इंसान और भद्र व्यक्ति पाया. लेकिन सभी को पता होना चाहिए कि प्रसिद्धि से कैसे निपटा जाता है.'
सुशील के साथी एक जाने माने पहलवान ने कोई भी नजरिया बनाने के खिलाफ चेताया.
उन्होंने कहा, 'हां, उसे गिरफ्तार किया गया है लेकिन समय और जांच ही बताएगी कि वह उसमें शामिल था या नहीं. निश्चित तौर पर इससे कुश्ती और खेलों की छवि को नुकसान पहुंचा है. देखते हैं कि जांच से क्या निकलकर आता है.'
सुशील को करीब से जानने वाले एक शीर्ष मुक्केबाज ने कहा, 'उसके दो छोटे बच्चे हैं, उन पर होने वाले असर के बारे में सोचिए.'
सुशील ने अपने कोच सतपाल की बेटी सावी से 2011 में शादी की और उनके दो बेटे हैं.
ओलंपिक से जुड़े खेलों में ही नहीं बल्कि क्रिकेट जगत में भी सुशील को चाहने वाले हैं. एक पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि कोई भी नजरिया कायम करने से पहले अधिक जानकारी का इंतजार करना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'वह सिर्फ एक आरोपी है. लेकिन एक स्तर पर आने के बाद काफी कुछ इस पर निर्भर करता है कि आपके साथी कौन हैं. यह निराशाजनक है लेकिन अगर वह निर्दोश है जो निश्चित तौर पर उसे न्याय मिलना चाहिए.'
एक पूर्व हॉकी कप्तान ने कहा कि सुशील के दर्जे के हीरो का नीचे गिरना कभी भी खेल के लिए अच्छा नहीं होता. उन्होंने कहा, 'अगर आरोप सही है तो यह भारतीय खेलों का सबसे काला अध्याय होगा. वह कई युवा खिलाड़ियों के लिए आदर्श था.'
एक जाने माने निशानेबाज ने कहा, 'जहां तक ओलंपियन का सवाल है तो उनसे जुड़ी ऐसी चीजें कभी नहीं सुनी. इस पर विश्वास करना मुश्किल है, अगर असल में ऐसा हुआ है तो यह काफी स्तब्ध करने वाला है. मझे नहीं पता कि क्या कहा जाए.'
एक प्रतिष्ठित बैडमिंटन खिलाड़ी का मानना है कि भारतीय खेल इस झटके से उबरने में सफल रहेंगे क्योंकि आगामी समय में नए हीरो तैयार होंगे.