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पैरालंपिक कांस्य पदक विजेता शरद सीने में जकड़न के कारण एम्स में भर्ती - सीने में दर्द

कांस्य पदक विजेता शरद कुमार को सीने में जकड़न के कारण एम्स में भर्ती कराया गया है.

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पैरालंपिक कांस्य पदक विजेता शरद
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Published : Sep 20, 2021, 7:37 PM IST

नई दिल्ली: पैरालंपिक में ऊंची कूद के कांस्य पदक विजेता शरद कुमार को सीने में जकड़न के कारण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है. लेकिन वह अब बेहतर महसूस कर रहे हैं.

टोक्यो पैरालंपिक की टी-42 ऊंची कूद स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाले शरद को चार दिन पहले एम्स में भर्ती कराया गया था और उन्हें अपने परीक्षण के नतीजों का इंतजार है.

यह भी पढ़ें: खेल रत्न के लिए 4 पैरा एथलीटों में शरद कुमार की सिफारिश, अवनि अर्जुन पुरस्कार की दावेदारी में

शरद ने पीटीआई से कहा, सीने में जकड़न के बाद मैं चार दिन से यहां भर्ती हूं. अब मैं बेहतर महसूस कर रहा हूं. उन्होंने कहा, प्रत्येक दिन परीक्षण हो रहे हैं और डॉक्टर एक या दो दिन में बताएंगे (कि आगे क्या करना है).

यह भी पढ़ें: Sharad wins Bronze : टोक्यो पैरालंपिक में पुरुषों की ऊंची कूद में भारत ने जीता कांस्य

पटना में जन्में 29 साल के इस खिलाड़ी ने स्पर्धा से पहले घुटने में चोट के बावजूद टी-42 फाइनल में हिस्सा लिया था. उन्होंने बाद में कहा था कि वह प्रतियोगिता से हटने की कगार में थे.

वह हालंकि 1.83 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीतने में सफल रहे थे. बचपन में पोलियो की नकली दवा के कारण शरद के बाएं पैर में लकवा मार गया था. शरद ऊंची कूद में 2014 और 2018 एशियाई पैरा खेलों के चैंपियन हैं. उन्होंने साल 2019 में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था.

नई दिल्ली: पैरालंपिक में ऊंची कूद के कांस्य पदक विजेता शरद कुमार को सीने में जकड़न के कारण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है. लेकिन वह अब बेहतर महसूस कर रहे हैं.

टोक्यो पैरालंपिक की टी-42 ऊंची कूद स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाले शरद को चार दिन पहले एम्स में भर्ती कराया गया था और उन्हें अपने परीक्षण के नतीजों का इंतजार है.

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शरद ने पीटीआई से कहा, सीने में जकड़न के बाद मैं चार दिन से यहां भर्ती हूं. अब मैं बेहतर महसूस कर रहा हूं. उन्होंने कहा, प्रत्येक दिन परीक्षण हो रहे हैं और डॉक्टर एक या दो दिन में बताएंगे (कि आगे क्या करना है).

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पटना में जन्में 29 साल के इस खिलाड़ी ने स्पर्धा से पहले घुटने में चोट के बावजूद टी-42 फाइनल में हिस्सा लिया था. उन्होंने बाद में कहा था कि वह प्रतियोगिता से हटने की कगार में थे.

वह हालंकि 1.83 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीतने में सफल रहे थे. बचपन में पोलियो की नकली दवा के कारण शरद के बाएं पैर में लकवा मार गया था. शरद ऊंची कूद में 2014 और 2018 एशियाई पैरा खेलों के चैंपियन हैं. उन्होंने साल 2019 में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था.

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