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Swimming World Championship : निरंजन मुकुंदन स्विमिंग विश्वव चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले तैराक बने

पैरा तैराक निरंजन मुकुंदन (Niranjan Mukandan) विश्वव चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने वाले देश के पहले तैराक बन गए हैं. वो देश के लिए कई अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में मेडल जीत चुके हैं.

Niranjan Mukandan
निरंजन मुकुंदन
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Published : Oct 29, 2022, 4:22 PM IST

नई दिल्ली: पैरा ओलंपियन निरंजन मुकुंदन (Niranjan Mukandan) मैनचेस्टर पैरा स्विमिंग विश्वव चैंपियनशिप 2023 (Manchester Para Swimming World Championship) की चार स्पर्धाओं के लिए क्वालीफाई किया है. वो ये कारनामा करने वाले देश के पहले पैरा तैराक (Para Swimmer) हैं. ये चैंपियनशिप 31 जुलाई से 6 अगस्त 2023 तक होगी. कर्नाटक के रहने वाले मुकुंदन ने नॉर्वे स्विमिंग चैंपियनशिप (Norwegian Swimming Championships 2019) में पांच गोल्ड मेडल जीते थे.

  • We're extremely proud of 2020 Tokyo Paralympian @SwimmerNiranjan on his stupendous achievement 🔥

    The first Indian para swimmer to qualify in 4 events at the World Championships 2023 😍

    Many congratulations 👏 pic.twitter.com/v04Zu1hB0p

    — SAI Media (@Media_SAI) October 29, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जाने कौन हैं निरंजन

27 साल के निरंजन पैरा स्वीमर हैं. उसनेे आठ साल की उम्र में तैरना शुरू किया था. वे जन्म से ही स्पाइना बाइफिडा (Spina Bifida) के शिकार थे. उनके दोनों पैर जुड़े हुए थे. उनकी 17 बार सर्जरी हुई, जिसकी बदौलत वे चलने फिरने में कामयाब रहे. निरंजन के पिता ने ने उसे स्वीमिंग कराना शुरू किया. वे कुछ सालों बाद जूनियर वर्ल्ड चैंपियन बने और अब अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं. निरंजन माइकल फेल्पस को अपना रोल मॉडल मानते हैं.

200 मीटर फ्रीस्टाइल में जीता पहला मेडल

2010 में बर्लिन में आईडीएम जर्मन तैराकी चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व किया. वहां 200 मीटर फ्रीस्टाइल प्रतियोगिता में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय ब्रॉन्ज मेडल जीता. 2011 में उन्होंने वर्ल्ड जूनियर गेम्स में भी कई अंतर्राष्ट्रीय पदक जीते. 2012 में गंभीर चोट लगी और छह महीने तक बिस्तर पर रहे, जिसके कारण वे ग्लासगो 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स नहीं खेल पाए. 2014 में एशियाई पैरा खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीता.

वर्ल्ड जूनियर गेम्स जीते सात मेडल

2015 में नीदरलैंड में आयोजित वर्ल्ड जूनियर गेम्स में दस मेडल जीते, जिसमें सात स्वर्ण और तीन सिल्वर मेडल थे. पैरों में 32 मेटल रॉड के बावजूद वो तैराकी में देश का नाम रोशन कर रहे हैं. निरंजन को 2015 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ पैरा स्पोर्ट्सपर्सन पुरस्कार और खेल में असाधारण प्रदर्शन के लिए 2016 में एकलव्य पुरस्कार से सम्मानित किया. 2017 में निरंजन ने रिकॉर्ड समय में कार द्वारा स्वर्णिम चतुर्भुज पूरा करके अपना नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया.

इसे भी पढ़ें- BWF World Junior Championships : शंकर मुथुसैमी ने सेमीफाइनल में बनाई जगह, मेडल पक्का

साल 2018 में पैरा-स्विमिंग वर्ल्ड सीरीज, बर्लिन में एशियाई रिकॉर्ड बनाया जो 200 मीटर बैकस्ट्रोक इवेंट में 03:16:01 का था. वो एशियन रिकार्ड धारक और पूर्व जूनियर विश्व चैंपियन भी हैं. टोक्यो ओलंपिक 2022 (Tokyo Olympic 2022) में भाग लिया था.

नई दिल्ली: पैरा ओलंपियन निरंजन मुकुंदन (Niranjan Mukandan) मैनचेस्टर पैरा स्विमिंग विश्वव चैंपियनशिप 2023 (Manchester Para Swimming World Championship) की चार स्पर्धाओं के लिए क्वालीफाई किया है. वो ये कारनामा करने वाले देश के पहले पैरा तैराक (Para Swimmer) हैं. ये चैंपियनशिप 31 जुलाई से 6 अगस्त 2023 तक होगी. कर्नाटक के रहने वाले मुकुंदन ने नॉर्वे स्विमिंग चैंपियनशिप (Norwegian Swimming Championships 2019) में पांच गोल्ड मेडल जीते थे.

  • We're extremely proud of 2020 Tokyo Paralympian @SwimmerNiranjan on his stupendous achievement 🔥

    The first Indian para swimmer to qualify in 4 events at the World Championships 2023 😍

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    — SAI Media (@Media_SAI) October 29, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जाने कौन हैं निरंजन

27 साल के निरंजन पैरा स्वीमर हैं. उसनेे आठ साल की उम्र में तैरना शुरू किया था. वे जन्म से ही स्पाइना बाइफिडा (Spina Bifida) के शिकार थे. उनके दोनों पैर जुड़े हुए थे. उनकी 17 बार सर्जरी हुई, जिसकी बदौलत वे चलने फिरने में कामयाब रहे. निरंजन के पिता ने ने उसे स्वीमिंग कराना शुरू किया. वे कुछ सालों बाद जूनियर वर्ल्ड चैंपियन बने और अब अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं. निरंजन माइकल फेल्पस को अपना रोल मॉडल मानते हैं.

200 मीटर फ्रीस्टाइल में जीता पहला मेडल

2010 में बर्लिन में आईडीएम जर्मन तैराकी चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व किया. वहां 200 मीटर फ्रीस्टाइल प्रतियोगिता में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय ब्रॉन्ज मेडल जीता. 2011 में उन्होंने वर्ल्ड जूनियर गेम्स में भी कई अंतर्राष्ट्रीय पदक जीते. 2012 में गंभीर चोट लगी और छह महीने तक बिस्तर पर रहे, जिसके कारण वे ग्लासगो 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स नहीं खेल पाए. 2014 में एशियाई पैरा खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीता.

वर्ल्ड जूनियर गेम्स जीते सात मेडल

2015 में नीदरलैंड में आयोजित वर्ल्ड जूनियर गेम्स में दस मेडल जीते, जिसमें सात स्वर्ण और तीन सिल्वर मेडल थे. पैरों में 32 मेटल रॉड के बावजूद वो तैराकी में देश का नाम रोशन कर रहे हैं. निरंजन को 2015 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ पैरा स्पोर्ट्सपर्सन पुरस्कार और खेल में असाधारण प्रदर्शन के लिए 2016 में एकलव्य पुरस्कार से सम्मानित किया. 2017 में निरंजन ने रिकॉर्ड समय में कार द्वारा स्वर्णिम चतुर्भुज पूरा करके अपना नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया.

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साल 2018 में पैरा-स्विमिंग वर्ल्ड सीरीज, बर्लिन में एशियाई रिकॉर्ड बनाया जो 200 मीटर बैकस्ट्रोक इवेंट में 03:16:01 का था. वो एशियन रिकार्ड धारक और पूर्व जूनियर विश्व चैंपियन भी हैं. टोक्यो ओलंपिक 2022 (Tokyo Olympic 2022) में भाग लिया था.

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