हैदराबाद : दो बार की एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता भारत की चेस खिलाड़ी कोनेरू हंपी ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. चेस ओलंपियाड में भारत के विजयी होने के बाद वे ईटीवी भारत से रूबरू हुईं. उन्होंने बताया कि इस जीत के बाद वे कितना गर्व महसूस कर रही हैं इसके अलावा उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण खेल में किस तरह दिक्कत आई.
रूस और भारत चेस ओलंपियाड में संयुक्त विजेता रहे, कैसा महसूस कर रही हैं?
हंपी ने कहा, "आज मैं बहुत गर्व महसूस कर रही हूं क्योंकि हम देश के लिए स्वर्ण जीते हैं. ये हमारी टीम का सपना था कि हम जीतें. हमने ये सफर अगस्त के पहले हफ्ते में शुरू किया था तब हमारे सामने चीन था. हम उनको हरा सके और क्वॉर्टरफाइनल में पहुंचे. उस समय हमको लगा था कि हम मेडल जीत सकते हैं. सेमीफाइनल थोड़ा कठिन था, हम अपना पहला सेट पोलैंड के खिलाफ हार गए थे, दूसरे सेट में हम चार मैच जीते और एक ड्रॉ किया. फिर हम फाइनल में पहुंचे. फाइनल में हम सभी ड्रॉ करने में सफल रहे. दूसरे सेट में सर्वर खराब हो गया और दोनों टीमों को विजेता करार दिया. हमने अपील की, वो हमारा हक था. ये हमारी गलती नहीं थी, फिर हम दूसरे मैच के लिए तैयार भी थे लेकिन फीडे ने ये निर्णय लिया कि दोनों टीमों को स्वर्ण पदक दे दिया जाए. ये सर्पराइज था और हम काफी खुश भी थे."
कोरोनावायरस के कारण इस चैंपियनशिप की तैयारी में कोई दिक्कत आई?
33 वर्षीय कोनेरू हंपी ने कहा, "पहला इवेंट मार्च-अप्रैल में खेला था जो एक टीम इवेंट था. फीडे ने ही निर्णय लिया कि फिजिकल स्पोर्ट नहीं हो सकता तो ऑनलाइन करवाना ही ठीक रहेगा. उन्होंने वन नेशंस कप से शुरुआत की और मैंने उसमें भाग लिया. ये मेरे लिए तीसरा ऑनलाइन इवेंट था."