कटक: पुरुष टीम ने जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में शुक्रवार को खेले गए फाइनल में इंग्लैंड को 3-2 से मात देकर खिताब बरकरार रखा. महिला टीम ने भी इंग्लैंड को को 3-0 से हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया.
भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में सिंगापुर को 3-0 से शिकस्त दी. लगातार आठ बार खिताब जीतने वाली सिंगापुर की महिला टीम 1997 से ये ट्रॉफी अपने नाम करती आ रही थी.
भारतीय पुरुष टीम ने लगातार दूसरी बार खिताब जीता है. टीम ने इससे पहले सूरत में 2015 में ये खिताब अपने नाम किया था. इसके अलावा उसने अपना पहला खिताब 2004 में कुआलालम्पुर में जीता था.
महिला वर्ग में अर्चना कामत ने शानदार शुरुआत की और हो टिन टिन को पराजित किया. इसके बाद मनिका बत्रा ने डेनिस पायेट को और मधुरिका पाटकर ने एमिली बाल्टन को मात देकर भारतीय टीम को इंग्लैंड पर 3-0 की खिताब जीत दिला दी.
पुरुष वर्ग में अपना 26वां जन्मदिन मना रहे हरमीत देसाई ने ना केवल भारत को खिताब गंवाने से बचा लिया बल्कि मैच में शानदार वापसी कराकर उसे चैंपियन भी बना दिया.
भारतीय टीम फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ अचंता शरत कमल और जी. साथियान के हारने के बाद 0-2 से पीछे चल रही थी.
लेकिन हरमीत ने फिर डेविड मैक्बीथ को हराकर हराकर भारत को मैच में वापसी करा दिया.
हरमीत की इस जीत के बाद साथियान और अचंता ने फिर अपने-अपने मुकाबले जीतकर इंग्लैंड को 3-2 से हरकर खिताब अपने नाम कर लिया.