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एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप: भारत के खाते में आए कुल 13 मेडल

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Published : Apr 26, 2019, 9:37 PM IST

बैंकॉक में हुए एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारतीय मुक्केबाजों ने कुल 13 पदकों पर कब्जा जमाया. टूर्नामेंट के आखरी दिन पूजा रानी और अमित पंघल ने अपने-अपने मुकाबलों में जीत हासिल कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया. वहीं कविंदर बिष्ट, दीपक कुमार, आशीष कुमार और सिमरनजीत ने अपने-अपने भार वर्ग में रजत पदक के साथ संतोष किया.

Asian Boxing Championship

हैदराबाद: एशियाई खेलों की पूर्व कांस्य पदक विजेता पूजा रानी ने एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में बड़ा उलटफेर कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया है. पूजा ने महिलाओं के 81 किलोग्राम भारवर्ग के मुकाबले में विश्व चैंपियन वांग लिन को मात देकर सोने का तमगा जीता. वहीं एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता अमित पंघल भी स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे.

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भारत का 81 किलोग्राम भारवर्ग में इस टूर्नामेंट में पहला स्वर्णपहली बार 81 किलोग्राम भारवर्ग में उतरीं पूजा ने चीन की खिलाड़ी को 4-1 से मात दी. इससे पहले पूजा 75 किलोग्राम भारवर्ग में खेलती थीं. ये भारत का 81 किलोग्राम भारवर्ग में इस टूर्नामेंट में पहला स्वर्ण पदक भी है. भिवानी की इस खिलाड़ी का ये इस टूर्नामेंट में कुल तीसरा पदक है. इससे पहले वो 2012 में रजत और 2015 में कांस्य पदक जीत चुकी हैं.

वहीं पंघल ने 52 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल मुकाबले में कोरिया के किम इनक्यू को 5-0 से मात दी. पंघल पहली बार 52 किलोग्राम भारवर्ग में खेल रहे थे. इससे पहले वे 49 किलोग्राम भारवर्ग में खेलते थे.

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पंघल ने अपनी बेहतरीन ताकत और तकनीक का परिचय देते हुए जीत हासिल की. एशियन चैंपियनशिप में पंघल का ये दूसरा पदक है. 2017 में उन्होंने कांस्य पदक जीता. इस टूर्नामेंट से पहले उन्होंने फरवरी में स्ट्रेंजा मैमोरियल टूर्नामेंट में स्वर्ण जीता था.

हालांकि अमित और पूजा को छोड़कर भारत को चार अन्य फाइनल मुकाबलों में रजत पदक से संतोष करना पड़ा.

आंख में चोट के बावजूद मैच खेल रहे थे बिष्ट

कविंदर सिंह बिष्ट को भी 56 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में एशियाई खेलों के मौजूदा चैंपियन उज्बेकिस्तान के मिराजिज्बेक मिजार्खालिलोव के खिलाफ हार झेलनी पड़ी. कविंदर इस मैच में आंख में चोट के बाद खेल रहे थे. ये चोट उन्हें सेमीफाइनल में लगी थी. हालांकि कविंदर ने अच्छा खेल दिखाया है लेकिन वो 0-5 से अपनी हार को रोक नहीं पाए.

दुसरी ओर माकरान कप के विजेता दीपक कुमार ने 49 किलोग्राम भारवर्ग में उज्बेकिस्तान के नोडिजरेन मिर्जामदेव ने हराया. हालांकि दीपक ने जीतने के लिए काफी मेहनत की और अपने विरोधी को कभी भी आसान मौका नहीं दिया.

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आशीष कुमार को भी 75 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में मात खानी पड़ी. उन्हें कजाकिस्तान के तुरस्यानबे कुलाखमेट ने 5-0 से हराया.

इधर महिला वर्ग में सिमरनजीत सिंह को रजत पदक से संतोष करना पड़ा. 64 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में भारतीय मुक्केबाज को चीन की डोउ डान ने 4-1 से हराया. हालांकि चीन की खिलाड़ी को काफी मेहनत करनी पड़ी. आपको बता दें चीनी खिलाड़ी ने सिमरनजीत को पिछले साल हुई वल्र्ड चैम्पियनशिप में हराया था.

बिष्ट, दीपक, आशीष और सिमरनजीत का ये एशियाई चैम्पियनशिप में पदार्पण था.

शिव थापा का टूर्नामेंट में लगातार चौथा पदक

इससे पहले गुरुवार को भारत ने सात कांस्य पदक हासिल किए थे. शिव थापा को 60 किलोग्राम भारवर्ग में कांसा मिला. ये थापा का इस टूर्नामेंट में लगातार चौथा पदक है. वहीं पूर्व विश्व चैम्पियन सरिता देवी (60 किलोग्राम भारवर्ग) ने इस टूर्नामेंट में आठवां पदक अपने नाम किया.

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इनके अलावा निखत जरीन (51 किलोग्राम भारवर्ग), मनीषा मौन (54 किलोग्राम भारवर्ग), सोनिया चहल (57 किलोग्राम भारवर्ग), आशीष (69 किलोग्राम भारवर्ग), सतीश कुमार (91 प्लस किलोग्राम भारवर्ग) को भी कांस्य पदक मिला.

आपको बता दें कि एशियाई चैम्पियनशिप में ऐसा पहली बार हुआ है जब महिला और पुरुष स्पर्धाएं एक साथ आयोजित की गई हों.

हैदराबाद: एशियाई खेलों की पूर्व कांस्य पदक विजेता पूजा रानी ने एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में बड़ा उलटफेर कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया है. पूजा ने महिलाओं के 81 किलोग्राम भारवर्ग के मुकाबले में विश्व चैंपियन वांग लिन को मात देकर सोने का तमगा जीता. वहीं एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता अमित पंघल भी स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे.

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भारत का 81 किलोग्राम भारवर्ग में इस टूर्नामेंट में पहला स्वर्णपहली बार 81 किलोग्राम भारवर्ग में उतरीं पूजा ने चीन की खिलाड़ी को 4-1 से मात दी. इससे पहले पूजा 75 किलोग्राम भारवर्ग में खेलती थीं. ये भारत का 81 किलोग्राम भारवर्ग में इस टूर्नामेंट में पहला स्वर्ण पदक भी है. भिवानी की इस खिलाड़ी का ये इस टूर्नामेंट में कुल तीसरा पदक है. इससे पहले वो 2012 में रजत और 2015 में कांस्य पदक जीत चुकी हैं.

वहीं पंघल ने 52 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल मुकाबले में कोरिया के किम इनक्यू को 5-0 से मात दी. पंघल पहली बार 52 किलोग्राम भारवर्ग में खेल रहे थे. इससे पहले वे 49 किलोग्राम भारवर्ग में खेलते थे.

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पंघल ने अपनी बेहतरीन ताकत और तकनीक का परिचय देते हुए जीत हासिल की. एशियन चैंपियनशिप में पंघल का ये दूसरा पदक है. 2017 में उन्होंने कांस्य पदक जीता. इस टूर्नामेंट से पहले उन्होंने फरवरी में स्ट्रेंजा मैमोरियल टूर्नामेंट में स्वर्ण जीता था.

हालांकि अमित और पूजा को छोड़कर भारत को चार अन्य फाइनल मुकाबलों में रजत पदक से संतोष करना पड़ा.

आंख में चोट के बावजूद मैच खेल रहे थे बिष्ट

कविंदर सिंह बिष्ट को भी 56 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में एशियाई खेलों के मौजूदा चैंपियन उज्बेकिस्तान के मिराजिज्बेक मिजार्खालिलोव के खिलाफ हार झेलनी पड़ी. कविंदर इस मैच में आंख में चोट के बाद खेल रहे थे. ये चोट उन्हें सेमीफाइनल में लगी थी. हालांकि कविंदर ने अच्छा खेल दिखाया है लेकिन वो 0-5 से अपनी हार को रोक नहीं पाए.

दुसरी ओर माकरान कप के विजेता दीपक कुमार ने 49 किलोग्राम भारवर्ग में उज्बेकिस्तान के नोडिजरेन मिर्जामदेव ने हराया. हालांकि दीपक ने जीतने के लिए काफी मेहनत की और अपने विरोधी को कभी भी आसान मौका नहीं दिया.

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आशीष कुमार को भी 75 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में मात खानी पड़ी. उन्हें कजाकिस्तान के तुरस्यानबे कुलाखमेट ने 5-0 से हराया.

इधर महिला वर्ग में सिमरनजीत सिंह को रजत पदक से संतोष करना पड़ा. 64 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में भारतीय मुक्केबाज को चीन की डोउ डान ने 4-1 से हराया. हालांकि चीन की खिलाड़ी को काफी मेहनत करनी पड़ी. आपको बता दें चीनी खिलाड़ी ने सिमरनजीत को पिछले साल हुई वल्र्ड चैम्पियनशिप में हराया था.

बिष्ट, दीपक, आशीष और सिमरनजीत का ये एशियाई चैम्पियनशिप में पदार्पण था.

शिव थापा का टूर्नामेंट में लगातार चौथा पदक

इससे पहले गुरुवार को भारत ने सात कांस्य पदक हासिल किए थे. शिव थापा को 60 किलोग्राम भारवर्ग में कांसा मिला. ये थापा का इस टूर्नामेंट में लगातार चौथा पदक है. वहीं पूर्व विश्व चैम्पियन सरिता देवी (60 किलोग्राम भारवर्ग) ने इस टूर्नामेंट में आठवां पदक अपने नाम किया.

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इनके अलावा निखत जरीन (51 किलोग्राम भारवर्ग), मनीषा मौन (54 किलोग्राम भारवर्ग), सोनिया चहल (57 किलोग्राम भारवर्ग), आशीष (69 किलोग्राम भारवर्ग), सतीश कुमार (91 प्लस किलोग्राम भारवर्ग) को भी कांस्य पदक मिला.

आपको बता दें कि एशियाई चैम्पियनशिप में ऐसा पहली बार हुआ है जब महिला और पुरुष स्पर्धाएं एक साथ आयोजित की गई हों.

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एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप: भारत के खाते में आए कुल 13 मेडल



 



बैंकॉक में हुए एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारतीय मुक्केबाजों ने कुल 13 पदकों पर कब्जा जमाया. टूर्नामेंट के आखरी दिन पूजा रानी और अमित पंघल ने अपने-अपने मुकाबलों में जीत हासिल कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया. वहीं कविंदर बिष्ट, दीपक कुमार, आशीष कुमार और सिमरनजीत ने अपने-अपने भार वर्ग में रजत पदक के साथ संतोष किया.



हैदराबाद: एशियाई खेलों की पूर्व कांस्य पदक विजेता पूजा रानी ने एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में बड़ा उलटफेर कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया है. पूजा ने महिलाओं के 81 किलोग्राम भारवर्ग के मुकाबले में विश्व चैंपियन वांग लिन को मात देकर सोने का तमगा जीता. वहीं एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता अमित पंघल भी स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे.

भारत का 81 किलोग्राम भारवर्ग में इस टूर्नामेंट में पहला स्वर्ण

पहली बार 81 किलोग्राम भारवर्ग में उतरीं पूजा ने चीन की खिलाड़ी को 4-1 से मात दी. इससे पहले पूजा 75 किलोग्राम भारवर्ग में खेलती थीं. ये भारत का 81 किलोग्राम भारवर्ग में इस टूर्नामेंट में पहला स्वर्ण पदक भी है. भिवानी की इस खिलाड़ी का ये इस टूर्नामेंट में कुल तीसरा पदक है. इससे पहले वो 2012 में रजत और 2015 में कांस्य पदक जीत चुकी हैं.



वहीं पंघल ने 52 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल मुकाबले में कोरिया के किम इनक्यू को 5-0 से मात दी. पंघल पहली बार 52 किलोग्राम भारवर्ग में खेल रहे थे. इससे पहले वे 49 किलोग्राम भारवर्ग में खेलते थे.



पंघल ने अपनी बेहतरीन ताकत और तकनीक का परिचय देते हुए जीत हासिल की. एशियन चैंपियनशिप में पंघल का ये दूसरा पदक है. 2017 में उन्होंने कांस्य पदक जीता. इस टूर्नामेंट से पहले उन्होंने फरवरी में स्ट्रेंजा मैमोरियल टूर्नामेंट में स्वर्ण जीता था.



हालांकि अमित और पूजा को छोड़कर भारत को चार अन्य फाइनल मुकाबलों में रजत पदक से संतोष करना पड़ा.

बिष्ट आंख में चोट के बाद खेल रहे थे मैच

कविंदर सिंह बिष्ट को भी 56 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में एशियाई खेलों के मौजूदा चैंपियन उज्बेकिस्तान के मिराजिज्बेक मिजार्खालिलोव के खिलाफ हार झेलनी पड़ी. कविंदर इस मैच में आंख में चोट के बाद खेल रहे थे. ये चोट उन्हें सेमीफाइनल में लगी थी. हालांकि कविंदर ने अच्छा खेल दिखाया है लेकिन वो 0-5 से अपनी हार को रोक नहीं पाए.



दुसरी ओर माकरान कप के विजेता दीपक कुमार ने 49 किलोग्राम भारवर्ग में उज्बेकिस्तान के नोडिजरेन मिर्जामदेव ने हराया. हालांकि दीपक ने जीतने के लिए काफी मेहनत की और अपने विरोधी को कभी भी आसान मौका नहीं दिया.



आशीष कुमार को भी 75 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में मात खानी पड़ी. उन्हें कजाकिस्तान के तुरस्यानबे कुलाखमेट ने 5-0 से हराया.



इधर महिला वर्ग में सिमरनजीत सिंह को रजत पदक से संतोष करना पड़ा. 64 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में भारतीय मुक्केबाज को चीन की डोउ डान ने 4-1 से हराया. हालांकि चीन की खिलाड़ी को काफी मेहनत करनी पड़ी. आपको बता दें चीनी खिलाड़ी ने सिमरनजीत को पिछले साल हुई वल्र्ड चैम्पियनशिप में हराया था.



बिष्ट, दीपक, आशीष और सिमरनजीत का ये एशियाई चैम्पियनशिप में पदार्पण था.

शिव थापा का टूर्नामेंट में लगातार चौथा पदक

इससे पहले गुरुवार को भारत ने सात कांस्य पदक हासिल किए थे. शिव थापा को 60 किलोग्राम भारवर्ग में कांसा मिला. ये थापा का इस टूर्नामेंट में लगातार चौथा पदक है. वहीं पूर्व विश्व चैम्पियन सरिता देवी (60 किलोग्राम भारवर्ग) ने इस टूर्नामेंट में आठवां पदक अपने नाम किया.



इनके अलावा निखत जरीन (51 किलोग्राम भारवर्ग), मनीषा मौन (54 किलोग्राम भारवर्ग), सोनिया चहल (57 किलोग्राम भारवर्ग), आशीष (69 किलोग्राम भारवर्ग), सतीश कुमार (91 प्लस किलोग्राम भारवर्ग) को भी कांस्य पदक मिला.



आपको बता दें कि एशियाई चैम्पियनशिप में ऐसा पहली बार हुआ है जब महिला और पुरुष स्पर्धाएं एक साथ आयोजित की गई हों.


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