नई दिल्लीः खेल मंत्रालय देश के शीर्ष पहलवानों के भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) और इसके अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के साथ चल रहे उनके गतिरोध के कारण अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेने से नाराज है. विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, रवि दहिया, दीपक पूनिया, अंशु मलिक और संगीता सहित शीर्ष पहलवानों ने जगरेब और अलेक्सजांद्रिया में यूडब्ल्यूडब्ल्यू रैंकिंग सीरीज टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया क्योंकि एक जांच पैनल डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच कर रहा है. बृज भूषण लंबित जांच के कारण अपने पद से अलग हो गए हैं.
पहलवानों के इस कदम से सरकार नाराज है जो पहलवानों को तैयारियों और ट्रेनिंग के लिए 'टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम' (टॉप्स) के अंतर्गत वित्तीय सहायता मुहैया कराती है. मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'हमें यह पता नहीं चल रहा कि जब उनकी मांगें मान ली गई हैं तो पहलवान टूर्नामेंट में हिस्सा क्यों नहीं ले रहे. हमें समिति को जांच पूरी करने के लिए समय देने की जरूरत है. यह पहलवानों का फैसला है और हम किसी को भी बाध्य नहीं कर सकते. लेकिन उन्हें टूर्नामेंट से हटना नहीं चाहिए.' डब्ल्यूएफआई का रोजमर्रा का कामकाज महान मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम की अगुआई वाली छह सदस्यीय निगरानी समिति देख रही है.
उधर खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच पर रिपोर्ट सौंपने के लिए निगरानी समिति को दी गई समय सीमा दो हफ्ते के लिए बढ़ा दी है. देश के शीर्ष पहलवानों द्वारा किए गए दावों के बाद 23 जनवरी को महान मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम की अगुआई वाली निगरानी समिति गठित की गई थी. पहलवानों ने दावा किया था कि बृज भूषण ने कई महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न किया है और खिलाड़ियों को डराया धमकाया है. सरकार ने समिति से अपनी रिपोर्ट चार हफ्तों में सौंपने के लिए कहा गया था. लेकिन समिति के सदस्यों द्वारा अनुरोध किए जाने के बाद मंत्रालय ने समय सीमा बढ़ाकर रिपोर्ट 9 मार्च तक सौंपने का आदेश दिया है.
(पीटीआई-भाषा)
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