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अब सामने आ गयी यूरोपियन सेक्स चैंपियनशिप की सच्चाई, जानिए कैसे फैली 'फेक-न्यूज' - यूरोपीय सेक्स चैम्पियनशिप

यूरोपियन सेक्स चैम्पियनशिप को शुरू होने के दो दिन पहले एक नया खुलासा हुआ है. स्वीडिश खेल परिसंघ ने पूरे मामले की सच्चाई कुछ यूं बतायी है. जानिए कैसे फैली है ये फेक न्यूज...

European sex championships Fact Check Swedish sports confederation
यूरोपीय सेक्स चैम्पियनशिप (कांसेप्ट इमेज)
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Published : Jun 6, 2023, 3:26 PM IST

नई दिल्ली : यूरोपियन सेक्स चैम्पियनशिप की स्वीडन के द्वारा मेजबानी किए जाने व 8 जून को गोथेनबर्ग में पहली बार यूरोपीय सेक्स चैम्पियनशिप आयोजित होने की खबर को फेक व सिर्फ वायरल न्यूज बताया जा रहा है. स्वीडन के राष्ट्रीय खेल परिसंघ ने कहा कि यह स्वीडिश खेलों और स्वीडन को बदनाम करने के उद्देश्य से फैलायी गयी गलत सूचना है. इस तरह की कोई प्रतियोगिता नहीं हो रही है. ऐसा माना जा रहा है कि केवल स्वीडिश फेडरेशन ऑफ सेक्स के अध्यक्ष ड्रैगन ब्राटिक के आवेदन के आधार पर ये खबर फैल गयी थी. जिसे पॉल किकोस के ट्वीट के जरिए जानबूझकर फैलाया गया.

पिछले कई दिनों से कई भारतीय और विदेशी मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि स्वीडन में होने वाली इस प्रतियोगिता के बारे में जानकारी देते हुए कहा गया था कि स्वीडन ने सेक्स को खेल के रूप में मान्यता दी है और खेल के रूप में सेक्स को मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. इसके साथ ही साथ 8 जून से गोथेनबर्ग में पहली बार यूरोपीय सेक्स चैम्पियनशिप की मेजबानी भी करने जा रहा है.

European sex championships Fact Check Swedish sports confederation
यूरोपीय सेक्स चैम्पियनशिप (कांसेप्ट इमेज)

इतना ही नहीं स्वीडिश फेडरेशन ऑफ सेक्स के प्रेसीडेंट ड्रैगन ब्राटिक के हवाले से कहा गया था कि सेक्स को एक खेल के रूप में मान्यता देने से लोगों के बीच इसको लेकर जागरूकता बढ़ेगी. साथ ही साथ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढावा दिया जा सकेगा, क्योंकि कई देशों में सेक्स को दूसरे नजरिए से देखा जाता है. ऐसी प्रतियोगिताओं से सेक्स के प्रति लोगों के विचारों में भी उदारता आने की संभावना जतायी गयी थी.

लेकिन अब इसे फेक न्यूज करार दिया गया है. स्वीडिश समाचार आउटलेट गोटरबोर्ग्स-पोस्टेन ने अप्रैल में रिपोर्ट प्रकाशित की थी कि स्वीडन के खेल परिसंघ ने तथाकथित स्वीडिश फेडरेशन ऑफ सेक्स के अध्यक्ष ड्रैगन ब्राटिक के आवेदन को राष्ट्रीय द्वारा खारिज कर दिया था. इससे इस तरह के संगठन को खेल के रूप में न तो मान्यता मिली है और न ही ऐसी प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है.

अधिकतर लोगों ने पॉल किकोस के इसी ट्वीट के आधार पर खबरें बनानी शुरू कीं. इसमें प्रतियोगिता के बारे में कई तरह की जानकारी दी गयी थी और उसकी तारीख भी घोषित कर दी गयी थी...

  • The first European Sex Championship will be held in Sweden in a year

    Sweden was the first to register sex as a sport and decided to host a tournament. It will take place in Gothenburg on 8 June 2023. 20 representatives from different European countries will take part. The… pic.twitter.com/B41xXBAnis

    — Paul Kikos 🌐 (@PKikos) May 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

स्वीडिश मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ब्राटिक, दक्षिणी स्वीडन में कई स्ट्रिप क्लब चलाता है और उसने राष्ट्रीय खेल परिसंघ का सदस्य बनने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था और स्थानीय मीडिया को बताया कि उनके पास एक संगठन जो सेक्स को खेलों की तरह मान्यता देने की पैरवी कर रहा है.

हालांकि, इस मामले में स्वीडन के राष्ट्रीय खेल परिसंघ ने कहा कि स्वीडिश सेक्स फेडरेशन से आवेदन समय पर जमा किया गया था, लेकिन यह "अपूर्ण" था. इसके साथ साथ उस समय चार अन्य संघों के भी आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया था. इसे स्वीडिश खेलों और स्वीडन को बदनाम करने के उद्देश्य से फैलायी गयी गलत सूचना करार दिया गया है.

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नई दिल्ली : यूरोपियन सेक्स चैम्पियनशिप की स्वीडन के द्वारा मेजबानी किए जाने व 8 जून को गोथेनबर्ग में पहली बार यूरोपीय सेक्स चैम्पियनशिप आयोजित होने की खबर को फेक व सिर्फ वायरल न्यूज बताया जा रहा है. स्वीडन के राष्ट्रीय खेल परिसंघ ने कहा कि यह स्वीडिश खेलों और स्वीडन को बदनाम करने के उद्देश्य से फैलायी गयी गलत सूचना है. इस तरह की कोई प्रतियोगिता नहीं हो रही है. ऐसा माना जा रहा है कि केवल स्वीडिश फेडरेशन ऑफ सेक्स के अध्यक्ष ड्रैगन ब्राटिक के आवेदन के आधार पर ये खबर फैल गयी थी. जिसे पॉल किकोस के ट्वीट के जरिए जानबूझकर फैलाया गया.

पिछले कई दिनों से कई भारतीय और विदेशी मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि स्वीडन में होने वाली इस प्रतियोगिता के बारे में जानकारी देते हुए कहा गया था कि स्वीडन ने सेक्स को खेल के रूप में मान्यता दी है और खेल के रूप में सेक्स को मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. इसके साथ ही साथ 8 जून से गोथेनबर्ग में पहली बार यूरोपीय सेक्स चैम्पियनशिप की मेजबानी भी करने जा रहा है.

European sex championships Fact Check Swedish sports confederation
यूरोपीय सेक्स चैम्पियनशिप (कांसेप्ट इमेज)

इतना ही नहीं स्वीडिश फेडरेशन ऑफ सेक्स के प्रेसीडेंट ड्रैगन ब्राटिक के हवाले से कहा गया था कि सेक्स को एक खेल के रूप में मान्यता देने से लोगों के बीच इसको लेकर जागरूकता बढ़ेगी. साथ ही साथ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढावा दिया जा सकेगा, क्योंकि कई देशों में सेक्स को दूसरे नजरिए से देखा जाता है. ऐसी प्रतियोगिताओं से सेक्स के प्रति लोगों के विचारों में भी उदारता आने की संभावना जतायी गयी थी.

लेकिन अब इसे फेक न्यूज करार दिया गया है. स्वीडिश समाचार आउटलेट गोटरबोर्ग्स-पोस्टेन ने अप्रैल में रिपोर्ट प्रकाशित की थी कि स्वीडन के खेल परिसंघ ने तथाकथित स्वीडिश फेडरेशन ऑफ सेक्स के अध्यक्ष ड्रैगन ब्राटिक के आवेदन को राष्ट्रीय द्वारा खारिज कर दिया था. इससे इस तरह के संगठन को खेल के रूप में न तो मान्यता मिली है और न ही ऐसी प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है.

अधिकतर लोगों ने पॉल किकोस के इसी ट्वीट के आधार पर खबरें बनानी शुरू कीं. इसमें प्रतियोगिता के बारे में कई तरह की जानकारी दी गयी थी और उसकी तारीख भी घोषित कर दी गयी थी...

  • The first European Sex Championship will be held in Sweden in a year

    Sweden was the first to register sex as a sport and decided to host a tournament. It will take place in Gothenburg on 8 June 2023. 20 representatives from different European countries will take part. The… pic.twitter.com/B41xXBAnis

    — Paul Kikos 🌐 (@PKikos) May 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

स्वीडिश मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ब्राटिक, दक्षिणी स्वीडन में कई स्ट्रिप क्लब चलाता है और उसने राष्ट्रीय खेल परिसंघ का सदस्य बनने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था और स्थानीय मीडिया को बताया कि उनके पास एक संगठन जो सेक्स को खेलों की तरह मान्यता देने की पैरवी कर रहा है.

हालांकि, इस मामले में स्वीडन के राष्ट्रीय खेल परिसंघ ने कहा कि स्वीडिश सेक्स फेडरेशन से आवेदन समय पर जमा किया गया था, लेकिन यह "अपूर्ण" था. इसके साथ साथ उस समय चार अन्य संघों के भी आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया था. इसे स्वीडिश खेलों और स्वीडन को बदनाम करने के उद्देश्य से फैलायी गयी गलत सूचना करार दिया गया है.

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