नई दिल्ली: फीफा के प्रतिबंध लगाए जाने के कुछ घंटे बाद ही प्रशासकों की समिति (सीओए) विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था की शर्तों के अनुसार अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के चुनाव कराने पर सहमत हो गई है. फीफा ने मंगलवार को भारत को झटका देते हुए तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला देकर एआईएफएफ को निलंबित कर दिया और उससे 11 से 30 अक्टूबर के बीच होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी का अधिकार छीन लिया.
इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि प्रतिबंध थोड़े समय के लिए ही हो सकता है क्योंकि उच्चतम न्यायालय से नियुक्त प्रशासकों की समिति चुनावों और नए संविधान को लेकर फीफा की लगभग सभी शर्तों को मानने के लिए तैयार है. इसलिए अंडर-17 महिला विश्वकप का आयोजन अभी भारत में हो सकता है. एक शीर्ष सूत्र ने पीटीआई से कहा, अधिकारियों को लग रहा है कि प्रतिबंध थोड़े समय के लिए ही रहेगा और चुनाव 28 अगस्त को नहीं, लेकिन 15 सितंबर (फीफा की समय सीमा) से पहले कराए जाएंगे. सीओए फीफा की शर्तों के अनुसार चुनाव कराने पर सहमत है.
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उन्होंने कहा, ऐसी स्थिति में फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी भी बचाई जा सकती है. पता चला है कि सीओए को अभी फीफा के प्रतिबंध की उम्मीद नहीं थी क्योंकि वह विश्व संस्था की जरूरतों के अनुसार आगे बढ़ने के लिए तैयार थे. भारतीय फुटबॉल समुदाय को बुधवार को उच्चतम न्यायालय में होने वाली सुनवाई के फैसले का इंतजार है.
सूत्रों ने बताया कि सीओए, फीफा और खेल मंत्रालय राज्य संघों के प्रतिनिधियों से बने निर्वाचक मंडल के साथ एआईएफएफ के चुनाव कराने पर सहमत हैं. अब इन चुनावों के निर्वाचक मंडल में 36 प्रख्यात खिलाड़ियों को शामिल नहीं किया जाएगा. इससे पहले निर्वाचन अधिकारी ने जिन 36 खिलाड़ियों की सूची जारी की थी उनमें शब्बीर अली, मनोरंजन भट्टाचार्य, प्रशांत बनर्जी, आईएम विजयन और बाईचुंग भूटिया भी शामिल हैं. पांच प्रतिष्ठित खिलाड़ी (तीन पुरुष और दो महिला) हालांकि प्रस्तावित 22 सदस्यीय कार्यकारी समिति के सदस्य बन सकते हैं और उन्हें मतदान का अधिकार होगा.
(पीटीआई-भाषा)