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बेलारूसी कोच की देखरेख में रहेंगे 3000 मीटर स्टीपलचेज एथलीट अविनाश

भारतीय सेना के 26 वर्षीय धावक अविनाश साबले भारतीय खेल प्राधिकरण के प्रशिक्षण केंद्र बेंगलुरु में बेलारूसी कोच निकोलाई स्नेसारेव की देखरेख में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे.

धावक अविनाश साबले
धावक अविनाश साबले
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Published : Feb 26, 2021, 8:44 PM IST

नई दिल्ली: पुरुषों के 3,000 मीटर स्टीपलचेज में राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक अविनाश साबले, जिन्होंने इस साल के ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर लिया है, अगले महीने से एक मध्यम और लंबी दूरी के विशेषज्ञ बेलारूसी कोच निकोलाई स्नेसारेव की देखरेख में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे.

भारतीय सेना के 26 वर्षीय खिलाड़ी ने 2019 के दोहा विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 8 मिनट 21.37 सेकेंड का समय निकालकर टोक्यो ओलंपिक क्वालीफिकेशन समय को 8 मिनट 22 सेकेंड को पार किया था.

भारतीय जिम्नास्टों के ओलंपिक में पहुंचने की उम्मीदें समाप्त, ये रही वजह

महाराष्ट्र के धावक भारतीय खेल प्राधिकरण के प्रशिक्षण केंद्र बेंगलुरु में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे.

सेबले चार साल से सेना के कोच अमरीश कुमार के अधीन प्रशिक्षण ले रहे थे लेकिन पिछले साल जनवरी में, सेबले डिस्टेंस कोच रिजकी बॉबकर के साथ ट्रेनिंग करने मोरक्को गए, जिसका बेस कैंप उस देश में राबट के पास है. लेकिन चार सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा क्योंकि उनका वीजा नहीं बढ़ाया गया था.

23 जुलाई से शुरू होने वाले रिशेड्यूल ओलंपिक खेलों के लिए अग्रणी धावक तैयार करने के लिए 72 वर्षीय बेलारूसी विशेषज्ञ, जिन्हें सितंबर तक नियुक्त किया गया है, गुरुवार को बेंगलुरु पहुंचे और राष्ट्रीय शिविर में शामिल होने से पहले सात दिनों के क्वारंटीन में रहेंगे.

नई दिल्ली: पुरुषों के 3,000 मीटर स्टीपलचेज में राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक अविनाश साबले, जिन्होंने इस साल के ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर लिया है, अगले महीने से एक मध्यम और लंबी दूरी के विशेषज्ञ बेलारूसी कोच निकोलाई स्नेसारेव की देखरेख में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे.

भारतीय सेना के 26 वर्षीय खिलाड़ी ने 2019 के दोहा विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 8 मिनट 21.37 सेकेंड का समय निकालकर टोक्यो ओलंपिक क्वालीफिकेशन समय को 8 मिनट 22 सेकेंड को पार किया था.

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23 जुलाई से शुरू होने वाले रिशेड्यूल ओलंपिक खेलों के लिए अग्रणी धावक तैयार करने के लिए 72 वर्षीय बेलारूसी विशेषज्ञ, जिन्हें सितंबर तक नियुक्त किया गया है, गुरुवार को बेंगलुरु पहुंचे और राष्ट्रीय शिविर में शामिल होने से पहले सात दिनों के क्वारंटीन में रहेंगे.

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