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झारखंड: गुमला की अष्टम उरांव मिस्र और जॉर्डन के खिलाफ खेलेंगी फुटबॉल मैच

गुमला की अष्टम उरांव का चयन भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल महिला टीम में किया गया है. अष्टम भारतीय सीनियर महिला फुटबॉल टीम में मिस्र और जॉर्डन के खिलाफ दो अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच खेलेंगी. मैच के लिए अष्टम उरांव टीम के साथ जॉर्डन रवाना हो गई हैं.

फुटबॉल खिलाड़ी  अष्टम उरांव  भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल महिला टीम  भारतीय सीनियर महिला फुटबॉल टीम  डीसी सुशांत गौरव  Ashtam Oraon  Senior Women Football Team  DC Sushant Gaurav  Indian senior women football team  Football Players
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Published : Apr 8, 2022, 7:51 PM IST

गुमला: अपनी प्रतिभा के दम पर झारखंड की कई बेटियों ने देश और राज्य का नाम रौशन किया है. दीपिका, निक्की प्रधान, सलीमा टेटे, ऐसी ही खिलाड़ी हैं, जिन्होंने काफी गरीबी और आभाव में अपने करियर की शुरुआत की और आज वे एक मुकाम पर पहुंच गई हैं. झारखंड के इन बेटियों की तरह ही गुमला की अष्टम उरांव भी सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ रही हैं. भारतीय सीनियर राष्ट्रीय फुटबॉल महिला टीम में अष्टम के चयन के बाद पूरे गांव में उत्साह का माहौल है.

गुमला के सुदुरवर्ती नक्सल प्रभावित क्षेत्र विशुनपुर प्रखंड के छोटे से गांव में रहने वाली अष्टम उरांव का चयन उनकी प्रतिभा और मेहनत के बल पर भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल महिला टीम में किया गया है. भारतीय सीनियर महिला फुटबॉल टीम में अष्टम उरांव मिस्र और जॉर्डन के खिलाफ दो अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच खेलेंगी. दोनों मैचों के लिए अष्टम उरांव को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया है. सुविधाओं के अभाव में कभी पगडंडियों पर प्रैक्टिस करने वाली अष्टम उरांव के लिए ये उपलब्धि किसी सपने से कम नहीं है. खेल विभाग से मिली जानकारी अनुसार फुटबॉल टीम अभी गोवा में प्रैक्टिस कर रही है. जिसके बाद भारतीय टीम जॉर्डन के लिए रवाना होगी.

यह भी पढ़ें: Junior Women World Cup: भारत साउथ कोरिया को 3-0 से हराकर सेमीफाइनल में पहुंचा

अष्टम उरांव की सफलता पर उसके पिता हीरा उरांव ने बताया कि उनके पास गांव में कुछ खेती योग्य भूमि है और वे पत्नी के साथ मिलकर खेती करते हैं. उन्होंने बताया कि वे 5 बेटे-बेटियां को बेहतर शिक्षा दे रहे है. उनकी बेटी अष्टम उरांव को बचपन से ही खेल में रूचि थी. गांव के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के समय से ही स्कूल में फुटबॉल खेल का अभ्यास करती थी. स्कूल की छुट्टी होने पर सहेलियों के साथ अभ्यास करती थी.

यह भी पढ़ें: Korea Open: श्रीकांत और सिंधू कोरिया ओपन के सेमीफाइनल में

अष्टम उरांव का राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टीम में चयनित होने के बाद डीसी सुशांत गौरव उनके गांव पहुंचे. जहां पर उन्होंने महिला फुटबॉल खिलाड़ी अष्टम उरांव के नाम से खेल मैदान बनाने की बात कही. उन्होंने ग्रामीणों के साथ बैठक कर कहा कि अष्टम उरांव का राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टूर्नामेंट में चयनित होना हम सभी के लिये गर्व की बात है. यहां की बेटी अब देश के लिये फुटबॉल खेलेगी. उससे प्रेरणा लेकर बाकी लोगों को भी आगे बढ़ने की आवश्यकता है. इस मौके पर अष्टम उरांव के पिता हीरा उरांव एवं माता तारा देवी को गुलदस्ता एवं शाॅल भेंट कर सम्मानित किया गया.

गुमला: अपनी प्रतिभा के दम पर झारखंड की कई बेटियों ने देश और राज्य का नाम रौशन किया है. दीपिका, निक्की प्रधान, सलीमा टेटे, ऐसी ही खिलाड़ी हैं, जिन्होंने काफी गरीबी और आभाव में अपने करियर की शुरुआत की और आज वे एक मुकाम पर पहुंच गई हैं. झारखंड के इन बेटियों की तरह ही गुमला की अष्टम उरांव भी सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ रही हैं. भारतीय सीनियर राष्ट्रीय फुटबॉल महिला टीम में अष्टम के चयन के बाद पूरे गांव में उत्साह का माहौल है.

गुमला के सुदुरवर्ती नक्सल प्रभावित क्षेत्र विशुनपुर प्रखंड के छोटे से गांव में रहने वाली अष्टम उरांव का चयन उनकी प्रतिभा और मेहनत के बल पर भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल महिला टीम में किया गया है. भारतीय सीनियर महिला फुटबॉल टीम में अष्टम उरांव मिस्र और जॉर्डन के खिलाफ दो अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच खेलेंगी. दोनों मैचों के लिए अष्टम उरांव को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया है. सुविधाओं के अभाव में कभी पगडंडियों पर प्रैक्टिस करने वाली अष्टम उरांव के लिए ये उपलब्धि किसी सपने से कम नहीं है. खेल विभाग से मिली जानकारी अनुसार फुटबॉल टीम अभी गोवा में प्रैक्टिस कर रही है. जिसके बाद भारतीय टीम जॉर्डन के लिए रवाना होगी.

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अष्टम उरांव की सफलता पर उसके पिता हीरा उरांव ने बताया कि उनके पास गांव में कुछ खेती योग्य भूमि है और वे पत्नी के साथ मिलकर खेती करते हैं. उन्होंने बताया कि वे 5 बेटे-बेटियां को बेहतर शिक्षा दे रहे है. उनकी बेटी अष्टम उरांव को बचपन से ही खेल में रूचि थी. गांव के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के समय से ही स्कूल में फुटबॉल खेल का अभ्यास करती थी. स्कूल की छुट्टी होने पर सहेलियों के साथ अभ्यास करती थी.

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अष्टम उरांव का राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टीम में चयनित होने के बाद डीसी सुशांत गौरव उनके गांव पहुंचे. जहां पर उन्होंने महिला फुटबॉल खिलाड़ी अष्टम उरांव के नाम से खेल मैदान बनाने की बात कही. उन्होंने ग्रामीणों के साथ बैठक कर कहा कि अष्टम उरांव का राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टूर्नामेंट में चयनित होना हम सभी के लिये गर्व की बात है. यहां की बेटी अब देश के लिये फुटबॉल खेलेगी. उससे प्रेरणा लेकर बाकी लोगों को भी आगे बढ़ने की आवश्यकता है. इस मौके पर अष्टम उरांव के पिता हीरा उरांव एवं माता तारा देवी को गुलदस्ता एवं शाॅल भेंट कर सम्मानित किया गया.

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