हैदराबाद: भारत का सबसे बड़ा मिक्सड मार्शल आर्ट इवेंट मैट्रिक्स फाइट नाइट 7(MFN) ने शुक्रवार को हैदराबाद के ताज फलकनुमा पैलेस में फैंस को WWE की याद दिला दी. जहां एक तरफ स्ट्रेचर से एंबुलेंस तक का सफर करते कई फाइटर नजर आए तो वहीं किसी फाइटर का दयालु रूप रिंग में देखने को मिला.
इस इवेंट की जान बने 'अफगान के शेर' अब्दुल अजीज बदख्शी जो फेदरवेट वर्ग में ब्राजील के मार्सेलो गुरिल्हा को हराकर इस रात के राजा साबित हुए. अफगानिस्तान के प्रशंसकों की भीड़ से फलकनुमा पैलेस में पैर रखने की जगह नहीं थी. वहीं उनको ऐसा सपोर्ट मिल रहा था, जैसे कि ये उनका घर हो.
ऐसे में अपनी फाइट जीतने के बाद बदख्शी ने ईटीवी से बात की, जिसमें उन्होंने कहा, मेरे देश से मुझे लोग देखने आए हैं. मैं जीत गया, मुझे बहुत खुशी है. मेरे देश में लोग बहुत दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. अफगानिस्तान में लड़कियां फाइट नहीं कर पा रही हैं, मैं मानता हूं कि अफगान में सभी लोग सब कुछ कर सकते हैं तो लड़किया भी फाइट कर सकती हैं.
एक सवाल के दौरान जब उनके अंदर विपक्षी खिलाड़ी को लेकर दया की भावना का सवाल किया गया तो बदख्शी ने मुस्कुरा कर कहा, "केज में जब मैं फाइटर को मारता हूं तो मुझे मजा आता है. उनके मुंह से खून निकलता है तो मुझे मजा आता है."
एक अन्य मुख्य कार्यक्रम में सुमित खाड़े और ध्रुव की लाइटवेट कैटगरी की फाइट के दौरान ध्रुव ने केज को अपने नाम किया. वहीं फाइट के बाद उन्होंने अपनी प्रेरणा एमएस धोनी को बताया. यहां तक उन्होंने कहा कि वो धोनी के साथ डिनर करना चाहते हैं. क्योंकि उनका मानना है कि धोनी और उनकी कहानी थोड़ी बहुत एक जैसी है.
अंतरराष्ट्रीय एमएमए फाइटर कॉनर मैक्ग्रेगर को लेकर पूछे गए सवाल पर ध्रुव ने कहा, "कॉनर मैक्ग्रेगर से बेहतर फाइटर दुनियां में बहुत पड़े हैं. यहां तक कि उसी के वेट में आपको 100 और फाइटर मिल जाएंगे, लेकिन वो बहुत ज्यादा बोलता है. उसकी बकवास की वजह से लोग उसे जानते हैं और भारतीय फाइटर को लोग इसलिए नहीं जानते क्योंकि वो इन चीजों में आगे नहीं होते हैं. उन्हें नहीं पता है कि कैसे बात करनी है, वर्ना टैलेंट तो इंडिया में भी बहुत है."
MMA को चुनने के पीछे का कारण पूछे जाने पर लाइटवेट MFN चैंपियन ने कहा, "मैं कुछ अलग करना चाहता था, मैं भेड़चाल का हिस्सा नहीं बनना चाहता था तो मैंने ये स्पोर्ट चुना."
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स्ट्रॉवेट केटगरी में 'दा कोबरा क्वीन' के नाम से मश्हूर मणिपुर की जोजो ने कहा, "अपनी फाइट जीतकर मैं बहुच खुश हूं मैंने एक मिनट 30 सेकेंड्स में फाइट जीती. इंडिया में लोगों को लगता है कि लड़कियां MMA नहीं खेल सकतीं, इसलिए मैंने लोगों को गलत साबित करने के लिए ये खेल चुना.
मुंबई के फ्लाईवेट फाइटर अर्शीयान ने जीत हासिल करने के बाद कहा कि वो एक दयालु फाइटर हैं, वो खून नहीं देख पाते हैं. लेकिन फिर भी वो इस प्रोफेशन में हैं, क्योंकि उन्हें मजा आता है.
इसके अलावा इतिहास की सबसे मेहंगी फाइट 'दा मनी फाइट' को याद करते हुए अर्शीयान ने कहा, "मैं फ्यूचर में 'दा मनी फाइट' का हिस्सा बनना चाहूंगा. हालांकि, मेरा इतना लेवल हुआ नहीं है अभी, लेकिन आगे जरूर हो जाएगा."
बिहार के एकमात्र प्रोफेशनल मिक्सड मार्शल आर्ट एथलीट श्यामानंद ने अपने उत्तराखंड के प्रतिद्वंद्वी अभिषेक नेगी को केज में ध्वस्त कर दिया, जिससे वो फेदरवेट वर्ग में जीत हासिल करने के सक्षम रहे. यहां तक कि अभिषेक केज में बुरी तरह घायल हो गए और वो खून से लथपथ भी हो गए.
जिसके बाद MMA से अपने प्यार को लेकर श्यामानंद ने कहा, "बिहार में कोई MMA फाइटर नहीं रहा है, लेकिन मैं बचपन से कॉम्बैट स्पोर्ट का फैन रहा हूं. मैं जब छोटा था तब से WWE देखता आ रहा हूं. सबको वो रियल फाइट लगती थी तो मुझे भी वहीं मानने लगा. बचपन में तो मैं MMA शौक और फिटनेस के लिए करता था, फिर मैंने इसे अपना कैरियर बना लिया."
ये पूछे जाने पर कि इंडिया में लोग MMA पसंद करेंगे की नहीं. इस पर उन्होंने कहा, "इंडिया में लोगों को लड़ाई- झगड़ा बहुत पसंद है. रोड पर अगर किसी का झगड़ा हो जाता है तो वहां भीड़ इकट्ठा हो जाती है तो हम बस आपको उसी झगड़े को देखने के लिए सीट और बेहतर नजारा दे रहे हैं, तो लोग देखने जरूर आएंगे."
MFN की मलिक और को-फॉउंडर आयशा श्रॉफ से जब MMA से जुड़ने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मरते दम तक इंडिया में MMA के लिए काम करती रहेंगी.
एक अन्य सवाल में जब उनसे टाइगर श्रॉफ और अफगान फाइटर बदख्शी की फाइट में किसी एक को चुनने को बोला गया तो उन्होंने कहा, "टाइगर और बदख्शी दोनों मेरे बच्चों की तरह हैं तो मैं तय नहीं कर पाऊंगी कि किसको सपोर्ट करना है."
---राजसी स्वरुप