हैदराबाद : ओलंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा ने कहा कि बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का उनके जीवन का सबसे बड़ा रोमांच सिर्फ दो सेकेंड तक रहा क्योंकि इतिहास रचने के बावजूद वह सिर्फ राहत महसूस कर रहे थे. एक वेब सीरीज में खिलाड़ी अपने जीवन के सबसे बड़े लम्हों के बारे में खुद बता रहे हैं. इस शो को दिग्गज स्क्वाश खिलाड़ी सौरव घोषाल प्रस्तुत कर रहे हैं और उनके पहले मेहमान बिंद्रा थे.
बिंद्रा ने 12 साल पहले के लम्हे को याद करते हुए शो पर कहा, "यह सबसे बड़ी भावना थी जो मैंने महसूस की. मैं बहुत खुश था क्योंकि यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा रोमांच था लेकिन यह रोमांचक सिर्फ दो सेकेंड तक रहा. उस समय मैं सिर्फ राहत महसूस कर रहा था क्योंकि अपनी पूरी यात्रा के दौरान मैं अपने लक्ष्य को लेकर काफी जुनूनी था."
बिंद्रा ने कहा, "यह काफी राहत की बात थी, मैंने अपने जीवन में इसी को लक्ष्य बनाया था और मैं इसे हासिल करने में सफल रहा."
बिंद्रा ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय हैं और वह 2016 रियो खेलों में भी पदक जीतने के करीब पहुंचे लेकिन सिर्फ एक अंक से चूक गए.
इस दिग्गज निशानेबाज ने बताया कि बीजिंग में फाइनल से पहले उन्हें पता चला कि उनकी बंदूक के साथ छेड़छाड़ की गई है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने निशानेबाजी जारी रखी. उन्होंने कहा, "फाइनल से पांच मिनट पहले मैंने महसूस किया कि मेरी बंदूक की साइट से थोड़ी छेड़छाड़ की गई है. मैं पूरी तरह से डर गया लेकिन बीजिंग के लिए रवाना होने से पहले मैंने खुद को इसके लिए भी प्रशिक्षित किया था."
बिंद्रा ने कहा, "उस समय एक पल के लिए मेरी आंखों के आगे अंधेरा छा गया और मुझे नहीं पता था कि क्या करना है लेकिन हार मान लेना विकल्प नहीं था. मैंने फैसला किया कि मुझे चुनौती देनी है, इसलिए मैं उठा और अपनी बंदूक की साइट को सही करने का प्रयास किया. इसके बाद मैंने अपने जीवन के 10 सर्वश्रेष्ठ शॉट लगाए जिसने अंतत: मुझे पदक दिलाया."
विश्व चैंपियनशिप के भी स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा ने कहा कि बीजिंग में पहला निशाना लगाने से पहले ही वह अपनी नजरों में खुद को विजेता मान रहे थे. बिंद्रा के अलावा वेबसीरीज के पहले सत्र में विश्वनाथन आनंद, दिनेश कार्तिक, पंकज आडवाणी, स्मृति मंधाना, लिएंडर पेस, पारुल परमार और वरुण सिंह भाटी ने हिस्सा लेने की पुष्टि की है.