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Open Athletics Championship : अलवर पहुंचीं 'गोल्ड मेडल वाली दादी', 105 की उम्र में हवा की तरह दौड़ी

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Published : Feb 7, 2023, 10:07 PM IST

'गोल्ड मेडल वाली दादी' के नाम से मशहूर 105 साल की रामबाई अलवर के (105 year old Rambai in Alwar) ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने पहुंची. इस उम्र में उनकी फिटनेस देख सब हैरान रह हए.

Open Athletics Championship, 105 year old Rambai won gold medal in Alwar
गोल्ड मेडल वाली दादी.
105 साल की रामबाई ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में लिया भाग.

अलवर. कहते हैं कि जीवन में कुछ करने की चाहत हो तो उम्र आड़े नहीं आती है. ऐसा ही कुछ अलवर में राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के दौरान मंगलवार को देखने को मिला. प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पहुंची 105 साल की रामबाई ने अपनी फिटनेस से सबको हैरान करते हुए गोल्ड मेडल हासिल किया.

अलवर के राजर्षि कॉलेज के खेल मैदान में तीन दिवसीय राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की शुरुआत हुई. यह प्रतियोगिता पूर्व सांसद महेन्द्र कुमारी की स्मृति में आयोजित की गई. इस चैम्पियनशिप में लगभग 250 खिलाडी भाग ले रहे हैं. इनमें ज्यादातर बुजुर्ग खिलाड़ी हैं. प्रतियोगिता में बुजुर्गों ने दौड़ के साथ ही लॉन्ग जंप व गोला फेक सहित अन्य अन्य प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और मेडल जीते. दर्शक हैरत में तब आ गए, जब 105 साल की रामबाई ने गोल्ड मैडल जीता. 105 साल की एक बुजुर्ग दादी को हवा की तरह दौड़ता देख लोगों ने जमकर ताली बजाई.

पढ़ें. इस दादी की दौड़ देख बड़े-बड़े रह गये हैरान, देखें वायरल वीडियो

रामबाई 105 साल की होने के बावजूद एकदम फिट हैं. इन्होंने देश के विभिन्न राज्यों में जाकर मेडल जीते हैं. अब वो रेस, गोला फेंक में हाथ आजमा रही हैं. रामबाई के साथ उनकी बेटी व उनकी नातिन प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अलवर पहुंची हैं. रामबाई हरियाणा के चरखी दादरी के एक छोटे से गांव कादमा की निवासी हैं. रमाबाई ने कई प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीते हैं. इसलिए उनको 'गोल्ड मेडल वाली दादी' के नाम से भी जाना जाता है. इंडियन आईडल ने भी दादी को अपने मंच पर बुलाकर सम्मानित किया था. नेशनल जियोग्राफी ने भी उनपर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है.

रामबाई ने अलवर में 100 मीटर व 200 मीटर रेस में गोल्ड मेडल अपने नाम किया. उनके साथ आई नातिन शर्मिला ने कहा कि उनकी नानी अलवर पहली बार खेलने आई हैं. इससे पहले वो नासिक, मुंबई, केरल, बेंगलुरु, नेपाल, वाराणसी, महाराष्ट्र, गुजरात में खेल चुकी हैं. शर्मिला ने बताया कि उनकी नानी शॉटपुट भी खेलती हैं. लोग प्रतियोगिता में नानी को देखकर कह नहीं सकते हैं कि वो उन्हें टक्कर दे सकती हैं. शर्मिला ने बताया कि नानी जल्दी सुबह उठकर खेत में घूमने के लिए जाती हैं. घर का बना हुआ खाना खाती हैं. चूरमा, दूध, दही, हरी सब्जी, उन्हें बहुत पसंद हैं. उनके परिवार में चार बेटी व दो बेटे हैं.

105 साल की रामबाई ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में लिया भाग.

अलवर. कहते हैं कि जीवन में कुछ करने की चाहत हो तो उम्र आड़े नहीं आती है. ऐसा ही कुछ अलवर में राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के दौरान मंगलवार को देखने को मिला. प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पहुंची 105 साल की रामबाई ने अपनी फिटनेस से सबको हैरान करते हुए गोल्ड मेडल हासिल किया.

अलवर के राजर्षि कॉलेज के खेल मैदान में तीन दिवसीय राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की शुरुआत हुई. यह प्रतियोगिता पूर्व सांसद महेन्द्र कुमारी की स्मृति में आयोजित की गई. इस चैम्पियनशिप में लगभग 250 खिलाडी भाग ले रहे हैं. इनमें ज्यादातर बुजुर्ग खिलाड़ी हैं. प्रतियोगिता में बुजुर्गों ने दौड़ के साथ ही लॉन्ग जंप व गोला फेक सहित अन्य अन्य प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और मेडल जीते. दर्शक हैरत में तब आ गए, जब 105 साल की रामबाई ने गोल्ड मैडल जीता. 105 साल की एक बुजुर्ग दादी को हवा की तरह दौड़ता देख लोगों ने जमकर ताली बजाई.

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रामबाई 105 साल की होने के बावजूद एकदम फिट हैं. इन्होंने देश के विभिन्न राज्यों में जाकर मेडल जीते हैं. अब वो रेस, गोला फेंक में हाथ आजमा रही हैं. रामबाई के साथ उनकी बेटी व उनकी नातिन प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अलवर पहुंची हैं. रामबाई हरियाणा के चरखी दादरी के एक छोटे से गांव कादमा की निवासी हैं. रमाबाई ने कई प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीते हैं. इसलिए उनको 'गोल्ड मेडल वाली दादी' के नाम से भी जाना जाता है. इंडियन आईडल ने भी दादी को अपने मंच पर बुलाकर सम्मानित किया था. नेशनल जियोग्राफी ने भी उनपर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है.

रामबाई ने अलवर में 100 मीटर व 200 मीटर रेस में गोल्ड मेडल अपने नाम किया. उनके साथ आई नातिन शर्मिला ने कहा कि उनकी नानी अलवर पहली बार खेलने आई हैं. इससे पहले वो नासिक, मुंबई, केरल, बेंगलुरु, नेपाल, वाराणसी, महाराष्ट्र, गुजरात में खेल चुकी हैं. शर्मिला ने बताया कि उनकी नानी शॉटपुट भी खेलती हैं. लोग प्रतियोगिता में नानी को देखकर कह नहीं सकते हैं कि वो उन्हें टक्कर दे सकती हैं. शर्मिला ने बताया कि नानी जल्दी सुबह उठकर खेत में घूमने के लिए जाती हैं. घर का बना हुआ खाना खाती हैं. चूरमा, दूध, दही, हरी सब्जी, उन्हें बहुत पसंद हैं. उनके परिवार में चार बेटी व दो बेटे हैं.

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