नई दिल्ली: इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के इतिहास में पहली बार कोई खिलाड़ी डोपिंग में शामिल पाया गया है. दिल्ली डायनामोज के डिफेंडर राणा घरामी को राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया, जिसके कारण उन पर चार वर्षो का प्रतिबंध लग सकता है.
घरामी का 31 जनवरी को टेस्ट लिया गया और उनके शरीर में प्रेडनिसोन और प्रेडनिसोलोन की मात्रा पाई गई. उनके बिना किसी चिकित्सक की सलाह के इन दवाओं का सेवन किया.
रिपोर्ट के अनुसार, घरामी पर प्रेडनिसोन, 20-बी-ओएच-प्रेडनिसोलोन और ग्लूकोकोर्टिकोस्टेरोइड का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है.
अगर नाडा यह साबित करने में कामयाब हो जाता है कि खिलाड़ी ने जानबूझकर नियमों का उल्लंघन किया है तो उस पर चार वर्षो का प्रतिबंध लग सकता है क्योंकि खिलाड़ी के खिलाफ लगा डोपिंग का यह पहला आरोप है. नाडा अगर फेल हो जाता है तो खिलाड़ी पर दो वर्षो का प्रतिबंध लगेगा और डोपिंग रोधी नियम के अनुच्छेद 10.4, 10.5 या 10.6 के तहत इसे आगे और कम कराया जा सकता है.
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खिलाड़ी पर हालांकि, जांच पूरी होने तक किसी प्रकार का अस्थायी प्रतिबंध नहीं लगेगा और वह तब तक वह विभिन्न टूर्नामेंट में भाग ले सकेगा. घरामी अब अपना 'बी' सैम्पल टेस्ट करा सकते हैं या आरोप को मानकर सजा का समना कर सकते हैं. अगर वह अपने ऊपर लगे आरोपों को मानने के बाद उन्हें दी गई सजा से सहमत नहीं होते तो वह सुनवाई की मांग कर सकते हैं.
घरामी को नोटिस भेजकर जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है. इस नोटिस की एक कॉपी कुशल दास, फीफा और वाडा को भी भेज दी गई है.