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IND vs SA: सात विकेट चटकाने वाले शार्दुल ठाकुर ने बताया सफलता का राज

इंडिया टीम के ऑलराउंडर गेंदबाज शार्दुल ठाकुर ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ एक भारतीय द्वारा टेस्ट क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी के आंकड़े अपने नाम दर्ज कर लिए हैं. ठाकुर ने साउथ अफ्रीका की पहली पारी में सात बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया और पूरी टीम 229 बनाकर ऑलआउट हो गई.

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India vs South Africa 2nd Test
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Published : Jan 5, 2022, 3:25 PM IST

हैदराबाद: जोहान्सबर्ग टेस्ट में टीम इंडिया की वापसी कराने वाले शार्दुल ठाकुर ने अपनी सफलता का राज बताया है. उन्होंने बताया, वे पूरे समय पिच की एक खास जगह पर गेंदबाजी करने की कोशिश करते रहे. क्योंकि उस जगह पर टप्पा खाने के बाद गेंद नीचे रहते हुए दाहिने हाथ के बल्लेबाजों के लिए मुसीबत बन रही थी.

उन्होंने बताया, मैंने जब गेंदबाजी शुरू की तो पाया कि 22 यार्ड की विकेट में एक जगह गेंद टप्पा खाने के बाद सीधे बल्लेबाज के ऊपर आ रही थी. यहां से गेंदें नीचे भी रह रहीं थीं. इसीलिए मैं पूरे समय उसी जगह पर गेंदबाजी करने और उस क्रेक पर गेंद को टप्पा खिलाने की कोशिश करता रहा.

यह भी पढ़ें: एशेज चौथा टेस्ट: पहले दिन ऑस्ट्रेलिया ने तीन विकेट खोकर 126 रन बनाए

शार्दुल ने मैच के दूसरे दिन दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी में 61 रन देकर सात विकेट अपने नाम किए. उनकी इस शानदार गेंदबाजी के कारण अफ्रीकी टीम ज्यादा लीड नहीं ले सकी और महज 229 रन पर ऑलआउट हो गई.

मैच के बाद शार्दुल ने कहा, सेंचुरियन और जोहान्सबर्ग दोनों जगह पर हमनें देखा कि पिच से तेज गेंदबाजों को अच्छी मदद मिली. हमें बस पिच पर सही जगह खोजना है और वहां पर गेंदबाजी करते रहना है. मैंने भी वही किया.

यह भी पढ़ें: आईसीसी टेस्ट गेंदबाजी रैंकिंग में बुमराह और शमी ने लगाई छलांग

इस दौरान शार्दुल ने अपने बचपन के कोच दिनेश लाद के बारे में भी बातें की. उन्होंने कहा, उनका मेरे क्रिकेटिंग करियर पर काफी प्रभाव रहा है. वही थे, जिन्होंने मुझमें प्रतिभा देखी. उन्होंने मेरा एडमिशन स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में कराया, वहीं से मेरी जिंदगी बदली.

हैदराबाद: जोहान्सबर्ग टेस्ट में टीम इंडिया की वापसी कराने वाले शार्दुल ठाकुर ने अपनी सफलता का राज बताया है. उन्होंने बताया, वे पूरे समय पिच की एक खास जगह पर गेंदबाजी करने की कोशिश करते रहे. क्योंकि उस जगह पर टप्पा खाने के बाद गेंद नीचे रहते हुए दाहिने हाथ के बल्लेबाजों के लिए मुसीबत बन रही थी.

उन्होंने बताया, मैंने जब गेंदबाजी शुरू की तो पाया कि 22 यार्ड की विकेट में एक जगह गेंद टप्पा खाने के बाद सीधे बल्लेबाज के ऊपर आ रही थी. यहां से गेंदें नीचे भी रह रहीं थीं. इसीलिए मैं पूरे समय उसी जगह पर गेंदबाजी करने और उस क्रेक पर गेंद को टप्पा खिलाने की कोशिश करता रहा.

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शार्दुल ने मैच के दूसरे दिन दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी में 61 रन देकर सात विकेट अपने नाम किए. उनकी इस शानदार गेंदबाजी के कारण अफ्रीकी टीम ज्यादा लीड नहीं ले सकी और महज 229 रन पर ऑलआउट हो गई.

मैच के बाद शार्दुल ने कहा, सेंचुरियन और जोहान्सबर्ग दोनों जगह पर हमनें देखा कि पिच से तेज गेंदबाजों को अच्छी मदद मिली. हमें बस पिच पर सही जगह खोजना है और वहां पर गेंदबाजी करते रहना है. मैंने भी वही किया.

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इस दौरान शार्दुल ने अपने बचपन के कोच दिनेश लाद के बारे में भी बातें की. उन्होंने कहा, उनका मेरे क्रिकेटिंग करियर पर काफी प्रभाव रहा है. वही थे, जिन्होंने मुझमें प्रतिभा देखी. उन्होंने मेरा एडमिशन स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में कराया, वहीं से मेरी जिंदगी बदली.

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