सिडनी: भारत के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने सिडनी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी तीसरे टेस्ट मैच के दौरान भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ हुई नस्लीय टिप्पणी की घटनाओं की निंदा की है और कहा है कि क्रिकेट कभी भेदभाव नहीं करता है और जो लोग इस तरह की घटनाओं में शामिल हैं, उन्हें कभी भी स्पोर्टिग एरेना में जगह नहीं मिलनी चाहिए.
सचिन ने ट्विटर के माध्यम से इस मामले पर अपने विचार प्रकट किए और कहा कि खेल कभी भी भेदभाव नहीं करता. यह समाज को जोड़ने का काम करता है ना कि तोड़ने का.
47 साल के सचिन ने लिखा, "खेल हमें एकजुट करने के लिए है. क्रिकेट कभी भेदभाव नहीं करता. बल्ले और गेंद से कमाल करना किसी व्यक्ति की खास काबिलियत है. इसका नस्ल, रंग, धर्म या फिर राष्ट्रीयता से कोई लेना देना नहीं होता. जो लोग इस तरह की घटनाओं में शामिल हैं, उन्हें कभी भी स्पोर्टिग एरेना में जगह नहीं मिलनी चाहिए."
उल्लेखनीय है कि सिडनी टेस्ट के दौरान दर्शकों की ओर से दो बार भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी की गई. एक घटना शनिवार को हुई थी जिसमें मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह के खिलाफ कुह आपत्तिजनक कहा गया था और एक घटना रविवारको हुई जब मोहम्मद सिराज के खिलाफ टिप्पणी की गई.
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दुनिया भर के क्रिकेटरों ने इन घटनाओं की निंदा की है. आईसीसी ने इस लेकर घोर आपत्ति जताई है. सीए ने इसे लेकर जांच शुरू कर दी है. रविवार की घटना के बाद पुलिस ने छह लोगों को स्टेडियम के बाहर किया.
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि इस तरह की घटनाएं बर्दास्त नहीं की जाएंगी. अपने ट्वीट में विराट ने लिखा, "नस्लीय गालियां देना स्वीकार नहीं किया जा सकता है, बाउंड्री लाइन पर मुझे भी बहुत ही घटिया बातें सुननी पड़ी हैं, यह बदमाशी की चरम सीमा है. मैदान पर यह सब होते देखकर दुख होता है, इस घटना पर बिना किसी देरी के और गंभीरता से काम किया जाना चाहिए. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से ही काम बनेगा.''