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नस्लवाद के खिलाफ नंगे पैर घेरा बना विरोध दर्ज कराएगी ऑस्ट्रेलियाई टीम - Australia fight against racism

पैट कमिंस ने कहा, "हमने नंगे पर घेरा बनाकर खड़े होने का फैसला किया हैं. हम इसे हर सीरीज में करना चाहते हैं और ये हमारे लिए काफी आसान फैसला रहा. एक बार जब आपको इस चीज के बारे में पता चल जाता है तो ये आसान फैसला होता है. सिर्फ खेल के तौर पर ही नहीं हम इंसानियत के तौर पर भी नस्लवाद के खिलाफ हैं."

Australia team to protest against racism during India's tour to Australia
Australia team to protest against racism during India's tour to Australia
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Published : Nov 16, 2020, 9:22 PM IST

सिडनी: तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने सोमवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया की पुरुष क्रिकेट टीम हर अंतरराष्ट्रीय सीरीज से पहले नस्लवाद के खिलाफ नंगे पैर घेरा बनाकर अपना विरोध दर्ज कराएगी.

कमिंस ने माना कि उनकी टीम ने नस्लवाद के खिलाफ पहले ज्यादा कुछ नहीं किया.

ये भी पढ़े: भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया को मिलेगा घर में खेलने का फायदा: पैट कमिंस

एक मीडिया हाउस ने कमिंस के हवाले से लिखा है, "हमने नंगे पर घेरा बनाकर खड़े होने का फैसला किया हैं. हम इसे हर सीरीज में करना चाहते हैं और ये हमारे लिए काफी आसान फैसला रहा. एक बार जब आपको इस चीज के बारे में पता चल जाता है तो ये आसान फैसला होता है. सिर्फ खेल के तौर पर ही नहीं हम इंसानियत के तौर पर भी नस्लवाद के खिलाफ हैं."

उन्होंने कहा, "हम अपना हाथ ऊपर कर कह सकते हैं कि हमने अतीत में इसके खिलाफ ज्यादा कुछ नहीं किया है, लेकिन हम बेहतर करना चाहते हैं. इसलिए ये एक छोटी चीज है जो हम इन गर्मियों में जोड़ना चाहते हैं."

कमिंस ने कहा कि खिलाड़ी निजी तौर पर इस संबंध में अलग-अलग तरीके से अपना रुख जाहिर कर सकते हैं लेकिन एक टीम के तौर पर नंगेपैर घेरा बनाकर खड़ा होना उन्हें सबसे उपयुक्त लगा.

उन्होंने कहा, "साथ ही हम अपनी शिक्षा को लेकर काम करने वाले हैं. हम ऑस्ट्रेलिया के अपने इतिहास के बारे में सीखने वाले हैं."

वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया की सीमित ओवरों की टीम के कप्तान एरॉन फिंच और इंग्लैंड की सीमित ओवरों की टीम के कप्तान इयोन मोर्गन को सीरीज में नस्लवाद के खिलाफ आवाज न उठाने और नस्लवाद के विरोध में एक घुटने पर न बैठने के कारण आड़े हाथों लिया था.

इसकी शुरुआत इंग्लैंड और वेस्टइंडीज सीरीज से हुई थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई सीरीजों में ऐसा देखने को नहीं मिला था.

सिडनी: तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने सोमवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया की पुरुष क्रिकेट टीम हर अंतरराष्ट्रीय सीरीज से पहले नस्लवाद के खिलाफ नंगे पैर घेरा बनाकर अपना विरोध दर्ज कराएगी.

कमिंस ने माना कि उनकी टीम ने नस्लवाद के खिलाफ पहले ज्यादा कुछ नहीं किया.

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एक मीडिया हाउस ने कमिंस के हवाले से लिखा है, "हमने नंगे पर घेरा बनाकर खड़े होने का फैसला किया हैं. हम इसे हर सीरीज में करना चाहते हैं और ये हमारे लिए काफी आसान फैसला रहा. एक बार जब आपको इस चीज के बारे में पता चल जाता है तो ये आसान फैसला होता है. सिर्फ खेल के तौर पर ही नहीं हम इंसानियत के तौर पर भी नस्लवाद के खिलाफ हैं."

उन्होंने कहा, "हम अपना हाथ ऊपर कर कह सकते हैं कि हमने अतीत में इसके खिलाफ ज्यादा कुछ नहीं किया है, लेकिन हम बेहतर करना चाहते हैं. इसलिए ये एक छोटी चीज है जो हम इन गर्मियों में जोड़ना चाहते हैं."

कमिंस ने कहा कि खिलाड़ी निजी तौर पर इस संबंध में अलग-अलग तरीके से अपना रुख जाहिर कर सकते हैं लेकिन एक टीम के तौर पर नंगेपैर घेरा बनाकर खड़ा होना उन्हें सबसे उपयुक्त लगा.

उन्होंने कहा, "साथ ही हम अपनी शिक्षा को लेकर काम करने वाले हैं. हम ऑस्ट्रेलिया के अपने इतिहास के बारे में सीखने वाले हैं."

वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया की सीमित ओवरों की टीम के कप्तान एरॉन फिंच और इंग्लैंड की सीमित ओवरों की टीम के कप्तान इयोन मोर्गन को सीरीज में नस्लवाद के खिलाफ आवाज न उठाने और नस्लवाद के विरोध में एक घुटने पर न बैठने के कारण आड़े हाथों लिया था.

इसकी शुरुआत इंग्लैंड और वेस्टइंडीज सीरीज से हुई थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई सीरीजों में ऐसा देखने को नहीं मिला था.

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