नई दिल्ली: भारत को 2012 में अपनी कप्तानी में अंडर- 19 विश्व कप खिताब दिलाने वाले उनमुक्त चंद ने भारतीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. वह अमेरिका के लिए खेल सकते हैं. उनमुक्त पिछले कुछ महीनों से अमेरिका में हैं और वह शायद साल 2023 की शुरूआत से मेजर लीग क्रिकेट का हिस्सा बन सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, इस साल विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली टी-20 जैसे सीमित ओवरों के टूर्नामेंट में अपनी राज्य की टीम दिल्ली में जगह नहीं बना पाने के कारण उन्हें नए सिरे से देखने के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्मुक्त का उत्तराखंड टीम के साथ साल 2019-20 का सीजन भी खास नहीं रहा था. उन्हें राज्य का साथ छोड़ 2020-21 के सीजन में दिल्ला के लिए भाग्य आजमाना पड़ा था. उत्तराखंड के लिए अपने पिछले छह मैचों में उन्होंने 144 रन बनाए थे.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान के खिलाफ इंग्लैंड के मुकाबले रावलपिंडी में होंगे
हालांकि, उन्मुक्त को साल 2020-21 के सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए दिल्ली के चयनकर्ताओं ने नहीं चुना था. लेकिन उन्हें विजय हजारे ट्रॉफी के लिए चुना गया था. हालांकि, वह एक मैच भी नहीं खेल सके थे. बल्लेबाज उन भारतीय घरेलू खिलाड़ियों में शूमार हो सकते हैं, जो अमेरिका में शिफ्ट हो रहे हैं.
यह भी पढ़ें: रेसलर योगेश्वर ने विनेश का समर्थन करते हुए कहा, वो उनका दिन नहीं था
उनसे पहले पंजाब के सनी सोहाल, सरबजीत लाडा और राजेश शर्मा तथा मुंबई के हरमीत सिंह, गुजरात के स्मित पटेल और दिल्ली के मिलिंग कुमार भी अमेरिका का रुख कर चुके हैं. हरमीत और पटेल उन्मुक्त के अंडर- 19 टीम के साथ थे, जिन्होंने विश्व कप जीता था.
उन्मुक्त ने साल 2010 में डेब्यू किया था और 67 प्रथम श्रेणी मैच खेले, जिसमें 31.57 के औसत से 3379 रन बनाए. लिस्ट ए के 120 मैचों में उन्होंने 41.33 के औसत से 4505 रन और 77 टी20 में 1565 रन बनाए.