लंदन: ऑस्ट्रेलिया में एशेज सीरीज में इंग्लैंड के खराब प्रदर्शन को देखते हुए पूर्व कप्तान माइकल आथर्टन ने कहा है कि देश के क्रिकेटरों को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में खेलने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर नहीं होना चाहिए.
इंग्लैंड की टीम शुरुआती तीन मैचों में करारी हार के बाद पहले ही ऑस्ट्रेलिया में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज गंवा चुकी है और टीम के लचर प्रदर्शन की पूर्व खिलाड़ियों ने कड़ी आलोचना की है.
आथर्टन ने ‘द टाइम्स’ में अपने कॉलम में लिखा, "खिलाड़ियों को आईपीएल में खेलने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बाहर नहीं रहना चाहिए, ना ही कहीं और खेलने के लिए आराम दिया जाना चाहिए और ना ही रोटेट किया जाना चाहिए."
लुभावने आईपीएल के संदर्भ में इस पूर्व कप्तान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाल गेंद के प्रारूप में इंग्लैंड की टीम के प्रदर्शन में सुधार के लिए सुझाव दिए.
आथर्टन ने कहा, "कई प्रारूप में खेलने वाले प्रमुख खिलाड़ियों को सात अंक में धनराशि दी जाती है लेकिन अजीब है कि साल के दो महीने इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान ईसीबी उनसे हाथ धो बैठता है."
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उन्होंने कहा, "खिलाड़ियों को बताया जाना चाहिए कि ईसीबी आईपीएल में खेलने के आग्रह पर विचार करेगा लेकिन उनका अनुबंध पूरे 12 महीने का है ओर आईपीएल तथा अन्य फ्रेंचाइजी प्रतियोगिताओं में खेलने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जाना इस पर निर्भर करता है कि यह इंग्लैंड टीम के सर्वश्रेष्ठ हित में हो."
इंग्लैंड की 1993 से 2001 के बीच 54 टेस्ट में कप्तानी करने वाले आथर्टन का मानना है कि पांच दिवसीय प्रारूप में बेन स्टोक्स मौजूदा कप्तान जो रूट की जगह लेने के लिए व्यावहारिक विकल्प हैं.
पिछले साल बल्ले से शानदार प्रदर्शन करने वाले रूट की आस्ट्रेलिया में कप्तानी को लेकर आलोचना हुई है.
आथर्टन ने लिखा, "चयन से लेकर रणनीति पर इतनी अधिक गलतियां की गई कि कप्तान को निजी तौर पर जिम्मेदारी लेनी होगी। रूट अगर मैदान पर चीजें सही करते तो यह इससे काफी अधिक करीबी श्रृंखला होती."
आथर्टन ने साथ ही कहा कि मुख्य कोच क्रिस सिल्वरवुड को बाहर का रास्ता दिखाने का समय आ गया है.
चौथा टेस्ट सिडनी में पांच जनवरी से शुरू होगा.