नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट बुधवार को इस बात पर राजी हुआ है कि वो बीसीसीआई के संविधान में संशोधन संबंधी याचिका पर दो सप्ताह बाद सुनवाई करेगा.
बता दें कि बीसीसीआई के संविधान संशोधन में कूलिंग ऑफ पीरियड के नियम में बदलाव करने की अपील की गई थी जिसकी वजह से अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह अपने पद पर बने रह सकेंगे.
चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अगुवाई वाली दो जजों की बेंच के सामने इस मामले की सुनवाई होनी थी. ऐसा माना जा रहा था कि सौरव गांगुली और जय शाह अपने पदों पर बने रह पाएंगे या नहीं, ये फैसला आज ही हो जाएगा लेकिन ये मामला अब दो सप्ताह आगे बढ़ गया.
सौरव गांगुली और जय शाह ने दो कार्यकाल के बाद कूलिंग-ऑफ पीरियड के पालन की बाध्यता को खत्म करने की अपील की थी. पिछले साल अक्टूबर में पद संभालने वाले सौरव गांगुली का कार्यकाल इस महीने खत्म हो रहा है. वहीं, जय शाह का कार्यकाल पिछले महीने खत्म हो गया है.
बीसीसीआई के वर्तमान नियमों के अनुसार दोनों को कूलिंग ऑफ पीरियड में जाना होगा लेकिन इस अपील पर सुनवाई के बाद समीकरण कुछ और हो सकते हैं.
लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू होने के बाद ये नियम बन गया था कि कोई भी व्यक्ति राज्य क्रिकेट संघ या बीसीसीआई में लगातार 6 साल तक किसी भी पद पर बना रहता है तो उसे इसके बाद 3 साल के अनिवार्य कूलिंग ऑफ पीरियड में जाना होगा.