मुंबई: सौरव गांगुली ने बीसीसीआई के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी को बहुत चुनौतीपूर्ण मानते हुए कहा कि ये उनके लिए बड़ा मौका है. देश के इस सफलतम पूर्व कप्तान ने कहा, 'ये कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है क्योंकि ऐसे समय में बोर्ड की कमान संभाल रहा हूं जब उसकी छवि काफी खराब हुई है.' गांगुली ने अध्यक्ष पद की होड़ में बृजेश पटेल को पछाड़ दिया है और अब इस पद के लिए अकेले उम्मीदवार हैं.
अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालना चुनौतीपूर्ण
मीडिया से की विशेष बातचीत में उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष पद की चुनौतियां और भविष्य पर अपनी सोच बताई. पूर्व कप्तान ने कहा, 'आपको दोपहर 3 बजे तक इंतजार करना होगा. निश्चित तौर पर ये बहुत अच्छा अहसास है क्योंकि मैंने देश के लिए खेला है और कप्तान रहा हूं.' बतौर बीसीसीआई अध्यक्ष चुनौतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं ऐसे समय में कमान संभालने जा रहा हूं जब पिछले 3 साल से बोर्ड की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. इसकी छवि बहुत खराब हुई है. मेरे लिए ये कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है.'
प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल को बताया प्राथमिकता
घरेलू क्रिकेटरों की सही ट्रेनिंग पर जोर देते हुए गांगुली ने कहा कि उनकी प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल होगी. पूर्व कप्तान और अब खेल प्रशासक का इरादा भारतीय क्रिकेट के सभी पक्षों से मिलने का और सारे काम करने का है, जो पिछले 33 महीने में प्रशासकों की समिति नहीं कर सकी. उन्होंने अपनी योजना स्पष्ट करते हुए कहा, 'पहले मैं सभी से बात करूंगा और फिर फैसला लूंगा. मेरी प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल करना होगा. मैं 3 साल से सीओए से भी यही कहता आया हूं, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी. सबसे पहले मैं प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की आर्थिक स्थिति दुरुस्त करूंगा.'
10 महीने होगा गांगुली का कार्यकाल
कूलिंग ऑफ अवधि के कारण उन्हें जुलाई में पद छोड़ना होगा. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 18000 से अधिक रन बना चुके पूर्व कप्तान ने कहा कि निर्विरोध चुना जाना ही बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. कोलकाता के महाराज नाम से लोकप्रिय इस दिग्गज खिलाड़ी ने कहा, 'ये विश्व क्रिकेट का सबसे बड़ा संगठन है और जिम्मेदारी तो है ही, चाहे आप निर्विरोध चुने गए हों या नहीं. भारत क्रिकेट की महाशक्ति है तो ये चुनौती भी बड़ी होगी.'
'मुझे नहीं पता कि बोर्ड रूम राजनीति क्या होती है'
ये पूछने पर कि कार्यकाल सिर्फ नौ महीने का होने का क्या उन्हें अफसोस है. उन्होंने कहा, 'हां, यही नियम है और हमें इसका पालन करना है. जब मैं आया तो मुझे पता नहीं था कि मैं अध्यक्ष बनूंगा. पत्रकारों ने मुझसे पूछा तो मैंने बृजेश का नाम लिया. मुझे बाद में पता चला कि हालात बदल गए हैं. मैने कभी बीसीसीआई चुनाव नहीं लड़ा तो मुझे नहीं पता कि बोर्ड रूम राजनीति क्या होती है.'
गांगुली ने शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. पश्चिम बंगाल में चुनाव में क्या वे बीजेपी के लिए प्रचार करेंगे? उन्होंने ना में जवाब दिया. गांगुली ने बताया, 'ऐसा कुछ नहीं है. मुझसे किसी ने कुछ नहीं कहा.'
जगमोहन डालमिया के जिक्र पर भावुक हुए गांगुली
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया का जिक्र आने पर नए अध्यक्ष भावुक हो गए. उन्होंने कहा,‘मैंने कभी सोचा नहीं था कि इस पद पर मैं भी काबिज हो सकूंगा. वे मेरे लिए पितातुल्य थे. बीसीसीआई के कई बेहतरीन अध्यक्ष हुए हैं- एन. श्रीनिवासन, अनुराग जिन्होंने अच्छा काम किया.'