नई दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम इस समय बुरे दौर से गुजर रही है टीम अपनी पुरानी साख के मुताबिक खेल नहीं पा रही है. डिविलियर्स और हाशिम अमला के संन्यास के बाद जो सूनापन टीम की बल्लेबाजी में आया है उसे अभी तक भरा नहीं जा सका है, जैसा की हाल ही में भारत दौरे पर भी देखने को मिला था.
अमला को हालांकि लगता है कि ये सिर्फ कुछ समय की बात है.
अमला ने कहा कि लंबी योजना, देश के युवा बल्लेबाजों की मदद करना और उन्हें मैदान पर लाने के हिसाब से होनी चाहिए. उनका मानना है कि यह दौर हर टीम के साथ आता है जब वह वरिष्ठ खिलाड़ियों के संन्यास के बाद रीबिल्डिंग के दौर से गुजर रही होती है.
अमला ने कहा, "मैंने अभी संन्यास लिया है और जब हम खेल रहे थे, तब हमने लड़कों की मदद करने की कोशिश की. दक्षिण अफ्रीकी टीम के पास अनुभव है. उनके पास क्विंटन डी कॉक, फाफ डु प्लेसिस, कागिसो रबाडा जैसे खिलाड़ी हैं. ये खिलाड़ी लंबे समय से खेल रहे हैं."
अमला से जब पूछा गया कि क्या वो संन्यास से वापस आ सकते हैं तो उन्होंने कहा, "एक खिलाड़ी के तौर पर कोई चांस नहीं है."
भारत में टीम को मिली करारी हार पर अमला ने कहा कि एक पूर्व खिलाड़ी के तौर पर इसे देखना दुखद था.
उन्होंने कहा, "जाहिर सी बात है, कोई भी जो टीम का साथ देता होगा, वो इस तरह की हार से निराश होगा. मैं जानता हूं कि हर खिलाड़ी ने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन भारतीय टीम बेहतर निकली. हमारे पास मौके थे लेकिन हम ज्यादा देर तक उन्हें अपने पास नहीं रख सके. एक क्रिकेट प्रशंसक के तौर पर ये निराशाजनका था लेकिन दक्षिण अफ्रीकी टीम को जानते हुए, जिसके साथ मैं लंबे समय से रहा हूं, इस तरह के पल आते हैं और टीम इनसे मजबूती से वापसी करती है. विश्व में ऐसी कोई टीम नहीं है जो हमेशा जीतती हो. ऐसा समय होता है जब चीजें मुश्किल हो जाती हैं और ये समय दक्षिण अफ्रीका के लिए मुश्किल है."
अमला ने कहा कि भारत के गेंदबाजी आक्रमण ने चीजें मुश्किल कर दीं.
अपने समय के दिग्गज बल्लेबाजों में गिने जाने वाले अमला ने कहा, "भारत का गेंदबाजी आक्रमण काफी अच्छा है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में उनका हर गेंदबाज अपने शीर्ष पर था. हमारी टीम भी अतीत में इस तरह के दौर में रही है जहां हमारे सभी गेंदबाज फॉर्म में थे और हमने मैच भी जीते क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में अंत में आपको जीतने के लिए 20 विकेट चाहिए होते हैं."