हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पांड्या मैदान पर अपने प्रदर्शन से कमाल करते ही हैं लेकिन मैदान के बाहर भी उनके चर्चे अकसर होते रहते हैं. उन्होंने माना है कि उनके करियर में ऐसा दौर आया था, जब दूसरों की बातों का उनपर बहुत ज्यादा असर होता था.
हार्दिक ने कहा कि उन पर पहले दूसरों की बातों का बहुत असर होता था और परेशान हो जाते थे और तब ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने उनका काफी साथ दिया था. उन्होंने कहा, "मेरी आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस के कोच रिकी पोंटिंग ने एक बच्चे की तरह मुझे संभाला. मैने उनसे काफी कुछ सीखा है."
पंड्या ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली, मुख्य कोच रवि शास्त्री और एनसीए निदेशक राहुल द्रविड़ को भी धन्यवाद कहा. उन्होंने कहा, "विराट, रोहित या रवि सर आपको खेल का ककहरा नहीं सिखाते. उन्होंने मुझे आजादी दी है. उन्होंने मुझे सुरक्षा का भाव दिया और यही वजह है कि मैं अपने फैसले खुद लेने लगा."
उन्होंने द्रविड़ के बारे में कहा, "राहुल द्रविड़ मुझे वैसे ही स्वीकार किया, जैसा मैं हूं. उन्होंने कभी मुझे किसी कसौटी पर नहीं कसा. उन्होंने बतौर क्रिकेटर मेरा सम्मान किया."
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साल 2018 में पांड्या को चोट लगी थी जब उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप मैच के दौरान मैदान से स्ट्रेचर से ले जाया गया था. उन्होंने कहा, "मुझे लगा कि मेरा करियर खत्म हो गया क्योंकि मैंने कभी किसी को यूं स्ट्रेचर पर जाते हुए नहीं देखा. मेरा दर्द कम ही नहीं हो रहा था लेकिन मेरा शरीर तुरंत रिकवरी मोड में चला गया. एशिया कप वैसे भी आराम मिलने से पहले मेरा आखिरी टूर्नमेंट था जिसमें यह चोट लग गई."