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फंदे से लटके पाए गए केरल के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी सुरेश कुमार

केरल के एक पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ''वे अच्छे क्रिकेटर थे. उनकी समस्या यह थी कि वह शराब के आदी थे. वह झगड़ा भी करते थे, हालांकि उनकी आर्थिक स्थिति स्थिर थी. यह आत्महत्या का मामला लगता है."

former ranji cricketer found died
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Published : Oct 11, 2020, 12:01 PM IST

Updated : Oct 11, 2020, 2:41 PM IST

नई दिल्ली: पूर्व रेलवे और केरल के लेफ्ट आर्म स्पिनर मणि सुरेश कुमार (47) अपने केरल के अलाप्पुझा में घर की छत से फंदे से लटके पाए गए. वह भारत के पूर्व अंडर-19 'टेस्ट' टीम में राहुल द्रविड़ के साथी रह चुके हैं. उनके परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा है. मिली जानकारी के अनुसार, सुरेश की पत्नी और बेटे ने शुक्रवार शाम को उन्हें अपने बेडरूम के अंदर लटका पाया और पुलिस को इसकी सूचना दी.

केरल के एक पूर्व खिलाड़ी ने नाम न छापने की शर्त पर एक वेबसाइट को बताया, "वे अच्छे क्रिकेटर थे. उनकी समस्या यह थी कि वह शराब के आदी थे. वह झगड़ा भी करते थे, हालांकि उनकी आर्थिक स्थिति स्थिर थी. यह आत्महत्या का मामला लगता है."

सुरेश ने 1991-92 और 2005-06 के बीच 72 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 27.77 के औसत से 196 विकेट हासिल किए और साथ ही 1,657 रन बनाए, जिसमें एक शतक और सात अर्धशतक शामिल थे.

दक्षिणी रेलवे के एक अधिकारी सुरेश ने पहली बार 1991-92 में रणजी ट्रॉफी में केरल का प्रतिनिधित्व किया और फिर रेलवे में चले गए, जिसमें वह साल 1995-96 में कार्यरत थे. इसके बाद 1999-2000 से 2005-06 में अपने रणजी करियर के अंत तक उन्होंने फिर से केरल का प्रतिनिधित्व किया.

रणजी ट्रॉफी खेलने के अलावा, सुरेश ने दक्षिण क्षेत्र और मध्य क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए दिलीप ट्रॉफी भी खेली.

स्थानीय पुलिस ने कहा कि यह आत्महत्या का मामला लग रहा है, लेकिन इस मामले की जांच कर रहे हैं.

नई दिल्ली: पूर्व रेलवे और केरल के लेफ्ट आर्म स्पिनर मणि सुरेश कुमार (47) अपने केरल के अलाप्पुझा में घर की छत से फंदे से लटके पाए गए. वह भारत के पूर्व अंडर-19 'टेस्ट' टीम में राहुल द्रविड़ के साथी रह चुके हैं. उनके परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा है. मिली जानकारी के अनुसार, सुरेश की पत्नी और बेटे ने शुक्रवार शाम को उन्हें अपने बेडरूम के अंदर लटका पाया और पुलिस को इसकी सूचना दी.

केरल के एक पूर्व खिलाड़ी ने नाम न छापने की शर्त पर एक वेबसाइट को बताया, "वे अच्छे क्रिकेटर थे. उनकी समस्या यह थी कि वह शराब के आदी थे. वह झगड़ा भी करते थे, हालांकि उनकी आर्थिक स्थिति स्थिर थी. यह आत्महत्या का मामला लगता है."

सुरेश ने 1991-92 और 2005-06 के बीच 72 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 27.77 के औसत से 196 विकेट हासिल किए और साथ ही 1,657 रन बनाए, जिसमें एक शतक और सात अर्धशतक शामिल थे.

दक्षिणी रेलवे के एक अधिकारी सुरेश ने पहली बार 1991-92 में रणजी ट्रॉफी में केरल का प्रतिनिधित्व किया और फिर रेलवे में चले गए, जिसमें वह साल 1995-96 में कार्यरत थे. इसके बाद 1999-2000 से 2005-06 में अपने रणजी करियर के अंत तक उन्होंने फिर से केरल का प्रतिनिधित्व किया.

रणजी ट्रॉफी खेलने के अलावा, सुरेश ने दक्षिण क्षेत्र और मध्य क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए दिलीप ट्रॉफी भी खेली.

स्थानीय पुलिस ने कहा कि यह आत्महत्या का मामला लग रहा है, लेकिन इस मामले की जांच कर रहे हैं.

Last Updated : Oct 11, 2020, 2:41 PM IST
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