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अब मैं जब भी सेट हो जाता हूं तो बड़े रन बनाने की कोशिश करता हूं: मयंक अग्रवाल - Indore Test

बांग्लादेश के खिलाफ यहां पहले टेस्ट मैच में अपने करियर का दूसरा दोहरा शतक लगाने वाले मयंक अग्रवाल ने कहा, मैंने अपने जेहन असफलता का डर निकाल दिया है जिसके कारण मुझे में बहुत बड़ा बदलाव आया है.

Mayank Agarwal
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Published : Nov 15, 2019, 8:35 PM IST

इंदौर: भारत और बांग्लादेश के बीच चल रहे पहले टेस्ट के दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने अपनी पहली पारी में छह विकेट के नुकसान पर 493 रन बना लिए है. इसी के साथ भारत ने इस टेस्ट मैच में 343 रनों की बढ़त बना ली है.

दूसरा दिन भारतीय बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के नाम रहा. उन्होंने 330 गेंदों में 28 चौकों और 8 छक्कों की मदद से 243 रन बनाए. इसी के साथ मयंक ने अपना दूसरा दोहरा शतक पूरा किया और महान बल्लेबाज डॉन ब्रैडमेन से आगे निकल गए.

मयंक अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, उन्होंने अपने करियर में असफलता के बारे में सोचना छोड़ दिया था जिसके कारण उनका खेल और निखरकर कर सामने आया है.

वीडियो
उन्होंने कहा, "मानसिकता की बात की जाए तो मैंने अपने जेहन से असफलता का डर निकाल दिया है जिसके कारण मुझमें बहुत बड़ा बदलाव आया है. मन से डर को निकालने के बाद मुझमें रनों की भूख पैदा हो गई, ऐसा भी समय रहा है जब मैं रन नहीं बना पाया. अब मैं जब भी सेट हो जाता हूं तो बड़े रन बनाने की कोशिश करता हूं."
Mayank Agarwal, Indore test, INDvsBAN
दोहरा शतक लगाने के बाद मयंक अग्रवाल

अपने सफर पर बात करते हुए अग्रवाल ने कहा, "निश्चित रूप से मैंने अपने सफर का बहुत आनंद लिया है. मेलबर्न में मेरा पहला मैच खेलना बहुत खास था. मैंने टीम की जीत में योगदान दिया और भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती इससे मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ."

अग्रवाल ने कहा, "यही वे भावना है जो मुझे और टीम के बाकी खिलाड़ियों को आगे बढ़कर टूर्नामेंट जीतने के लिए प्रेरित करती है. मैं एक समय पर एक गेंद खेलने और जब तक संभव हो बल्लेबाजी करने का प्रयास करता हूं."

इंदौर: भारत और बांग्लादेश के बीच चल रहे पहले टेस्ट के दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने अपनी पहली पारी में छह विकेट के नुकसान पर 493 रन बना लिए है. इसी के साथ भारत ने इस टेस्ट मैच में 343 रनों की बढ़त बना ली है.

दूसरा दिन भारतीय बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के नाम रहा. उन्होंने 330 गेंदों में 28 चौकों और 8 छक्कों की मदद से 243 रन बनाए. इसी के साथ मयंक ने अपना दूसरा दोहरा शतक पूरा किया और महान बल्लेबाज डॉन ब्रैडमेन से आगे निकल गए.

मयंक अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, उन्होंने अपने करियर में असफलता के बारे में सोचना छोड़ दिया था जिसके कारण उनका खेल और निखरकर कर सामने आया है.

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उन्होंने कहा, "मानसिकता की बात की जाए तो मैंने अपने जेहन से असफलता का डर निकाल दिया है जिसके कारण मुझमें बहुत बड़ा बदलाव आया है. मन से डर को निकालने के बाद मुझमें रनों की भूख पैदा हो गई, ऐसा भी समय रहा है जब मैं रन नहीं बना पाया. अब मैं जब भी सेट हो जाता हूं तो बड़े रन बनाने की कोशिश करता हूं."
Mayank Agarwal, Indore test, INDvsBAN
दोहरा शतक लगाने के बाद मयंक अग्रवाल

अपने सफर पर बात करते हुए अग्रवाल ने कहा, "निश्चित रूप से मैंने अपने सफर का बहुत आनंद लिया है. मेलबर्न में मेरा पहला मैच खेलना बहुत खास था. मैंने टीम की जीत में योगदान दिया और भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती इससे मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ."

अग्रवाल ने कहा, "यही वे भावना है जो मुझे और टीम के बाकी खिलाड़ियों को आगे बढ़कर टूर्नामेंट जीतने के लिए प्रेरित करती है. मैं एक समय पर एक गेंद खेलने और जब तक संभव हो बल्लेबाजी करने का प्रयास करता हूं."

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अब मैं जब भी सेट हो जाता हूं तो बड़े रन बनाने की कोशिश करता हूं: मयंक अग्रवाल

इंदौर: भारत और बांग्लादेश के बीच चल रहे पहले टेस्ट के दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने अपनी पहली पारी में छह विकेट के नुकसान पर 493 रन बना लिए है. इसी के साथ भारत ने इस टेस्ट मैच में 343 रनों की बढ़त बना ली है.



दूसरा दिन भारतीय बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के नाम रहा. उन्होंने 330 गेंदों में 28 चौकों और 8 छक्कों की मदद से 243 रन बनाए. इसी के साथ मयंक ने अपना दूसरा दोहरा शतक पूरा किया और महान बल्लेबाज डॉन ब्रैडमेन से आगे निकल गए.



मयंक अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, उन्होंने अपने करियर में असफलता के बारे में सोचना छोड़ दिया था जिसके कारण उनका खेल और निखरकर कर सामने आया है.

उन्होंने कहा, "मानसिकता की बात की जाए तो मैंने अपने जेहन से असफलता का डर निकाल दिया है जिसके कारण मुझमें बहुत बड़ा बदलाव आया है. मन से डर को निकालने के बाद मुझमें रनों की भूख पैदा हो गई, ऐसा भी समय रहा है जब मैं रन नहीं बना पाया. अब मैं जब भी सेट हो जाता हूं तो बड़े रन बनाने की कोशिश करता हूं."



अपने सफर पर बात करते हुए अग्रवाल ने कहा, "निश्चित रूप से मैंने अपने सफर का बहुत आनंद लिया है. मेलबर्न में मेरा पहला मैच खेलना बहुत खास था. मैंने टीम की जीत में योगदान दिया और भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती इससे मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ."



अग्रवाल ने कहा, "यही वे भावना है जो मुझे और टीम के बाकी खिलाड़ियों को आगे बढ़कर टूर्नामेंट जीतने के लिए प्रेरित करती है. मैं एक समय पर एक गेंद खेलने और जब तक संभव हो बल्लेबाजी करने का प्रयास करता हूं."


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