सिडनी: शेन वार्न और स्टीव वॉ, 1990 के आखिर में ऑस्ट्रेलियाई टीम के दो शानदार चेहरे थे. वॉ ने बाद में ऑस्ट्रेलियाई टीम का नेतृत्व भी किया, लेकिन वार्न और वॉ के संबंधों में वर्षों से खटास रही है.
पूर्व कप्तान वॉ ने 1999 में ऑस्ट्रेलिया के वेस्टइंडीज दौरे के लिए वॉर्न को नहीं ले जाने का फैसला किया था. वॉ ने बताया है कि कैसे वह अपने सर्वश्रेष्ठ स्पिनर को चौथे और अंतिम टेस्ट से बाहर करने के फैसले पर पहुंचे.
वॉ ने इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक एथर्टन के साथ एक टीवी चैनल पर बातचीत के दौरान कहा, " कप्तान के रूप में वेस्टइंडीज का यह मेरा पहला दौरा था. एक कप्तान के रूप में आपसे मुश्किल फैसले लेने की उम्मीद की जाती है. इसलिए आपको यह काम दिया जाता है. आप वहां हर किसी को खुश करने के लिए नहीं होते हैं. मैं हमेशा एक निश्चित बिंदु पर अपने खिलाड़ियों के प्रति वफादार रहना चाहता था, लेकिन आप टीम और उनके प्रदर्शन के प्रति वफादार रहेंगे."
उन्होंने कहा, "टेस्ट मैच से पहले मैं शेन के साथ संपर्क कर रहा था. मैच से पहले,हमारा एक कार्यक्रम था और इसलिए हमारे बीच सीधी बातचीत हुई और मैंने कुछ चीजों का उल्लेख किया. अगले दिन मैं टीम की एक बैठक में
वॉ ने कहा, " उन दिनों, जब आप दौरे पर होते थे तो दो खिलाड़ी और कोच, टीम को चुनती थी. चयनकतार्ओं का इससे कोई लेना-देना नहीं था. मुझे यह अजीब लगा क्योंकि आपके पास चयनकर्ता थे जो घरलेू सीरीज के लिए टीम चुन रहे थे. लेकिन विदेश दौरे पर निर्णय लेना कप्तान के ऊपर था."
पूर्व कप्तान ने कहा, " वार्न, एक कंधे की सर्जरी से ठीक होकर वापस आए थे. मुझे लगता है कि उन्हें टीम में भी जल्दी वापस लाया गया था. हमारे पास स्टुअर्ट मैकगिल थे, जो पिछले टेस्ट मैच में गेंद को उसी तरह से घुमा रहे थे. विंडीज दौरे पर ब्रायन लारा स्पिनरों को अच्छे से खेल रहा था, इसलिए मुझे लगा कि यह सही फैसला है."
बिना वार्न के उतरी उस सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई टीम को 2-2 से ड्रॉ खेलना पड़ा था.
स्टीव वॉ ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 325 वनडे खेले है जिसमे उन्होंने 7569 रन बनाए है. इस दौरान उनके बल्ले से 45 अर्धशतक और तीन शतक निकले है. इसके अलावा उन्होंने 168 टेस्ट भी खेले है जिसमे उन्होंने 10927 रन बनाए है.