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NDTL के निलंबन पर बीसीसीआई ने नाडा से पूछे सवाल

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Published : Aug 24, 2019, 3:31 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 3:00 AM IST

बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी ने नाडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिखकर नाडा और वाडा के बीच जारी विवाद पर जानकारी प्राप्त करने और दोनों के बीच बिगड़ती स्थिति को सुधारने की मांग की.

Rahul johr

नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सीईओ राहुल जौहरी ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के महानिदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिखकर नाडा और विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के बीच जारी विवाद पर स्थिति साफ करने के लिए कहा.

वाडा ने शुक्रवार को यहां स्थित भारत की राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया. इस निलंबन ने देश के डोपिंग रोधी कार्यक्रम को बड़े पैमाने पर झटका दिया है क्योंकि 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक में अब बेहद कम समय बचा है.

इसके अलावा, बीसीसीआई ने भी हाल में नाडा के दायरे में आने की बात मान ली थी.

बीसीसीआई लोगो
बीसीसीआई लोगो

जौहरी ने पत्र में लिखा, "मीडिया रिपोर्टस के माध्यम से हमें पता चला है कि वाडा की जांच के दौरान एनडीटीएल की प्रयोगशालाओं के लिए तय अंतर्राष्ट्रीय मानकों (आईएसएल) के अनुरूप नहीं पाया गया जिसके कारण उसे छह महीने के लिए निलंबित किया गया है."

जौहरी ने लिखा, "हम आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया हमें बताएं कि यह निलंबन बीसीसीआई के घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिताओं में नाडा द्वारा एकत्र किए गए नमूनों को कैसे प्रभावित करेगा चूंकि एनडीटीएल हमारे क्रिकेटरों के नमूनों का परीक्षण करने में असमर्थ है, इसलिए नमूनों को सही से रखने और प्रत्येक नमूने का समय पर सुनिश्चित करने का तरीका क्या है."

सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनी गई प्रशासकों की समिति (सीओए) ने कहा था कि उसने इस मुद्दे पर किसी प्रकार का संज्ञान नहीं लिया है.

नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सीईओ राहुल जौहरी ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के महानिदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिखकर नाडा और विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के बीच जारी विवाद पर स्थिति साफ करने के लिए कहा.

वाडा ने शुक्रवार को यहां स्थित भारत की राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया. इस निलंबन ने देश के डोपिंग रोधी कार्यक्रम को बड़े पैमाने पर झटका दिया है क्योंकि 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक में अब बेहद कम समय बचा है.

इसके अलावा, बीसीसीआई ने भी हाल में नाडा के दायरे में आने की बात मान ली थी.

बीसीसीआई लोगो
बीसीसीआई लोगो

जौहरी ने पत्र में लिखा, "मीडिया रिपोर्टस के माध्यम से हमें पता चला है कि वाडा की जांच के दौरान एनडीटीएल की प्रयोगशालाओं के लिए तय अंतर्राष्ट्रीय मानकों (आईएसएल) के अनुरूप नहीं पाया गया जिसके कारण उसे छह महीने के लिए निलंबित किया गया है."

जौहरी ने लिखा, "हम आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया हमें बताएं कि यह निलंबन बीसीसीआई के घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिताओं में नाडा द्वारा एकत्र किए गए नमूनों को कैसे प्रभावित करेगा चूंकि एनडीटीएल हमारे क्रिकेटरों के नमूनों का परीक्षण करने में असमर्थ है, इसलिए नमूनों को सही से रखने और प्रत्येक नमूने का समय पर सुनिश्चित करने का तरीका क्या है."

सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनी गई प्रशासकों की समिति (सीओए) ने कहा था कि उसने इस मुद्दे पर किसी प्रकार का संज्ञान नहीं लिया है.

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बीसीसीआई ने निलंबन पर नाडा से सवाल किया





नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सीईओ राहुल जौहरी ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के महानिदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिखकर नाडा और विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के बीच जारी विवाद पर स्थिति साफ करने के लिए कहा. 



वाडा ने शुक्रवार को यहां स्थित भारत की राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया. इस निलंबन ने देश के डोपिंग रोधी कार्यक्रम को बड़े पैमाने पर झटका दिया है क्योंकि 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक में अब बेहद कम समय बचा है. 



इसके अलावा, बीसीसीआई ने भी हाल में नाडा के दायरे में आने की बात मान ली थी. 



जौहरी ने पत्र में लिखा, "मीडिया रिपोर्टस के माध्यम से हमें पता चला है कि वाडा की जांच के दौरान एनडीटीएल की प्रयोगशालाओं के लिए तय अंतर्राष्ट्रीय मानकों (आईएसएल) के अनुरूप नहीं पाया गया जिसके कारण उसे छह महीने के लिए निलंबित किया गया है."



जौहरी ने लिखा, "हम आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया हमें बताएं कि यह निलंबन बीसीसीआई के घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिताओं में नाडा द्वारा एकत्र किए गए नमूनों को कैसे प्रभावित करेगा चूंकि एनडीटीएल हमारे क्रिकेटरों के नमूनों का परीक्षण करने में असमर्थ है, इसलिए नमूनों को सही से रखने और प्रत्येक नमूने का समय पर सुनिश्चित करने का तरीका क्या है."



सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनी गई प्रशासकों की समिति (सीओए) ने कहा था कि उसने इस मुद्दे पर किसी प्रकार का संज्ञान नहीं लिया है. 


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Last Updated : Sep 28, 2019, 3:00 AM IST

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