नई दिल्ली: भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल का मानना है कि जब वह कुलदीप यादव के साथ भारतीय टीम के लिए खेलते हैं तो बल्लेबाजों को अधिक विविधताओं से निपटना होता है.
चहल ने एक क्रिकेट वेबसाइट के शो में कहा, "हम दोनों कलाई के स्पिनर हैं और शुरुआती दिनों से ही एक साथ गेंदबाजी करते आ रहे हैं. जब हम एक साथ खेलते हैं तो बल्लेबाजों के पास निपटने के लिए अधिक विविधताएं होती है. अगर मैं कुछ अच्छे ओवर करता हूं तो इससे कुलदीप के छोर से भी कुछ अच्छा होगा."
चहल, कुलदीप और रवींद्र जडेजा काफी समय एक साथ भारतीय टीम के लिए खेलते आ रहे हैं.
उन्होंने कहा, "अगर आप एकमात्र स्पिनर के रूप में खेलते हैं तो आपकी जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है. साथ ही कप्तान के लिए भी यह मुश्किल हो जाता है कि वह आपके 10 ओवरों का इस्तेमाल कैसे करें."
चहल ने कहा, " जब दो स्पिनर खेलते हैं तो कप्तान के लिए भी 20 ओवरों की गेंदबाजी कराना आसान हो जाता है. खासकर तब जब वह जानते हैं कि उनके पास कोई अतिरिक्त गेंदबाज नहीं है. अगर गेंद टर्न होती है, तो आपको पता होता है कि आपके पास दूसरा फ्रंट लाइन स्पिनर भी है. जब स्पिनर दोनों छोर से गेंदबाजी करते हैं तो मैच की गति भी बढ़ जाती है। अगर एक ही स्पिनर होता है तो फिर से बीच के ओवरों में गेंदबाजी करना मुश्किल हो जाता है."
चहल ने भारत के लिए अब तक 52 वनडे और 42 टी 20 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने क्रमश: 91 और 55 विकेट लिए हैं.
चहल को सफेद गेंद विशेषज्ञ माना जाता है लेकिन वह टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित रहते हैं.
चहल ने कहा, " अगर मुझे भारत के लिए एक भी टेस्ट मैच खेलने का मौका मिलता है या फिर अगर मैं टेस्ट टीम में भी चुना जाता हूं तो मुझे बहुत खुशी होगी. यह पूरी तरह से एक अलग अहसास होगा."
चहल ने लार पर प्रतिबंध लगाने को लेकर कहा, " स्पिनर भी गेंद को चमकाने के लिए लार का उपयोग करते हैं, क्योंकि हमें पता होता है कि हमारे बाद तेज गेंदबाज गेंद थामंगे या वह दूसरे छोर से गेंदबाजी कर रहा होता है. मैं गेंद को उस स्थिति में रखना पसंद करता हूं जिससे उससे तेज गेंदबाजों को मदद मिले. तेज गेंदबाज भी ऐसा सोचते हैं, जब वे देखते हैं कि स्पिनर आने वाले हैं तो वे गेंद को बहुत अधिक चमकाने से बचते हैं. हम इस तरह से रणनीति बनाते हैं"