बेंगलुरु: लोकप्रिय दक्षिण भारतीय अभिनेता अर्जुन सरजा को दक्षिण भारतीय अभिनेत्री श्रुति हरिहरन द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए यौन दुराचार के आरोपों से मुक्त कर दिया गया है.
पुलिस ने मंगलवार को कहा कि कर्नाटक पुलिस ने इस संबंध में प्रथम अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) अदालत को बी-रिपोर्ट सौंपी है.
अभिनेत्री श्रुति हरिहरन ने साल 2018 में अपने सोशल मीडिया पर मी टू कैंपेन के हिस्से के रूप में अर्जुन सरजा के खिलाफ चार पन्नों का बयान दिया था और खुलासा किया था कि कैसे वह हैशटैग मी टू मूवमेंट के लिए अपना समर्थन व्यक्त करते हुए इस घटना से प्रभावित हुई थीं. मामले की तीन साल पहले बेंगलुरु में कब्बन पार्क पुलिस ने जांच शुरु की थी.
श्रुति ने आरोप लगाया कि एक शॉट से पहले, अभिनेता ने रिहर्सल के बहाने उन्हें गले लगाया और उनकी सहमति के बिना उन्हें गलत तरीके से छुआ. श्रुति ने लिखा कि मैं चकित थी. मैं सिनेमा में यथार्थवाद का चित्रण करने के लिए हूं, लेकिन यह बिल्कुल गलत लगा. उनका इरादा गलत था. मुझे नफरत हुई थी कि उन्होंने ऐसा किया और मुझे गुस्सा आया, पर मुझे नहीं पता था कि तब मुझे क्या करना चाहिए.
पुलिस ने यह भी कहा कि पीड़ित श्रुति हरिहरन को भी इस बारे में आधिकारिक सूचना मिली है. पुलिस ने कहा कि कानूनी कार्यवाही और जांच के बाद सबूतों के अभाव में अर्जुन सरजा को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है.
श्रुति हरिहरन ने आरोप लगाया था कि उनके सह-कलाकार अर्जुन सरजा द्वारा फिल्म विस्मया की शूटिंग के दौरान उन्हें यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था.
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आरोप लगाए जाने के बाद, कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (केएफसीसी) ने भी हस्तक्षेप करने और इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की. क्योंकि कर्नाटक में अर्जुन सरजा के प्रशंसकों ने इसका विरोध किया था. श्रुति हरिहरन ने केएफसीसी द्वारा आयोजित बैठक में भाग लिया था और अपने आरोपों को दोहराया था .जब कि अर्जुन सरजा ने सभी आरोपों को गलत बताया था.
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