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'सांड की आंख' को एक साल, शूटिंग के दौरान मेकअप से जली भूमि की त्वचा

भूमि पेडनेकर और तापसी पन्नू स्टारर फिल्म 'सांड की आंख' की रिलीज को आज एक साल पूरे हो गए हैं. ऐसे में भूमि ने बताया कि इस फिल्म अपने किरदार को निभाने के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. मेकअप से उस समय अभिनेत्री की त्वचा भी जल गई थी.

When make-up burnt through Bhumi's skin during 'Saand Ki Aankh' shoot
'सांड की आंख' को एक साल, शूटिंग के दौरान मेकअप से जली भूमि की त्वचा
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Published : Oct 25, 2020, 5:36 PM IST

मुंबई : भूमि पेडनेकर के लिए फिल्म 'सांड की आंख' में वृद्ध महिला की भूमिका निभाना आसान नहीं था.

तुषार हीरानंदानी द्वारा निर्देशित, 'सांड की आंख' साल 2019 में रिलीज हुई थी, और यह भारत की सबसे बुजुर्ग शार्पशूटर, प्रकाशी तोमर और चंद्रो तोमर के जीवन पर आधारित थी.

भूमि ने चंद्रो तोमर की भूमिका निभाई थी, जिन्होंने काफी प्रशंसा हासिल की.

किरदार निभाने के दौरान सामना किए गए चुनौतियों के बारे में भूमि ने कहा, "मुझे लगता है कि 'सांड की आंख' से जुड़ी कठिनाई शारीरिक काम से जुड़ा था, क्योंकि उसका मेकअप खास था और ईमानदारी से कहूं तो यह बहुत कठिन था. उस अनुभव से गुजरना बहुत कठिन था, उसका मेकअप त्वचा पर बहुत कठोर था, उससे मेरी त्वचा जल गई थी और मुझे बहुत बड़ी एलर्जी का सामना करना पड़ा."

अभिनेत्री ने आगे कहा, "बॉडी लैंग्वेज को क्रैक करना और एक ऐसा किरदार निभाना जो अधिक आयु का है, हमेशा एक चुनौती भरा रहता है. इसलिए, मुझे लगता है कि शारीरिक रूप से यह मेरी सभी फिल्मों की तुलना में बहुत कठिन था."

हालांकि ऐसी प्रगतिशील और महत्वपूर्ण कंटेंट का एक हिस्सा होने को लेकर भूमि खुद को भाग्यशाली मानती हैं.

पढ़ें : शाहरुख और गौरी की शादी के 29 साल पूरे, खास अंदाज में बधाई दे रहे फैंस

उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि मेरा सिनेमा ऑफ-बीट है या नहीं. मुझे निश्चित रूप से लगता है कि मुख्य धारा सिनेमा की परिभाषा पिछले 5 वर्षों में काफी बदल गई है जहां मेरी फिल्मों ने उस परिवर्तन में योगदान दिया है. मैं वास्तव में इसे लेकर खुश हूं, क्योंकि यही कलाकारों का काम होता है."

(इनपुट-आईएएनएस)

मुंबई : भूमि पेडनेकर के लिए फिल्म 'सांड की आंख' में वृद्ध महिला की भूमिका निभाना आसान नहीं था.

तुषार हीरानंदानी द्वारा निर्देशित, 'सांड की आंख' साल 2019 में रिलीज हुई थी, और यह भारत की सबसे बुजुर्ग शार्पशूटर, प्रकाशी तोमर और चंद्रो तोमर के जीवन पर आधारित थी.

भूमि ने चंद्रो तोमर की भूमिका निभाई थी, जिन्होंने काफी प्रशंसा हासिल की.

किरदार निभाने के दौरान सामना किए गए चुनौतियों के बारे में भूमि ने कहा, "मुझे लगता है कि 'सांड की आंख' से जुड़ी कठिनाई शारीरिक काम से जुड़ा था, क्योंकि उसका मेकअप खास था और ईमानदारी से कहूं तो यह बहुत कठिन था. उस अनुभव से गुजरना बहुत कठिन था, उसका मेकअप त्वचा पर बहुत कठोर था, उससे मेरी त्वचा जल गई थी और मुझे बहुत बड़ी एलर्जी का सामना करना पड़ा."

अभिनेत्री ने आगे कहा, "बॉडी लैंग्वेज को क्रैक करना और एक ऐसा किरदार निभाना जो अधिक आयु का है, हमेशा एक चुनौती भरा रहता है. इसलिए, मुझे लगता है कि शारीरिक रूप से यह मेरी सभी फिल्मों की तुलना में बहुत कठिन था."

हालांकि ऐसी प्रगतिशील और महत्वपूर्ण कंटेंट का एक हिस्सा होने को लेकर भूमि खुद को भाग्यशाली मानती हैं.

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उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि मेरा सिनेमा ऑफ-बीट है या नहीं. मुझे निश्चित रूप से लगता है कि मुख्य धारा सिनेमा की परिभाषा पिछले 5 वर्षों में काफी बदल गई है जहां मेरी फिल्मों ने उस परिवर्तन में योगदान दिया है. मैं वास्तव में इसे लेकर खुश हूं, क्योंकि यही कलाकारों का काम होता है."

(इनपुट-आईएएनएस)

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