मुंबई : अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत को आज एक साल बीत गए. सुशांत केस में सीबीआई (CBI in Sushant Case) की जांच रिपोर्ट पर सीबीआई निदेशक (CBI Director) की मुहर नहीं लग पाई है. ऐसे वक्त में सुशांत के पारिवारिक वकील विकास सिंह (lawyer Vikas Singh) ने कहा कि ताज्जुब की बात है कि सुशांत सिंह राजपूत के मामले में सीबीआई कुछ नहीं कर पाई. सीबीआई को प्राथमिकी में नामजद लोगों और विशेष रूप से (सिद्धार्थ) पिठानी से हिरासत में पूछताछ करनी चाहिए. विकास सिंह ने कहा कि सिद्धार्थ ने समय-समय पर अपने रंग बदले हैं.
जल्द चार्जशीट दायर करने की वकील ने जताई उम्मीद
वकील विकास सिंह ने कहा कि प्रारंभ में, वह (सिद्धार्थ पिठानी) सुशांत के परिवार के साथ खड़े थे. लेकिन, जब तक उन्हें अदालत की ओर से आरोपी करार दिया जाता, तब तक उनके बर्ताव में बदलाव आ चुका था. विकास सिंह ने कहा कि आज मेरे सामने एम्स (AIIMS) की कुछ रिपोर्टें भी सामने आईं हैं. सुशांत सिंह राजपूत (SSR) की तस्वीर से गला घोंटने का निशान पाने के बाद एम्स के प्रमुख ने मुझे व्यक्तिगत रूप से बताया कि यह 200 प्रतिशत गला घोंटने का मामला है. अब अचानक सिद्धार्थ कह रहा है कि यह सीधा-सादा सुसाइड का मामला है.
सुशांत की मौत मामले में वकील विकास सिंह ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि नए सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल (Subodh Kumar Jaiswal) इस मामले को प्राथमिकता देने के साथ जल्द से जल्द चार्जशीट दायर करेंगे.'
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आज भी जारी सीबीआई की जांच
दूसरी तरफ, जांच में प्रगति के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने बताया कि जांच अब भी जारी है और सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है. बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने बिहार पुलिस के हाथों से जांच की जिम्मेदारी अपने हाथों में ली थी. बिहार पुलिस ने सुशांत के पिता की शिकायत पर आत्महत्या के लिए उकसाने का एक मामला दर्ज किया था.
सुशांत की मौत मामले की जांच के लिए सीबीआई ने एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित की थी, लेकिन वह बयान दर्ज करने और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों की एक टीम से फॉरेंसिक रिपोर्ट हासिल करने के अलावा मामले में ज्यादा प्रगति कर पाने में नाकाम रही थी.
यह भी दिलचस्प है कि सुशांत सिंह के मामले की जांच के बीच में ही पुराने सीबीआई निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला (Rishi Kumar Shukla) रिटायर हो चुके हैं. उन्होंने फाइल पर कोई कमेंट नहीं किया और अब देखना यह होगा कि नए निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल इस फाइल को क्लोज करते हैं या फिर कोई दूसरा निर्णय लेते हैं.
परिजनों और ग्रामीणों को न्याय का इंतजार
वहीं, अभिनेता सुशांत के पैतृक जिला पूर्णियां के धमदाहा प्रखंड के मल्लडीहा के रहने वाले सुशांत सिंह राजपूत के परिजनों व ग्रामीणों के जहन में आज भी उनकी यादें ताजा हैं. सभी को आज भी उनके बेटे गुलशन की संदेहास्पद मौत से पर्दा उठने का इंतजार है.
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परिजनों ने लगाई पीएम से गुहार
एक साल बाद भी सुशांत की मौत का रहस्य बना हुआ है. परिजनों का कहना है कि एक साजिश के तहत सुशांत की मौत की मिस्ट्री छुपाई गई है. आजतक यह भी पता नहीं चला कि उनकी मौत हुई तो क्यों हुई. इसके पीछे की वजह क्या है. परिजन अब प्रधानमंत्री से पूरे मामले में हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं. सुशांत के चचेरे भाई मनोज सिंह ने कहा कि हमें जांच एजेंसियों पर अब भरोसा नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हम अपील करते हैं कि वे खुद इस मामले में हस्तक्षेप करें और दिवगंत अभिनेता को इंसाफ दिलाएं.
'बहुत बड़ी राजनीतिक साजिश'
सुशांत के परिजन पूरे मामले को राजनीति से जुड़ा भी बता रहे हैं. उनका कहना है कि सुशांत कभी भी आत्महत्या करने वाला आदमी नहीं था. वह तो लोगों का प्रेरणा स्रोत था. ऐसा बोल्ड आदमी क्यों और कैसे आत्महत्या करेगा. उनकी मौत के रहस्य को छुपाया गया है. इसके पीछे बहुत बड़ी राजनीतिक साजिश है.
फिर सवालों में बॉलीवुड इंडस्ट्री
सुशांत के मित्र ओंकार सिंह कहते हैं कि जितना वे सभी सुशांत को जानते हैं वे कभी सुसाइड नहीं कर सकते. वे सादगी से भरे एक जिंदादिल इंसान थे. उनके आगे हर अभिनेता फीका है. उनकी व्यवहारिकता और कठिन परिश्रम ने उन्हें बुलंदियों तक पहुंचाया था.
इतने कम वक्त में बॉलीवुड में उनके सुशांत ने जो मुकाम हासिल किया, वह दूसरों के लिए नामुमकिन है. यही बात बॉलीवुड इंडस्ट्री के चंद मठाधीशों को खटकने लगी थी. उनकी मौत के पीछे बहुत बड़ी राजनीतिक साजिश है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)