मुंबई : अभिनेता सोनू सूद जल्द ही एक किताब लिखने वाले हैं, जिसमें वह कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने में मदद करने के अपने अनुभव के बारे में बताएंगे.
उन्होंने कहा, 'पिछले साढ़े तीन महीने मेरे लिए एक तरह का जीवन बदलने वाला अनुभव रहा है (अभिनेता प्रवासियों के साथ दिन में 16 से 18 घंटे तक रहते और उनका दर्द बांटते थे). उनके चेहरे पर मुस्कान देखकर, उनकी आंखों में खुशी के आंसू मेरे जीवन का सबसे खास अनुभव रहा है और मैंने प्रतिज्ञा की है कि मैं उन्हें वापस भेजने के लिए काम करता रहूंगा.'
सोनू ने घोषणा की कि जब तक अंतिम प्रवासी अपने गांव नहीं पहुंच जाता, तब तक वह उनकी मदद करते रहेंगे.
अभिनेता ने आगे कहा, "मुझे विश्वास है कि मैं इसके लिए इस शहर में आया था - यह मेरा उद्देश्य था. प्रवासियों की मदद कर पाने के लिए मैं भगवान को धन्यवाद देना चाहता हूं. जबकि मुंबई में मेरा दिल धड़कता है, इस आंदोलन के बाद मुझे लगता है कि मेरा एक हिस्सा रहता है."
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एक्टर ने कहा, 'यूपी, बिहार, झारखंड, असम, उत्तराखंड और कई अन्य राज्यों के गांव, जहां मुझे अब नए दोस्त मिले हैं और गहरे संबंध बनाए हैं. मैंने एक किताब के माध्यम से इन अनुभवों, कहानियों को अपनी आत्मा में संजोए रखने का फैसला किया है. यह किताब पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया द्वारा प्रकाशित की जानी है."